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कांग्रेस का 'जयचंद' जो हर 15 दिन में बनाता है नया CM, हरदा ने किसे बोला अब तेरा क्या होगा कालिया?

ईटीवी भारत के खास कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कई बड़े खुलासे किए हैं. उन्होंने प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के कई महत्वपूर्ण विषयों पर खुलकर अपनी बात रखी है. इसके साथ ही उन्होंने भारत चीन सीमा विवाद, भारत जोड़ो यात्रा, कांग्रेस में अंतर्कलह, मुस्लिम यूनिवर्सिटी विवाद समेत कई मुद्दों पर बात की है. (exclusive interview of harish rawat)

Former CM Harish Rawat
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत
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Published : Dec 13, 2022, 8:51 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत ने ईटीवी भारत टीम (Harish Rawat on ETV Bharat) से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने राजनीतिक, राष्ट्रीय और चुनावी मुद्दों पर कई अहम बातें कहीं और कई बड़े खुलासे भी किए. भारत-चीन सीमा विवाद से लेकर उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में हार के कारणों पर भी हरीश रावत ने चर्चा की. उन्होंने चुनाव के समय कांग्रेस के लिए झटका साबित हुए मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर भी बड़ा बयान दिया. इसको लेकर उन्होंने भाजपा की धामी सरकार को झूठ को फैलाकर सत्ता हथियाने वाली सरकार बताया.

ईटीवी भारत पर हरीश रावत एक्सक्लूसिव.

चीन पर सरकार को देना चाहिए श्वेत पत्र: हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन बॉर्डर पर एक बार फिर से उठे विवाद को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat special interview) ने केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. हरीश रावत ने पूछा कि देश की सरकार को बताना चाहिए कि सीमा पर वास्तविक स्थिति क्या है. सीमा पर चीन हमारी सीमा के कितने भीतर आ चुका है, इस बात को लेकर केंद्र सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. सरकार को बताना चाहिए कि क्या चीन ने हमारी सीमा पर कब्जा किया है या फिर हम चीन पर बढ़त बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार अपनी रक्षा नीति के बूते कुछ अच्छा करती है तो उन्हें सरकार की तारीफ करने में कोई गुरेज नहीं है.

भारत जोड़ो यात्रा से खिसकी भाजपा की जमीन: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यह यात्रा देश के संविधान और देश के मूल अवधारणा को जिंदा करने के लिए निकाली जा रही यात्रा है. उन्होंने कांग्रेस के सभी लोगों से आह्वान किया कि वे संविधान बचाने की प्रक्रिया में अपनी आहुति दें और जिस भी जगह पर वो मौजूद हैं वहां पर पर यात्राएं निकालें. सभी कार्यकर्ता अपने गली मोहल्ले में भारत जोड़ो यात्रा निकालें.

ईटीवी भारत पर हरीश रावत एक्सक्लूसिव.

वहीं, लगातार भाजपा द्वारा भारत जोड़ो यात्रा पर किए जा रहे कटाक्ष पर भी हरीश रावत ने पलटवार किया. जब हरीश रावत से पूछा गया कि कांग्रेस पर कटाक्ष किया जा रहा है कि देश जोड़ने से पहले खुद अपने संगठन को जोड़ने की जरूरत है, जिस पर हरीश रावत ने कहा कि अगर हम कांग्रेसी सारे एक हो गए...तो तेरा क्या होगा कालिया?

ये भी पढ़ें- सीएम धामी ने PM मोदी से गैरसैंण के लिए मांगा एयरपोर्ट, 35 नए रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर भी चर्चा

अंतर्कलह पर भी खुलकर बोले हरीश रावत: ईटीवी भारत से खास बातचीत में हरीश रावत ने न केवल बीजेपी पर ही निशाना साधा बल्कि अपने संगठन में मौजूद कुछ 'जयचंदों' को भी सीधा संदेश दिया. उन्होंने कहा कि खुद कांग्रेस संगठन में कुछ ऐसे लोग मौजूद हैं, जो हर 15 दिन में नया मुख्यमंत्री बनाते हैं और फिर उसको गिराते हैं. उन्होंने अपने प्रदेश संगठन में मौजूद कुछ लोगों के बारे में बताया कि वो कांग्रेस में रहकर बीजेपी के एजेंट हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग कांग्रेस को कमजोर करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया के माध्यम से कांग्रेस के ही कुछ लोग भाजपा के लोगों को टिप्स देते हुए देखे गए थे.

मुस्लिम यूनिवर्सिटी के झूठ से जन्मी धामी सरकार: मौजूदा दौर में चल रहे मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुद्दे को लेकर फिर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो धामी सरकार है वो मुस्लिम यूनिवर्सिटी के झूठ से पैदा हुई है. चुनाव से पहले जिस तरह से भाजपा ने इस झूठ को फैलाने का काम किया और भाजपा के तमाम राष्ट्रीय से लेकर प्रदेश स्तर के नेताओं ने इस झूठ को फैलाकर सत्ता हथियाई, वो बताता है कि किस तरह से भाजपा झूठ के महल पर सत्ता का आशियाना बनाती है.

