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मुनस्यारी और धारचूला में दिया जाए विशेष फंड: पूर्व सीएम हरीश रावत

मुनस्यारी और धारचूला के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश कहर बनकर टूटी है. वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत ने मुनस्यारी और धारचूला के कुछ क्षेत्रों में हुई प्राकृतिक आपदाओं को लेकर सरकार से जिलाधिकारी को विशेष फंड दिए जाने की मांग की है.

Former CM Harish Rawat
पूर्व सीएम हरीश रावत
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Published : Jul 29, 2020, 12:37 PM IST

Updated : Jul 29, 2020, 1:13 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला लगातार जारी है. विशेषकर पर्वतीय जिलों में बारिश के कारण तबाही देखने को मिल रही है. ऐसे में पूर्व सीएम हरीश रावत ने मुनस्यारी और धारचूला के कुछ क्षेत्रों में हुई प्राकृतिक आपदाओं को लेकर सरकार से जिलाधिकारी को विशेष फंड दिए जाने की मांग की है.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि मुनस्यारी और धारचूला के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश कहर बनकर टूटी है. वहां पहले ही बादल फटने से 14 लोगों की मौत हो चुकी है. अब वहां ऐसे कुछ और परिवारों के भी अलग-अलग गांवों में गायब होने की खबर सामने आ रही है. उनका कहना है कि प्राकृतिक आपदा के चलते वहां बड़ी मात्रा में अलग-अलग जगहों पर बड़ी जनहानि हुई है.

पढ़ें- उत्तराखंड कैबिनेट की अहम बैठक आज, कई अहम प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर

पूर्व मुख्यमंत्री ने बांसबगड़ क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि वहां के स्थानीय नदी-नाले आबादी क्षेत्र की ओर कटान कर रहे हैं. जिससे वहां हड़कंप मचा हुआ है और सड़कें जगह-जगह धंस गई हैं. सड़कें धंसने से वहां आवागमन भी बाधित हो रहा है. ऐसे में राज्य सरकार को अभियान चलाते हुए हेलीकॉप्टर से राहत कार्य अभियान चलाना चाहिए. साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी को विशेष फंड और विशेषाधिकार देने की भी मांग की है. जिससे वो फौरी तौर पर लोगों को अनाज और अन्य चीजें मुहैया करा सकें.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से मुनस्यारी और धारचूला के हालातों पर फोकस करते हुए कहा कि वहां लोगों को रात काटने के लिए बड़ी संख्या में टैंटों की आवश्यकता है. सरकार उन्हें टैंटों आदि समुचित व्यवस्थाएं मुहैया कराए. पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि मौके पर स्थानीय विधायक से लेकर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सब मौजूद हैं, बावजूद इसके वहां संसाधनों की आवश्यकता है.

देहरादून: उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला लगातार जारी है. विशेषकर पर्वतीय जिलों में बारिश के कारण तबाही देखने को मिल रही है. ऐसे में पूर्व सीएम हरीश रावत ने मुनस्यारी और धारचूला के कुछ क्षेत्रों में हुई प्राकृतिक आपदाओं को लेकर सरकार से जिलाधिकारी को विशेष फंड दिए जाने की मांग की है.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि मुनस्यारी और धारचूला के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश कहर बनकर टूटी है. वहां पहले ही बादल फटने से 14 लोगों की मौत हो चुकी है. अब वहां ऐसे कुछ और परिवारों के भी अलग-अलग गांवों में गायब होने की खबर सामने आ रही है. उनका कहना है कि प्राकृतिक आपदा के चलते वहां बड़ी मात्रा में अलग-अलग जगहों पर बड़ी जनहानि हुई है.

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पूर्व मुख्यमंत्री ने बांसबगड़ क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि वहां के स्थानीय नदी-नाले आबादी क्षेत्र की ओर कटान कर रहे हैं. जिससे वहां हड़कंप मचा हुआ है और सड़कें जगह-जगह धंस गई हैं. सड़कें धंसने से वहां आवागमन भी बाधित हो रहा है. ऐसे में राज्य सरकार को अभियान चलाते हुए हेलीकॉप्टर से राहत कार्य अभियान चलाना चाहिए. साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी को विशेष फंड और विशेषाधिकार देने की भी मांग की है. जिससे वो फौरी तौर पर लोगों को अनाज और अन्य चीजें मुहैया करा सकें.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से मुनस्यारी और धारचूला के हालातों पर फोकस करते हुए कहा कि वहां लोगों को रात काटने के लिए बड़ी संख्या में टैंटों की आवश्यकता है. सरकार उन्हें टैंटों आदि समुचित व्यवस्थाएं मुहैया कराए. पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि मौके पर स्थानीय विधायक से लेकर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सब मौजूद हैं, बावजूद इसके वहां संसाधनों की आवश्यकता है.

Last Updated : Jul 29, 2020, 1:13 PM IST
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