ऋषिकेश: चंद्रभागा नदी के किनारे बसी झोपड़ियों को ध्वस्त करने के मामले में पूर्व मुख्य नगर आयुक्त फंसते नजर आ रहे हैं. इस मामले में पूर्व नगर पालिका के सभासद रामकृपाल गौतम ने पूर्व मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजा है.
रामकृपाल गौतम का कहना है कि पूर्व मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान के द्वारा जानबूझकर उनका नाम शिकायतकर्ता के रूप में लिखकर 261 झोपड़ियों पर नोटिस चस्पा किया गया था. जिस कारण उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा है कि गलत तरीके से उनके नाम को बदनाम करने का काम किया है. गौतम ने पूर्व मुख्य नगर आयुक्त के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजा है.
क्या था मामला?
बता दें, चंद्रभागा नदी के किनारे की बस्तियों को अवैध बताते हुए उसको हटाने के लिए एनजीटी से शिकायत की गई थी. जिसके बाद 8 जुलाई को निगम प्रशासन ने 261 झोपड़ियों को चिन्हित कर बेदखली का नोटिस जारी किया था. पूर्व मुख्य नगर आयुक्त ने नोटिस जारी करते हुए झोपड़ी खाली करने के लिए एक महीने का समय दिया था.
जिसमें शिकायतकर्ता के रूप में ऋषिकेश नगर पालिका के पूर्व सभासद रामकृपाल गौतम का नाम लिखा गया था. जिस कारण पूर्व सभासद के सामने कई मुश्किलें भी खड़ी हुई थीं और उन्हें झोपड़ी में रहने वाले लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा. स्थिति यहां तक पहुंच गई थी कि लोग उनके घर पहुंचकर गाली गलौज और मारपीट तक करने पहुंच गए थे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व के माह में तहबाजारी के ठेके का विरोध करने के कारण ही साजिश के तहत उनके नाम को बदनाम किया गया.