देहरादून: कोरोना लॉकडाउन में पूरे देश के व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है. इसी को देखते हुए पूर्व सीएम और कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री हरीश रावत ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर सीएम त्रिवेंद्र रावत को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने किसानों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. उन्होंने पत्र में जिक्र किया है कि कोविड-19 जैसी आपदा की स्थिति में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. जिससे किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.
हरीश रावत ने पत्र में गेहूं की फसल का भी जिक्र करते हुए कहा कि भारी बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसलों को भी खासा नुकसान हुआ है. जिससे गेहूं काफी पतला होने के साथ ही खरीद केंद्रों ने उसे जीरा गेहूं बताकर खरीदने से मना कर दिया है. ऐसी स्थिति में अब गन्ना किसान सिर्फ गन्ने के बकाया भुगतान धनराशि पर ही निर्भर रह गए हैं. साथ ही गन्ना किसानों का काफी पैसा मिलों पर बकाया चल रहा है. पिराई सत्र लगभग समाप्त होने को है और किसानों को इधर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से आग्रह करते हुए कहा कि इकबालपुर चीनी मिल समेत सभी चीनी मिलों के किसानों के बकाया धनराशि के भुगतान के आदेश जारी किए जाए.
पढ़ें: कोरोना का डरः ढाबे से नहीं उठ रहे अंगीठी के धुएं, संचालकों को सता रही देनदारी की चिंता
हरीश रावत का कहना है कि सीएम कोरोना महामारी में आर्थिक संकट से जूझ रहे किसानों के बकाया धनराशि के आदेश जारी करके अपना विशेष योगदान दें, ताकि इस आपदा में किसानों को आर्थिक संकट से उबारा जा सके.