देहरादूनः उत्तराखंड में हरीश रावत को चुनाव कैंपेन कमेटी के चेयरमैन के रूप में कमान सौंपने के बाद अब प्रदेश की राजनीति एक बार फिर अलग करवट ले चुकी है. एक तरफ कांग्रेस में हरीश गुट दिल्ली से आई इस खबर को लेकर उत्साहित है. दूसरी तरफ भाजपा हरीश रावत के हाथ में कमान को कुछ खास तवज्जो देती नजर नहीं आ रही है.
उत्तराखंड कांग्रेस में अब चुनाव के दौरान हरीश रावत ही सभी जरूरी निर्णय लेंगे. दिल्ली में पार्टी हाईकमान के साथ उत्तराखंड कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद हरीश रावत ने खुद इस बात की जानकारी दी और अपने नेतृत्व में ही चुनाव लड़े जाने की पुष्टि की है.
बड़ी बात यह है कि हरीश रावत को लेकर दिल्ली में होने वाली इस बैठक पर न केवल कांग्रेस बल्कि भाजपा की भी निगाहें टिकी हुई थी. ऐसे में अब कांग्रेस में नए समीकरण बनने के बाद राज्य की राजनीति में भी नए समीकरण पनपते दिखाई दे रहे हैं. इसको लेकर कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री मथुरा जोशी का कहना है कि अब इस फैसले के बाद प्रदेश में भाजपा का सफाया होना तय है और राज्य में अब कांग्रेस पूरी ताकत के साथ प्रदेश में चुनावी जीत के लिए कार्यकर्ताओं के साथ जुटने का काम करेगी.
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कांग्रेस की इस नई रणनीति पर भाजपा अंदर खाने से निगाह तो बनाए हुए है, लेकिन हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस के चुनाव में उतरने को भाजपा कुछ खास तवज्जो नहीं देना चाहती है. कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल का कहना है कि इससे पहले भी 2017 में हरीश रावत के चेहरे पर ही कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था, लेकिन प्रदेश के इतिहास में भाजपा ने प्रचंड बहुमत की सरकार बनाई थी. ऐसे में हरीश रावत के चेहरे पर कांग्रेस के उतरने से भाजपा को कोई खास असर नहीं पड़ता है.