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पूर्व सभासद ने पूर्व नगर आयुक्त को भेजा मानहानि का नोटिस, नाम के गलत इस्तेमाल का आरोप

चंद्रभागा नदी के किनारे की बस्तियों को हटाने के मामले में पूर्व मुख्य नगर आयुक्त की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. ऋषिकेश नगर पालिका के पूर्व सभासद रामकृपाल गौतम ने उन्हें मानहानि का नोटिस भेजा है.

ऋषिकेश
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Published : Sep 27, 2019, 3:29 PM IST

ऋषिकेश: चंद्रभागा नदी के किनारे बसी झोपड़ियों को ध्वस्त करने के मामले में पूर्व मुख्य नगर आयुक्त फंसते नजर आ रहे हैं. इस मामले में पूर्व नगर पालिका के सभासद रामकृपाल गौतम ने पूर्व मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजा है.

रामकृपाल गौतम का कहना है कि पूर्व मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान के द्वारा जानबूझकर उनका नाम शिकायतकर्ता के रूप में लिखकर 261 झोपड़ियों पर नोटिस चस्पा किया गया था. जिस कारण उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा है कि गलत तरीके से उनके नाम को बदनाम करने का काम किया है. गौतम ने पूर्व मुख्य नगर आयुक्त के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजा है.

पूर्व सभासद ने पूर्व मुख्य नगर आयुक्त को भेजा मानहानि का नोटिस

क्या था मामला?

बता दें, चंद्रभागा नदी के किनारे की बस्तियों को अवैध बताते हुए उसको हटाने के लिए एनजीटी से शिकायत की गई थी. जिसके बाद 8 जुलाई को निगम प्रशासन ने 261 झोपड़ियों को चिन्हित कर बेदखली का नोटिस जारी किया था. पूर्व मुख्य नगर आयुक्त ने नोटिस जारी करते हुए झोपड़ी खाली करने के लिए एक महीने का समय दिया था.

जिसमें शिकायतकर्ता के रूप में ऋषिकेश नगर पालिका के पूर्व सभासद रामकृपाल गौतम का नाम लिखा गया था. जिस कारण पूर्व सभासद के सामने कई मुश्किलें भी खड़ी हुई थीं और उन्हें झोपड़ी में रहने वाले लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा. स्थिति यहां तक पहुंच गई थी कि लोग उनके घर पहुंचकर गाली गलौज और मारपीट तक करने पहुंच गए थे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व के माह में तहबाजारी के ठेके का विरोध करने के कारण ही साजिश के तहत उनके नाम को बदनाम किया गया.

ऋषिकेश: चंद्रभागा नदी के किनारे बसी झोपड़ियों को ध्वस्त करने के मामले में पूर्व मुख्य नगर आयुक्त फंसते नजर आ रहे हैं. इस मामले में पूर्व नगर पालिका के सभासद रामकृपाल गौतम ने पूर्व मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजा है.

रामकृपाल गौतम का कहना है कि पूर्व मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान के द्वारा जानबूझकर उनका नाम शिकायतकर्ता के रूप में लिखकर 261 झोपड़ियों पर नोटिस चस्पा किया गया था. जिस कारण उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा है कि गलत तरीके से उनके नाम को बदनाम करने का काम किया है. गौतम ने पूर्व मुख्य नगर आयुक्त के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजा है.

पूर्व सभासद ने पूर्व मुख्य नगर आयुक्त को भेजा मानहानि का नोटिस

क्या था मामला?

बता दें, चंद्रभागा नदी के किनारे की बस्तियों को अवैध बताते हुए उसको हटाने के लिए एनजीटी से शिकायत की गई थी. जिसके बाद 8 जुलाई को निगम प्रशासन ने 261 झोपड़ियों को चिन्हित कर बेदखली का नोटिस जारी किया था. पूर्व मुख्य नगर आयुक्त ने नोटिस जारी करते हुए झोपड़ी खाली करने के लिए एक महीने का समय दिया था.

जिसमें शिकायतकर्ता के रूप में ऋषिकेश नगर पालिका के पूर्व सभासद रामकृपाल गौतम का नाम लिखा गया था. जिस कारण पूर्व सभासद के सामने कई मुश्किलें भी खड़ी हुई थीं और उन्हें झोपड़ी में रहने वाले लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा. स्थिति यहां तक पहुंच गई थी कि लोग उनके घर पहुंचकर गाली गलौज और मारपीट तक करने पहुंच गए थे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व के माह में तहबाजारी के ठेके का विरोध करने के कारण ही साजिश के तहत उनके नाम को बदनाम किया गया.

Intro:ऋषिकेश-- ऋषिकेश में एनजीटी के आदेश पर चंद्रभागा नदी के किनारे बसी झोपड़ियों को ध्वस्त कर दिया गया था लेकिन इस मामले में पूर्व मुख्य नगर आयुक्त कानूनी प्रक्रिया में फंसते नजर आ रहे हैं पूर्व नगर पालिका के सभासद रामकृपाल गौतम ने पूर्व मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजा है।


Body:वी/ओ-- चंद्रभागा नदी के किनारे बसी बस्तियों को अवैध बताते हुए उसको हटाने के लिए एनजीटी से शिकायत की गई थी जिसके बाद 8 जुलाई को निगम प्रशासन ने 261 झोपड़ियों को चिन्हित कर झोपड़ियों के बाहर बेदखली का नोटिस जारी किया था मुख्य नगर आयुक्त के द्वारा जारी किए गए नोटिस में एक माह का समय देते हुए सभी को झोपड़ी खाली करने के आदेश दिए गए थे जिसमें शिकायतकर्ता के रूप में रामकृपाल गौतम पूर्व सभासद नगर पालिका ऋषिकेश का नाम लिखा गया था जिस कारण पूर्व सभासद के सामने कई मुश्किलें भी खड़ी हुई थी और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों का उनको विरोध का सामना भी करना पड़ा था स्थिति यहां तक पहुंच गई थी कि लोग उनके घर पहुंचकर गाली गलौज और मारपीएत तक करने पहुंच गए थे।


Conclusion:वी/ओ-- रामकृपाल गौतम में कहा कि पूर्व मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान के द्वारा जानबूझकर उनका नाम शिकायतकर्ता के रूप में लिखकर 261 झोपड़ियों पर नोटिस चस्पा किया था जिस कारण उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था उन्होंने कहा कि गलत तरीके से मेरे नाम को बदनाम करने के लिए उन्होंने पूर्व मुख्य नगर आयुक्त के खिलाफ व्यक्तिगत नाम पर मानहानि का नोटिस भेजा है उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व के माह में तहबाजारी के ठेके का विरोध करने के कारण ही साजिश इस तहत मेरे नाम को बदनाम किया गया।

बाईट--रामकृपाल गौतम(पूर्व सभासद,नगर पालिका ऋषिकेश)
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