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उत्तराखंडः वन क्षेत्र में नए साल का जश्न मनाने पर प्रतिबंध, विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट

नए साल के आगमन में चंद दिन शेष हैं. हालांकि क्रिसमस के साथ ही नए साल का जश्न शुरू हो जाता है. ऐसे में सैलानी जश्न के मद्देनदर वन क्षेत्रों का रुख करते हैं. वन विभाग ने सैलानियों के वन क्षेत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाते हुए रेड अलर्ट जारी किया है.

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Published : Dec 25, 2019, 8:42 AM IST

Updated : Dec 25, 2019, 10:26 AM IST

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वन क्षेत्र

देहरादूनः देश में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ लगातार चल रहे विरोध- प्रदर्शन के चलते उत्तराखंड शासन प्रशासन भी सतर्क है. हालांकि अभी तक सीएए को लेकर उत्तराखंड में ऐसी कोई हिंसक प्रदर्शन की जानकारी सामने नहीं आई है. इसके बावजूद किसी तरह से कोई कानून व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े इसको लेकर लगातार एहतियात बरते जा रहे हैं. इसी के मद्देनजर क्रिसमस और नए साल के जश्न को लेकर उत्तराखंड वन विभाग ने वन्य जीव की सुरक्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है.

वन क्षेत्र में जश्न पर प्रतिबंध.

उत्तराखंड का 70% भूभाग वन क्षेत्र में आता है. ऐसे में क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए लोग वन परिक्षेत्र को ज्यादातर लोग चुनते हैं. ऐसे में वन्य जीव प्राणियों की सुरक्षा की दृष्टि से पूरे उत्तराखंड में आने वाले वन क्षेत्र में रेड एलर्ट जारी करते हुए वन्य क्षेत्र में प्रवेश पर पूर्णता प्रतिबंध रखा गया है.

पढ़ें- 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम: CM त्रिवेंद्र

वन क्षेत्र में घुसपैठ पर विशेष नजर
क्रिसमस और नए साल का समय वन क्षेत्र के लिए काफी संवेदनशील होता है क्योंकि इस दौरान ज्यादातर सेलानी वन क्षेत्र में अलग-अलग तरह की पार्टी आयोजन करते हैं. जिसे देखते हुए राज्य के सभी वन क्षेत्र को रेड एलर्ट जारी करते हुए सभी अधिकारी कर्मचारी को दिशा- निर्देश जारी किए गए हैं. ताकि इस दौरान किसी भी तरह से बाहरी व्यक्ति वन क्षेत्र में पार्टी समारोह जैसे आयोजन के लिए प्रवेश न कर सकें.

इसके लिए अलग-अलग चेक पोस्ट में चेकिंग अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान क्राइम डिटेक्टिव टीम मुस्तैदी से अपनी चेकिंग टीम के साथ अलग-अलग क्षेत्रों को चिन्हित कर चेकिंग अभियान जारी रखेगा.

सैलानियों का आवागमन पूरी तरह से वर्जित
क्रिसमस और नए साल के लिए वन क्षेत्र में प्रतिबंध को देखते हुए लगातार वन कर्मचारियों को अपने-अपने क्षेत्रों के भीतर भ्रमण आदेशों को सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कोई भी असामाजिक तत्व वन्यजीवों को नुकसान न पहुंचा सके.

इसके अलावा हरिद्वार जिले के चीला रेंज की संवेदनशीलता को देखते हुए वाहन पेट्रोलियम टीम के साथ-साथ पैदल सर्च टीम का भी गठन किया गया है जो पूरे इलाके में इस दौरान वन क्षेत्र में आवाजाही को रोक सके.

देहरादूनः देश में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ लगातार चल रहे विरोध- प्रदर्शन के चलते उत्तराखंड शासन प्रशासन भी सतर्क है. हालांकि अभी तक सीएए को लेकर उत्तराखंड में ऐसी कोई हिंसक प्रदर्शन की जानकारी सामने नहीं आई है. इसके बावजूद किसी तरह से कोई कानून व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े इसको लेकर लगातार एहतियात बरते जा रहे हैं. इसी के मद्देनजर क्रिसमस और नए साल के जश्न को लेकर उत्तराखंड वन विभाग ने वन्य जीव की सुरक्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है.

वन क्षेत्र में जश्न पर प्रतिबंध.

उत्तराखंड का 70% भूभाग वन क्षेत्र में आता है. ऐसे में क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए लोग वन परिक्षेत्र को ज्यादातर लोग चुनते हैं. ऐसे में वन्य जीव प्राणियों की सुरक्षा की दृष्टि से पूरे उत्तराखंड में आने वाले वन क्षेत्र में रेड एलर्ट जारी करते हुए वन्य क्षेत्र में प्रवेश पर पूर्णता प्रतिबंध रखा गया है.