ये भी पढ़ें- भराड़ीसैंण से भिकियासैंण तक कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा, 'हिमाचल में जीत से प्रदेश कांग्रेस लेगी सबक'

उन्होंने कहा कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर उनके द्वारा इस तरह का कोई बयान नहीं दिया गया और अगर दिया गया है तो भाजपा इस बात को साबित करे. साबित हुआ तो वो इनाम के तौर पर ₹5 लाख देंगे और राजनीति से त्यागपत्र भी देंगे. नहीं तो भाजपा अपना झूठ स्वीकारे. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सच्ची है तो उनके पास एक मौका है कि वो अपने रास्ते से हरीश रावत को हमेशा-हमेशा के लिए हटा सकते हैं.

बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के लिए भूचाल मचा देने वाले मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मुद्दा शुरू हुआ था. चुनाव के दौरान उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अकील अहमद का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वो कह रहे थे कि उन्होंने सहसपुर विधानसभा सीट से अपना नामांकन वापस ले लिया है और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनसे वादा किया है कि अगर उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की सरकार बनती है तो मुस्लिम छात्रों के लिए एक विश्वविद्यालय बनाया जाएगा, इसलिए उन्होंने अपना नामांकन वापस लिया. हालांकि बाद में जब ये मुद्दा उत्तराखंड की राजनीति में उठा और कांग्रेस को बीजेपी ने घेरना शुरू कर दिया तो अकील अहमद ने अपनी सफाई पेश की थी.

हिमाचल चुनाव से लेंगे सीख: उत्तराखंड के पड़ोसी राज्य हिमाचल में कांग्रेस को मिली बढ़त और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली शिकस्त पर हरीश रावत का कहना है कि निश्चित तौर से वो उत्तराखंड में कांग्रेस का चेहरा थे, जनता हरीश रावत को कांग्रेस के चेहरे के रूप में देख रही थी, लेकिन वो उस विधानसभा चुनाव में अच्छा नहीं कर पाए इसका उन्हें दुख है. हालांकि, हिमाचल में वो जीते हैं इस बात की खुशी भी है. उन्होंने कहा कि वो हिमाचल से सीखेंगे.

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह की स्थिति उत्तराखंड में कांग्रेस की थी, वही स्थिति हिमाचल में भाजपा की थी. क्योंकि वहां पर भाजपा के तमाम बागी मैदान में थे. उन्होंने कहा कि आगामी 2024 लोकसभा चुनाव काफी हद तक उनके राजनीतिक पारी को तय करेगा. इसके साथ ही उन्होंने राजनीति में नए युवा चेहरों के आने का आह्वान किया और कहा कि तमाम कांग्रेस के युवा नेताओं को आगे आना चाहिए.

देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत ने ईटीवी भारत टीम (Harish Rawat on ETV Bharat) से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने राजनीतिक, राष्ट्रीय और चुनावी मुद्दों पर कई अहम बातें कहीं और कई बड़े खुलासे भी किए. भारत-चीन सीमा विवाद से लेकर उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में हार के कारणों पर भी हरीश रावत ने चर्चा की. उन्होंने चुनाव के समय कांग्रेस के लिए झटका साबित हुए मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर भी बड़ा बयान दिया. इसको लेकर उन्होंने भाजपा की धामी सरकार को झूठ को फैलाकर सत्ता हथियाने वाली सरकार बताया.

ईटीवी भारत पर हरीश रावत एक्सक्लूसिव.

चीन पर सरकार को देना चाहिए श्वेत पत्र: हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन बॉर्डर पर एक बार फिर से उठे विवाद को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat special interview) ने केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. हरीश रावत ने पूछा कि देश की सरकार को बताना चाहिए कि सीमा पर वास्तविक स्थिति क्या है. सीमा पर चीन हमारी सीमा के कितने भीतर आ चुका है, इस बात को लेकर केंद्र सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. सरकार को बताना चाहिए कि क्या चीन ने हमारी सीमा पर कब्जा किया है या फिर हम चीन पर बढ़त बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार अपनी रक्षा नीति के बूते कुछ अच्छा करती है तो उन्हें सरकार की तारीफ करने में कोई गुरेज नहीं है.

भारत जोड़ो यात्रा से खिसकी भाजपा की जमीन: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यह यात्रा देश के संविधान और देश के मूल अवधारणा को जिंदा करने के लिए निकाली जा रही यात्रा है. उन्होंने कांग्रेस के सभी लोगों से आह्वान किया कि वे संविधान बचाने की प्रक्रिया में अपनी आहुति दें और जिस भी जगह पर वो मौजूद हैं वहां पर पर यात्राएं निकालें. सभी कार्यकर्ता अपने गली मोहल्ले में भारत जोड़ो यात्रा निकालें.

ईटीवी भारत पर हरीश रावत एक्सक्लूसिव.

