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उत्तराखंड के पूर्व सूचना आयुक्त अनिल शर्मा का कोरोना से निधन

उत्तराखंड के पूर्व सूचना आयुक्त अनिल शर्मा का कोरोना से निधन हो गया. कुछ दिन पहले अनिल शर्मा कोरोना से संक्रमित हुए थे. उनका गुरुग्राम में एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था.

Anil Sharma dies from Corona
अनिल शर्मा का कोरोना से निधन
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Published : May 6, 2021, 11:49 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. उत्तराखंड के पूर्व सूचना आयुक्त अनिल शर्मा का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया. कुछ दिन पहले अनिल शर्मा कोरोना संक्रमित हुए थे. उनका गुरुग्राम में एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान तबीयत ज्यादा बिगड़ने की वजह उनकी 66 वर्ष की उम्र में मौत हो गई.

बता दें कि, अनिल कुमार शर्मा सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता रहे थे. साल 2010 में अनिल शर्मा को उत्तराखंड में सूचना आयुक्त बनाया गया था. बतौर सूचना आयुक्त शर्मा ने उत्तराखंड में बेहतरीन काम किया था. दायित्व संभालने के तुरंत बाद से ही उन्होंने किसी के दबाव में न आने, सख्त फैसले लेने में न हिचकिचाने और सूचना के अधिकार अधिनियम को जनहित में लागू करने के रूप में अपनी पहचान बनाई.

पढ़ें: हरिद्वार में कोरोना से 13 लोगों की मौत, रोजाना बढ़ रही संक्रमितों की संख्या

उत्तराखंड में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में लागू हुआ था. डॉ. आरएस टोलिया मुख्य सूचना आयुक्त बने थे. टोलिया की कोशिश सूचना के अधिकार अधिनियम को जनहित के एक व्यापक औजार के रूप में उपयोग करने की रही. अनिल कुमार शर्मा ने इस काम को बखूबी आगे बढ़ाया. पांच साल के अपने कार्यकाल में शर्मा ने कई ऐसे फैसले लिए जिनसे सरकार को खासा असहज होना पड़ा था.

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. उत्तराखंड के पूर्व सूचना आयुक्त अनिल शर्मा का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया. कुछ दिन पहले अनिल शर्मा कोरोना संक्रमित हुए थे. उनका गुरुग्राम में एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान तबीयत ज्यादा बिगड़ने की वजह उनकी 66 वर्ष की उम्र में मौत हो गई.

बता दें कि, अनिल कुमार शर्मा सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता रहे थे. साल 2010 में अनिल शर्मा को उत्तराखंड में सूचना आयुक्त बनाया गया था. बतौर सूचना आयुक्त शर्मा ने उत्तराखंड में बेहतरीन काम किया था. दायित्व संभालने के तुरंत बाद से ही उन्होंने किसी के दबाव में न आने, सख्त फैसले लेने में न हिचकिचाने और सूचना के अधिकार अधिनियम को जनहित में लागू करने के रूप में अपनी पहचान बनाई.

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उत्तराखंड में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में लागू हुआ था. डॉ. आरएस टोलिया मुख्य सूचना आयुक्त बने थे. टोलिया की कोशिश सूचना के अधिकार अधिनियम को जनहित के एक व्यापक औजार के रूप में उपयोग करने की रही. अनिल कुमार शर्मा ने इस काम को बखूबी आगे बढ़ाया. पांच साल के अपने कार्यकाल में शर्मा ने कई ऐसे फैसले लिए जिनसे सरकार को खासा असहज होना पड़ा था.

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