देहरादून: यूपीए सरकार द्वारा लागू किए गए वनाधिकार कानून को उत्तराखंड कांग्रेस संगठन की तरफ से अबतक समर्थन नहीं मिला है. राहुल गांधी के निर्देशों के बाद भी कांग्रेस के ही कुछ लोग वनाधिकार कानून का विरोध करते दिख रहे हैं. पार्टी की अंदरूनी राजनीति में इन निर्देशों को नजरअंदाज किया जा रहा है.
दरअसल, आदिवासियों और दूसरे परंपरागत वनवासियों के लिए वनों में रहने के अधिकार समेत उन्हें आजीविका का अधिकार देने को लेकर साल 2006 में वन अधिकार कानून संसद में पास हुआ था. केंद्र में कांग्रेस की यूपीए सरकार ने साल 2008 में इसे नोटिफाई कर लागू भी करवाया था, लेकिन कई सालों बाद भी राज्य सरकारों ने इसे अपने-अपने राज्यों में लागू नहीं किया है. इसे लेकर राहुल गांधी भी इस कानून को लागू करवाने को लेकर पार्टी नेताओं को निर्देश जारी कर चुके हैं.
बता दें कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में वनाधिकार कानून को लागू करने के लिए वनाधिकार जन आंदोलन को समर्थन करने का भी प्रस्ताव पास किया जा चुका है. इस कानून को लेकर राहुल गांधी के निर्देश पार्टी की अंदरूनी राजनीति में नजरअंदाज कर दिए गए हैं.
वनाधिकार आंदोलन के संयोजक और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने बताया कि इस आंदोलन के समर्थन के लिए राहुल गांधी ने निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में कांग्रेस नेताओं को इसका समर्थन करना चाहिए और इसके लिए आगे बढ़कर आंदोलन में भाग लेना चाहिए.