पढ़ें- 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम: CM त्रिवेंद्र

वन क्षेत्र में घुसपैठ पर विशेष नजर
क्रिसमस और नए साल का समय वन क्षेत्र के लिए काफी संवेदनशील होता है क्योंकि इस दौरान ज्यादातर सेलानी वन क्षेत्र में अलग-अलग तरह की पार्टी आयोजन करते हैं. जिसे देखते हुए राज्य के सभी वन क्षेत्र को रेड एलर्ट जारी करते हुए सभी अधिकारी कर्मचारी को दिशा- निर्देश जारी किए गए हैं. ताकि इस दौरान किसी भी तरह से बाहरी व्यक्ति वन क्षेत्र में पार्टी समारोह जैसे आयोजन के लिए प्रवेश न कर सकें.

इसके लिए अलग-अलग चेक पोस्ट में चेकिंग अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान क्राइम डिटेक्टिव टीम मुस्तैदी से अपनी चेकिंग टीम के साथ अलग-अलग क्षेत्रों को चिन्हित कर चेकिंग अभियान जारी रखेगा.

सैलानियों का आवागमन पूरी तरह से वर्जित
क्रिसमस और नए साल के लिए वन क्षेत्र में प्रतिबंध को देखते हुए लगातार वन कर्मचारियों को अपने-अपने क्षेत्रों के भीतर भ्रमण आदेशों को सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कोई भी असामाजिक तत्व वन्यजीवों को नुकसान न पहुंचा सके.

इसके अलावा हरिद्वार जिले के चीला रेंज की संवेदनशीलता को देखते हुए वाहन पेट्रोलियम टीम के साथ-साथ पैदल सर्च टीम का भी गठन किया गया है जो पूरे इलाके में इस दौरान वन क्षेत्र में आवाजाही को रोक सके.

Intro:pls note_ मोदी इस खबर से संबंधित विजुअल्स और बाइक एफटीपी से भेजी गई है फोल्डर_uk_deh_01_forest_red_alart_vis_7200628

summary-वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग ने जारी किया अलर्ट...


देश में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ लगातार चल रहे विरोध प्रदर्शन के चलते उत्तराखंड शासन प्रशासन भी हर तरह की एहतियात बरत रही है, हालांकि अभी तक ACC को लेकर उत्तराखंड में ऐसी कोई हिंसक प्रदर्शन की जानकारी सामने नहीं आई है। इसके बावजूद किसी तरह से कोई कानून व्यवस्था की स्थिति ना बिगड़े इसको लेकर लगातार एहतियात बरते जा रहे हैं। इसी के मध्यनजर क्रिसमस और नए साल के जश्न को लेकर उत्तराखंड वन विभाग ने वन जीव की सुरक्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड का 70% भूभाग वन क्षेत्र में आता है। ऐसे में क्रिसमस और नए साल के जश्न को को बनाने के लिए वन परी क्षेत्र को ज्यादातर लोग चुनते हैं। ऐसे में वन जीव प्राणी को सुरक्षा देने की दृष्टि का पूरे उत्तराखंड में आने वाले वन क्षेत्र में रेड एलर्ट जारी करते हुए इस दौरान प्रवेश के लिए पूर्णता प्रतिबंध रखा गया है।


Body:वन क्षेत्र में घुसपैठ के लिए वाइल्डलाइफ की क्राइम रिपोर्टर टीम मुस्तैद

वहीं इस मामले में वन विभाग आला अधिकारी को मुताबिक क्रिसमस और नए साल का समय वन क्षेत्र के लिए काफी संवेदनशील होता है क्योंकि इस दौरान ज्यादातर सेलानी वन क्षेत्र में अलग-अलग तरह की पार्टी आयोजन करते हैं। जिसे देखते हुए राज्य के सभी वन क्षेत्र को रेड एलर्ट जारी करते हुए सभी अधिकारी कर्मचारी को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं,कि इस दौरान किसी भी तरह से बाहरी व्यक्ति वन क्षेत्र में पार्टी समारोह जैसे आयोजन के लिए प्रवेश न कर सके। इसके लिए अलग-अलग चेक पोस्ट में चेकिंग अभियान चलाया जाएगा इस दौरान वाइल्डर का क्राइम डिटेक्टिव टीम मुस्तैदी से अपनी चेकिंग टीम के साथ अलग-अलग क्षेत्रों को चिन्हित कर चेकिंग अभियान को जारी रखेगा।


Conclusion:क्रिसमस और नए साल में वन क्षेत्र में सैलानियों के आवागमन पूरी तरह से वर्जित: वन विभाग

क्रिसमस और नए साल के लिए वन क्षेत्र में प्रतिबंध को देखते हुए लगातार वन कर्मचारियों को अपने अपने क्षेत्रों के भीतर भ्रमण आदेशों को सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि कोई भी असामाजिक तत्व वन्यजीवों को नुकसान न पहुंचा सके। इसके अलावा हरिद्वार जिले के चीला रेंज की संवेदनशीलता को देखते हुए वाहन पेट्रोलियम टीम के साथ साथ पैदल सर्च टीम का भी गठन किया गया है जो पूरे इलाके में इस दौरान वन क्षेत्र में आवाज आई को रोक सके।
Last Updated : Dec 25, 2019, 10:26 AM IST
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