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केंद्रीय बजट की बैठक में शामिल हुए वन मंत्री हरक सिंह, राज्य की लंबित परियोजनाओं के लिए मांगी निधि - वन मंत्री हरक सिंह रावत ने अर्थव्यवस्था पर की चर्चा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में बुधवार को बजट निर्माण पूर्व बैठक का आयोजन किया गया. इसमें उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने प्रदेश सरकार की ओर से प्रतिभाग किया.

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केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक
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Published : Dec 19, 2019, 8:05 AM IST

देहरादून: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बुधवार को बजट निर्माण पूर्व बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में वन मंत्री हरक सिंह रावत शामिल हुए. उन्होंने उत्तराखंड के वित्त एवं अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. जिन्हें केंद्रीय बजट साल 2020-21 में प्राविधानित किए जाने का अनुरोध किया.

वहीं वन मंत्री ने विभागवार प्रदेश की आवश्यकताओं को देखते हुए आगामी केंद्रीय बजट में बजट प्रावधान किए जाने की मांग की. जिसमें मुख्य रूप से उत्तराखंड में अक्टूबर, 2020 में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए और साल 2021 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले महाकुंभ के लिए बजट में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. इसके साथ ही राज्य को कूड़ा मुक्त किए जाने हेतु गढ़वाल एवं कुमांऊ मंडलों में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित किए जाने, राज्य के समस्त नगर निकायों को स्वच्छ व कूड़ा मुक्त किए जाने हेतु कार्ययोजना पर वित्तपोषण की मांग की.

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वहीं चारधाम यात्रा मार्गों पर विश्वस्तरीय सुविधा उपलब्ध कराए जाने हेतु 500 रुपये करोड़ की केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. वन मंत्री हरक सिंह रावत ने पर्यटन विकास के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश को आयकॉनिक सिटी चयन करने का अनुरोध किया गया. साथ ही पर्यटकों की भारी आवाजाही से लंबे ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से बचने हेतु रोपवे व पार्किंग हेतु 500 रुपये करोड़ की मांग का प्रस्ताव रखा.

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हिमालयी राज्यों हेतु सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले आवंटनों को बढ़ाए जाने की मांग की. पर्वतीय राज्यों में भूकंप जैसी आपदा की संभावना को देखते हुए आपदा न्यूनीकरण हेतु क्षमता निर्माण, अध्ययन, प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकास, निगरानी पर्यवेक्षण और भवन संरचना के निर्माण हेतु एक नई केंद्रीय सहायतित योजना प्रारंभ किए जाने का भी अनुरोध किया गया.

देहरादून: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बुधवार को बजट निर्माण पूर्व बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में वन मंत्री हरक सिंह रावत शामिल हुए. उन्होंने उत्तराखंड के वित्त एवं अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. जिन्हें केंद्रीय बजट साल 2020-21 में प्राविधानित किए जाने का अनुरोध किया.

वहीं वन मंत्री ने विभागवार प्रदेश की आवश्यकताओं को देखते हुए आगामी केंद्रीय बजट में बजट प्रावधान किए जाने की मांग की. जिसमें मुख्य रूप से उत्तराखंड में अक्टूबर, 2020 में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए और साल 2021 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले महाकुंभ के लिए बजट में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. इसके साथ ही राज्य को कूड़ा मुक्त किए जाने हेतु गढ़वाल एवं कुमांऊ मंडलों में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित किए जाने, राज्य के समस्त नगर निकायों को स्वच्छ व कूड़ा मुक्त किए जाने हेतु कार्ययोजना पर वित्तपोषण की मांग की.

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वहीं चारधाम यात्रा मार्गों पर विश्वस्तरीय सुविधा उपलब्ध कराए जाने हेतु 500 रुपये करोड़ की केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. वन मंत्री हरक सिंह रावत ने पर्यटन विकास के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश को आयकॉनिक सिटी चयन करने का अनुरोध किया गया. साथ ही पर्यटकों की भारी आवाजाही से लंबे ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से बचने हेतु रोपवे व पार्किंग हेतु 500 रुपये करोड़ की मांग का प्रस्ताव रखा.

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हिमालयी राज्यों हेतु सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले आवंटनों को बढ़ाए जाने की मांग की. पर्वतीय राज्यों में भूकंप जैसी आपदा की संभावना को देखते हुए आपदा न्यूनीकरण हेतु क्षमता निर्माण, अध्ययन, प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकास, निगरानी पर्यवेक्षण और भवन संरचना के निर्माण हेतु एक नई केंद्रीय सहायतित योजना प्रारंभ किए जाने का भी अनुरोध किया गया.

