देहरादून: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत अभी भी राजनीति में सक्रिय दिख रहे हैं. ऐसे में क्या वे एक बार फिर उत्तराखंड की सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं या वे इतनी भागदौड़ मुख्यमंत्री बनने के लिए रहे हैं. इन्हीं सवालों को लेकर ईटीवी भारत ने हरीश रावत के साथ खास बातचीत की...
ईटीवी भारत से बात करते हुए रावत ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री या किसी अन्य पद की लालसा नहीं है. वे उत्तराखंड के तमाम क्षेत्रों में इसलिए भागते हैं, ताकि वे लोगों को याद दिला सके कि जब वह मुख्यमंत्री थे तब लोगों के लिए भागकर काम किया थे. इसके साथ वे भागदौड़ में इसलिए लगे हैं ताकि एक बार कांग्रेस पार्टी को मजबूत कर सकें.
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हरदा ने कहा कि वे कुर्सी के लिए नहीं लड़ रहे हैं. वह जो काम दस साल पहले कर सकते थे, वह तीन साल बाद नहीं कर पाएंगे. क्योंकि उन में इतनी ताकत नहीं बचेगी. उन्हें जो काम करना था वे कर चुके हैं, अब लोग उस काम को उदाहरण के रूप में याद रखें इसके लिए वे भागदौड़ कर रहे हैं. यही नहीं जब भी राज्य में किसी काम का जिक्र होगा या फिर किसी भी नीतिगत मामले का जिक्र होगा तो कहीं ना कहीं उसका श्रेय हरीश रावत को जाएगा.
जनता से पूछा सवाल
हरीश रावत कहा ने कहा कि वे नहीं समझ पाए कि उत्तराखंड जनता क्या चाहती है? रावत का कहना था कि उन्होंने वो सब करने की कोशिश की जो उनके लिए जरूरी था. जिस समय उनकी सरकार उत्तराखंड को पूरी गति से आगे बढ़ सकती थी, उस समय जनता ने उन्हें दुत्कार कर अपना नुकसान क्यों किया? ये वो सवाल है जिसका जवाब वे उत्तराखंड की जनता से चाहते हैं.
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हरीश रावत ने बयां किया अपना दर्द
ईटीवी भारत से बात करते हुए हरीश रावत ने अपना दर्द भी बयां किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने जनता के लिए तमाम काम किए, लेकिन फिर भी जनता ने उन्हें डंडा मारकर हरा दिया. आज भी भागदौड़ करते वे लोगों को याद दिलाने के काम कर हैं कि वे इसी तरह के भागकर उत्तराखंड की जनता के लिए बेहतर चीजें ला सकता थे. लेकिन जब जनता ने ही उन्हें दुत्कार दिया तो वे क्या कर सकते हैं.
कांग्रेस मजबूत करने की लड़ाई
हरीश रावत ने कहा कि वे इस समय कांग्रेस को मजबूत बनाने में लगे हुए हैं. ताकि 2022 के विधानसभा में पार्टी एक बार फिर सत्ता में आ सके और लोकतंत्र को बचाया जा सके.