देहरादून: उत्तराखंड में गर्मियां बढ़ने के साथ वन विभाग की चिंताएं भी बढ़ने लगी हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि जंगलों में आग की घटनाओं में बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिलने लगी है. ऐसे में अब वन विभाग ने नया प्रयोग करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों का प्रभार सौंपा है, ताकि जिलों में वनाग्नि की घटनाओं को लेकर रोकथाम के लिए समीक्षाएं की जा सकें.
प्रदेश में पिछले 6 महीनों में 1200 हेक्टेयर से ज्यादा के जंगल जल चुके हैं. इन घटनाओं में 2 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2 लोग घायल भी हुए हैं. अब तक करीब 37 लाख से ज्यादा का नुकसान आंका जा चुका है. लेकिन इसे तो अभी ट्रेलर के रूप में माना जा रहा है. क्योंकि गर्मियां नजदीक आते ही इन घटनाओं में और भी तेजी से बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है.
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ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार सर्दियों में भी आग की बेहद ज्यादा घटनाएं जंगलों में देखने को मिली थी. अब गर्मियों में इसके स्वभाविक रूप से बढ़ने के आंकड़े दिखाई दे रहे हैं. इन्हीं परिस्थितियों से निपटने के लिए वन मंत्री हरक सिंह रावत के निर्देश पर वन विभाग ने वरिष्ठ अधिकारियों को जिले की कमान सौंपी है.
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अब हर जिले में एक वरिष्ठ अधिकारी को भ्रमण कर वहां पर किए गए कामों और आग को बुझाये जाने समेत, इन घटनाओं को लेकर क्विक रिएक्शन और पूर्व की तैयारियां जैसे कार्यों की समीक्षा की जाएगी.