वहीं, लगातार भाजपा द्वारा भारत जोड़ो यात्रा पर किए जा रहे कटाक्ष पर भी हरीश रावत ने पलटवार किया. जब हरीश रावत से पूछा गया कि कांग्रेस पर कटाक्ष किया जा रहा है कि देश जोड़ने से पहले खुद अपने संगठन को जोड़ने की जरूरत है, जिस पर हरीश रावत ने कहा कि अगर हम कांग्रेसी सारे एक हो गए...तो तेरा क्या होगा कालिया?

ये भी पढ़ें- सीएम धामी ने PM मोदी से गैरसैंण के लिए मांगा एयरपोर्ट, 35 नए रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर भी चर्चा

अंतर्कलह पर भी खुलकर बोले हरीश रावत: ईटीवी भारत से खास बातचीत में हरीश रावत ने न केवल बीजेपी पर ही निशाना साधा बल्कि अपने संगठन में मौजूद कुछ 'जयचंदों' को भी सीधा संदेश दिया. उन्होंने कहा कि खुद कांग्रेस संगठन में कुछ ऐसे लोग मौजूद हैं, जो हर 15 दिन में नया मुख्यमंत्री बनाते हैं और फिर उसको गिराते हैं. उन्होंने अपने प्रदेश संगठन में मौजूद कुछ लोगों के बारे में बताया कि वो कांग्रेस में रहकर बीजेपी के एजेंट हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग कांग्रेस को कमजोर करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया के माध्यम से कांग्रेस के ही कुछ लोग भाजपा के लोगों को टिप्स देते हुए देखे गए थे.

मुस्लिम यूनिवर्सिटी के झूठ से जन्मी धामी सरकार: मौजूदा दौर में चल रहे मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुद्दे को लेकर फिर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो धामी सरकार है वो मुस्लिम यूनिवर्सिटी के झूठ से पैदा हुई है. चुनाव से पहले जिस तरह से भाजपा ने इस झूठ को फैलाने का काम किया और भाजपा के तमाम राष्ट्रीय से लेकर प्रदेश स्तर के नेताओं ने इस झूठ को फैलाकर सत्ता हथियाई, वो बताता है कि किस तरह से भाजपा झूठ के महल पर सत्ता का आशियाना बनाती है.

ये भी पढ़ें- भराड़ीसैंण से भिकियासैंण तक कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा, 'हिमाचल में जीत से प्रदेश कांग्रेस लेगी सबक'

उन्होंने कहा कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर उनके द्वारा इस तरह का कोई बयान नहीं दिया गया और अगर दिया गया है तो भाजपा इस बात को साबित करे. साबित हुआ तो वो इनाम के तौर पर ₹5 लाख देंगे और राजनीति से त्यागपत्र भी देंगे. नहीं तो भाजपा अपना झूठ स्वीकारे. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सच्ची है तो उनके पास एक मौका है कि वो अपने रास्ते से हरीश रावत को हमेशा-हमेशा के लिए हटा सकते हैं.

बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के लिए भूचाल मचा देने वाले मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मुद्दा शुरू हुआ था. चुनाव के दौरान उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अकील अहमद का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वो कह रहे थे कि उन्होंने सहसपुर विधानसभा सीट से अपना नामांकन वापस ले लिया है और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनसे वादा किया है कि अगर उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की सरकार बनती है तो मुस्लिम छात्रों के लिए एक विश्वविद्यालय बनाया जाएगा, इसलिए उन्होंने अपना नामांकन वापस लिया. हालांकि बाद में जब ये मुद्दा उत्तराखंड की राजनीति में उठा और कांग्रेस को बीजेपी ने घेरना शुरू कर दिया तो अकील अहमद ने अपनी सफाई पेश की थी.

हिमाचल चुनाव से लेंगे सीख: उत्तराखंड के पड़ोसी राज्य हिमाचल में कांग्रेस को मिली बढ़त और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली शिकस्त पर हरीश रावत का कहना है कि निश्चित तौर से वो उत्तराखंड में कांग्रेस का चेहरा थे, जनता हरीश रावत को कांग्रेस के चेहरे के रूप में देख रही थी, लेकिन वो उस विधानसभा चुनाव में अच्छा नहीं कर पाए इसका उन्हें दुख है. हालांकि, हिमाचल में वो जीते हैं इस बात की खुशी भी है. उन्होंने कहा कि वो हिमाचल से सीखेंगे.

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह की स्थिति उत्तराखंड में कांग्रेस की थी, वही स्थिति हिमाचल में भाजपा की थी. क्योंकि वहां पर भाजपा के तमाम बागी मैदान में थे. उन्होंने कहा कि आगामी 2024 लोकसभा चुनाव काफी हद तक उनके राजनीतिक पारी को तय करेगा. इसके साथ ही उन्होंने राजनीति में नए युवा चेहरों के आने का आह्वान किया और कहा कि तमाम कांग्रेस के युवा नेताओं को आगे आना चाहिए.

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