ETV Bharat / state

वन महकमे में प्रमोशन और पोस्टिंग पर संग्राम, HC जाने की तैयारी में उपवन क्षेत्र अधिकारी संघ

Uttarakhand Forest Department रेंजर्स की भारी कमी से जूझ रहा है. आलम ये है कि महकमा एक रेंजर को कई रेंज का चार्ज देने को मजबूर है, लेकिन इसके बावजूद उपवन क्षेत्राधिकारियों का उपयोग नहीं किया जा रहा है. इन्हीं स्थितियों को देखते हुए अब उपवन क्षेत्राधिकारियों ने हाईकोर्ट तक जाने की तैयारी कर ली है.

Uttarakhand Forest Department
उत्तराखंड वन विभाग
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 23, 2023, 10:14 PM IST

Updated : Oct 23, 2023, 11:04 PM IST

HC जाने की तैयारी में उपवन क्षेत्र अधिकारी संघ

देहरादूनः उत्तराखंड के विभिन्न वन क्षेत्र में रेंजर की कमी वन विभाग के लिए बड़ी मुसीबत बनी हुई है. राज्य भर की ऐसी कई रेंज है, जहां रेंजर की स्थाई नियुक्ति नहीं हो पाई है. ऐसे में किसी दूसरी रेंज के रेंजर को अतिरिक्त जिम्मेदारी के रूप में चार्ज दिया गया है. खास बात ये है कि वन क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण पद के रूप में रेंजर को माना जाता है, लेकिन विभाग में कम संख्या होने के कारण सभी रेंज को रेंजर देना नामुमकिन है. इन स्थितियों को देखते हुए उपवन क्षेत्राधिकारियों को वन क्षेत्र में रेंज की कमान दी जा सकती है, लेकिन हाई कोर्ट के एक फैसले के कारण वन विभाग ऐसा नहीं कर पा रहा है. हालांकि, सरकार चाहे तो इसके लिए पूर्व में हुए आदेश को बदलकर इस व्यवस्था को कर सकती है.

Uttarakhand Forest Department
उत्तराखंड वन भवन

इतना ही नहीं उपवन क्षेत्राधिकारियों के वन टाइम प्रमोशन के जरिए भी ऐसा किया जा सकता है. इन्हीं तमाम बातों को लेकर उपवन क्षेत्राधिकार संघ ने आपसी मंथन के बाद सरकार के सामने इसके लिए मांग रखने का फैसला किया है. खास बात ये है कि उपवन क्षेत्राधिकारी संघ ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि उनके प्रमोशन और तैनाती को लेकर सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट आदेश नहीं होते हैं तो इसके लिए हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया जाएगा. हालांकि, दबी जुबान में वन विभाग के अधिकारी भी उपवन क्षेत्राधिकारियों की इस मांग को जायज मानते हैं, लेकिन इसके बावजूद इस पर लंबे समय से कोई अंतिम विचार नहीं किया जा सका है.
ये भी पढ़ेंः CCTV से रोकी जाएगी जंगलों से लकड़ियों की तस्करी! वन विभाग ने बनाई ऐसी रणनीति

उपवन क्षेत्राधिकार संघ में अपनी ऐसी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर चर्चा की है, जिसमें वन क्षेत्राधिकार के पद पर पदोन्नति को जल्द से जल्द किए जाने, क्षेत्रीय और अक्षेत्रीय के आधार पर रेंजों के वर्गीकरण को खत्म करते हुए वरिष्ठ के आधार पर उपवन क्षेत्राधिकारियों को प्रभार दिए जाने की कार्रवाई करने समेत एसीपी का समय पर लाभ दिया जाना शामिल है.

राज्य भर में रेंज का चार्ज रेंजर को स्थाई रूप से न दिए जाने के कारण मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने की कोशिश भी हल्की पड़ती नजर आ रही है. इतना ही नहीं वन क्षेत्र के संरक्षण और वाइल्ड लाइफ के संरक्षण पर भी काम में गतिरोध दिखाई दे रहा है. एसएमएस स्थाई रेंजर की नियुक्ति वन विभाग के लिए बेहद जरूरी दिखाई देती है, जिसको लेकर वन क्षेत्राधिकारियों ने अपनी मांग सरकार के सामने रख दी है.

HC जाने की तैयारी में उपवन क्षेत्र अधिकारी संघ

देहरादूनः उत्तराखंड के विभिन्न वन क्षेत्र में रेंजर की कमी वन विभाग के लिए बड़ी मुसीबत बनी हुई है. राज्य भर की ऐसी कई रेंज है, जहां रेंजर की स्थाई नियुक्ति नहीं हो पाई है. ऐसे में किसी दूसरी रेंज के रेंजर को अतिरिक्त जिम्मेदारी के रूप में चार्ज दिया गया है. खास बात ये है कि वन क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण पद के रूप में रेंजर को माना जाता है, लेकिन विभाग में कम संख्या होने के कारण सभी रेंज को रेंजर देना नामुमकिन है. इन स्थितियों को देखते हुए उपवन क्षेत्राधिकारियों को वन क्षेत्र में रेंज की कमान दी जा सकती है, लेकिन हाई कोर्ट के एक फैसले के कारण वन विभाग ऐसा नहीं कर पा रहा है. हालांकि, सरकार चाहे तो इसके लिए पूर्व में हुए आदेश को बदलकर इस व्यवस्था को कर सकती है.

Uttarakhand Forest Department
उत्तराखंड वन भवन

इतना ही नहीं उपवन क्षेत्राधिकारियों के वन टाइम प्रमोशन के जरिए भी ऐसा किया जा सकता है. इन्हीं तमाम बातों को लेकर उपवन क्षेत्राधिकार संघ ने आपसी मंथन के बाद सरकार के सामने इसके लिए मांग रखने का फैसला किया है. खास बात ये है कि उपवन क्षेत्राधिकारी संघ ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि उनके प्रमोशन और तैनाती को लेकर सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट आदेश नहीं होते हैं तो इसके लिए हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया जाएगा. हालांकि, दबी जुबान में वन विभाग के अधिकारी भी उपवन क्षेत्राधिकारियों की इस मांग को जायज मानते हैं, लेकिन इसके बावजूद इस पर लंबे समय से कोई अंतिम विचार नहीं किया जा सका है.
ये भी पढ़ेंः CCTV से रोकी जाएगी जंगलों से लकड़ियों की तस्करी! वन विभाग ने बनाई ऐसी रणनीति

उपवन क्षेत्राधिकार संघ में अपनी ऐसी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर चर्चा की है, जिसमें वन क्षेत्राधिकार के पद पर पदोन्नति को जल्द से जल्द किए जाने, क्षेत्रीय और अक्षेत्रीय के आधार पर रेंजों के वर्गीकरण को खत्म करते हुए वरिष्ठ के आधार पर उपवन क्षेत्राधिकारियों को प्रभार दिए जाने की कार्रवाई करने समेत एसीपी का समय पर लाभ दिया जाना शामिल है.

राज्य भर में रेंज का चार्ज रेंजर को स्थाई रूप से न दिए जाने के कारण मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने की कोशिश भी हल्की पड़ती नजर आ रही है. इतना ही नहीं वन क्षेत्र के संरक्षण और वाइल्ड लाइफ के संरक्षण पर भी काम में गतिरोध दिखाई दे रहा है. एसएमएस स्थाई रेंजर की नियुक्ति वन विभाग के लिए बेहद जरूरी दिखाई देती है, जिसको लेकर वन क्षेत्राधिकारियों ने अपनी मांग सरकार के सामने रख दी है.

Last Updated : Oct 23, 2023, 11:04 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.