देहरादून: उत्तराखंड में वनों में आग को लेकर वन विभाग समय-समय पर चिंता जाहिर करता रहता है. साथ ही जंगलों में लग रही आग को बुझाने के लिए किए जा रहे नए-नए प्रयासों को भी बताया जाता है. लेकिन हकीकत यह है कि वन विभाग आधुनिक समय में भी ढर्रे के भरोसे चल रहा है.
बता दें कि, विभाग की ओर से आज भी पारंपरिक पुराने तरीकों से ही वनों में आग लगने की घटना के बाद होने वाले नुकसान का आकलन किया जाता है. शायद इसलिए विभाग को वनों में आग लगने की सटीक जानकारी नहीं लग पाती और न ही इसके लिए आधुनिक और वैज्ञानिक प्रबंध किए जा रहे हैं.
वन विभाग काफी पहले से ही कुछ हेक्टेयर में लगी आग से होने वाले नुकसान के पुराने फार्मूले पर चल रहा है. परिस्थितियों को देखते हुए वन विभाग ने आग की घटनाओं से होने वाले नुकसान के लिए वैज्ञानिक और आधुनिक अध्ययन और अपनाएं जाने वाले फार्मूले को तैयार करने के लिए निर्देशित किया है.
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वन मंत्री ने प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी को उसके मद्देनजर एक कमेटी बनाकर नए फार्मूले को तैयार करने और इस पूरी स्थिति पर अध्ययन करने के लिए निर्देश दिए हैं.
देहरादून जनपद में अग्निशमन द्वारा की गई कार्रवाई-
साल | आग की घटनाएं |
2018 | 129 |
2019 | 133 |
2020 | 36 |
2021* | 165 |