Intro:summary-केन्द्रीय वित मंत्री निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में बुधवार को बजट निर्माण पूर्व बैठक का आयोजन किया गया,.. इसमें प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने उत्तराखण्ड सरकार की ओर से प्रतिभाग किया। बैठक में उत्तराखंड के लिए जरूरी बजट को लेकर मांग रखी गई...


Body:केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वन मंत्री ने उत्तराखण्ड के वित्त एवं अर्थव्यवस्था से जुडे मुददों के बारे में विस्तार से चर्चा की, जिन्हें केन्द्रीय बजट वर्ष 2020-21 में प्राविधानित किये जाने की अनुरोध किया। वन मंत्री ने विभागवार प्रदेश की आवश्यकताओं को देखते हुए आगामी केन्द्रीय बजट में बजट प्रावधान किये जाने की मांग की, जिसमें मुख्यतः उत्तराखण्ड में अक्टूबर, 2020 में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए तथा वर्ष 2021 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले महाकुम्भ के लिए बजट में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। राज्य को कूडा मुक्त किये जाने हेतु गढवाल एवं कुमांऊ मण्डलों में वेस्ट टू एनर्जी प्लान्ट स्थापित किये जाने, राज्य के समस्त नगर निकायों को स्वच्छ एवं कूडा मुक्त किये जाने हेतु कार्ययोजना पर वित्तपोषण की मांग की।

उत्तराखण्ड राज्य द्वारा देश को दिये जा रहे इको सर्विसेज एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु विकास कार्यों से वंचित रहने के कारण प्रतिवर्ष ₹ 2000 करोड का ग्रीन बोनस उत्तराखंड प्रदेश को उपलब्ध कराये जाने की मांग की।

पवित्र चारधाम यात्रा मार्गों पर विश्व स्तरीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु ₹ 500 करोड़ की केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराने की अनुरोध किया। चूंकि पर्वतीय क्षेत्रों में घर बनाने की लागत 4-5 लाख के बीच है इसलिए प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु केन्द्रांश प्रति घर ₹ 1.50 लाख से बढ़ाकर ₹ 3.00 लाख किये जाने की मांग की। वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य हेतु ₹ 100 करोड़ प्रस्तावित करने की मांग की।

वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत द्वारा पर्यटन विकास के लिए हरिद्वार तथा ऋषिकेश को आयकोनिक सिटी चयन करने का अनुरोध किया गया। साथ ही पर्यटकों की भारी आवाजाही से लम्बे ट्रेफिक जाम व प्रदूषण से बचने हेतु रोपवे सेक्टर में गौरी कुण्ड से केदारनाथ रोपवे, नैनीताल रोपवे, गोविन्द घाट से हेमकुण्ड के लिए रोपवे तथा पार्किगं एवं मार्ग प्रसाधन सुविधाओं इत्यादि के विकास हेतु ₹ 500 करोड का प्रावधान किये जाने की मांग का प्रस्ताव रखा ।


साथ ही राज्य में वाटर हार्वेस्टिगं, रिचार्जिगं, रिज्यूविनेशन तथा पेयजल आपूर्ति हेतु भारत सरकार से नई योजना प्रारम्भ करने का अनुरोध किया।

मनरेगा के अन्तर्गत पर्वतीय राज्य में श्रम सामग्री अनुपात 60ः40 के बजाय 50ः50 किये जाने की मांग की।

 हिमालयी राज्यों हेतु सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा दिये जाने वाले आवंटनों को बढाये जाने की मांग की। पर्वतीय राज्यों में भूकम्प जैसी आपदा की संभावना को देखते हुए आपदा न्यूनीकरण हेतु क्षमता निर्माण, अध्ययन, प्रारम्भिक चेतावनी प्रणाली विकास, निगरानी पर्यवेक्षण और भवन संरचना के निर्माण हेतु एक नई केन्द्रीय सहायतित योजना प्रारम्भ किये जाने का भी अनुरोध किया गया।

केन्द्र सरकार द्वारा वर्तमान में ₹ 200 की दर से वृद्धावस्था पेंशन दी जा रही है, जिसको बढाकर अधिकतम ₹ 1000 अथवा न्यूनतम ₹ 500 किये जाने की मांग मंत्री डॉ हरक सिंह रावत द्वारा की गई।

उत्तराखण्ड में अपना डाटा सेन्टर लगभग ₹ 4 करोड़ की लागत से बना है अभी तक इसमें 14 विभागों की एप्लीकेशन होस्ट किये जा चुकी है, साथ ही इस डाटा सेंटर  को ग्रीन सेंटर बनाने की योजना है जिसके लिए भारत सरकार से ₹ 100 करोड़ की अनुदान की मांग मा0 मंत्री जी द्वारा की गई।  




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