देहरादून: सदन में भले ही कांग्रेस के 11 विधायक सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी न कर पा रहे हों, लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सदन के बाहर सड़क पर अकेले ही सरकार के लिए चुनौती बने हुए है. शीतकालीन सत्र के पहले दिन जहां हरीश रावत ने गैरसैंण में मोर्चा खोले रखा तो वहीं, सत्र के दूसरे दिन उन्होंने देहरादून पहुंचकर गन्ना किसानों का मुद्दा उठाते हुए उपवास किया. इस दौरान बड़ी संख्या में हरीश रावत के समर्थक उपवास स्थल पर मौजूद रहे.
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साथ ही विधानसभा सत्र को देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से भारी संख्या में पुलिस बल भी उपवास स्थल पर मौजूद रही. इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार गन्ना किसानों का पिछले सत्र का भी बकाया चीनी मिलों से नहीं दिलवा पाई है. जबकि, इस सत्र में भी गन्ना मूल्य तय नहीं हो पाया है और न ही गन्ना किसानों को बकाया दिलवाया जा रहा है.
हरीश रावत सरकार पर गन्ना किसानों को लेकर उदासीनता बरतने और किसानों के हितों को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया है. हरीश रावत ने कहा कि वह गन्ना किसानों के साथ-साथ बढ़ती महंगाई और खराब होती कानून व्यवस्था को लेकर भी अपनी आवाज उठा रहे हैं. जिस पर सरकार पूरी तरह से फेल होती दिख रही है.