देहरादून: त्योहारी सीजन में मिलावटखोरों पर खाद्य सुरक्षा विभाग शिकंजा कसने जा रहा है. पटेलनगर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले देहराखास इलाके में फूड एंड सेफ्टी विभाग की टीम ने शिकायत मिलने पर कुछ ठिकानों पर जांच-पड़ताल की. इस दौरान खाद्य पदार्थों की बिक्री से संबंधित कई दुकानों के लाइसेंस नियम से सम्बंधित विषयों पर औचक निरीक्षण किया.
सात दुकानों से लिए सैंपल...
फूड एंड सेफ्टी विभाग के सीनियर ऑफिसर रमेश सिंह के नेतृत्व में 7 अलग-अलग खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वाले प्रतिष्ठानों में मावा, पनीर, गुलाब जामुन और अन्य मिठाइयों के सैंपल जांच के लिए इकट्ठा किए.
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त्योहारी सीजन में ही खाद्य सुरक्षा विभाग की टूटती है नींद...
बता दें कि 3 नवंबर से 14 नवंबर 2020 दिवाली सीजन तक चलने वाले इस अभियान के तहत देहरादून शहर के अलग-अलग हिस्सों में संचालित होने वाले खाद्य प्रतिष्ठानों की क्वालिटी चेक का अभियान खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा चलाया जा रहा है. ताकि खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों पर शिकंजा कसा जा सके. हालांकि यह बात भी जगजाहिर है कि त्योहारी सीजन में ही उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा विभाग की नींद टूटती है और इसी दौरान खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वाले प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर खाने-पीने की वस्तुओं के सैंपल लिए जाते हैं. जबकि वर्षभर के बाकी समय यह कार्रवाई ना के बराबर नजर आती है.
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सैंपल रिपोर्ट का भी होता है लंबा इंतजार...
रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग होने वाले दूध, मावा, पनीर, मिठाई व तेल जैसे खाने-पीने की सामग्रियों के सैंपल लेने के बाद खाद्य सुरक्षा की टीम द्वारा जिस तरह से जांच के लिए लैब में रुद्रपुर भेजा जाता हैं, उस पर कार्रवाई को लेकर भी देर-सवेर सवाल उठते रहते हैं. दरअसल उत्तराखंड में खाद्य सामग्री जांच पड़ताल के लिए एक मात्र रुद्रपुर लैब है. यहां से एक-एक सैंपल की रिपोर्ट आने के लिए महीनों लग जाते हैं. जिसके चलते कई बार मिलावटखोरों पर आगे की कार्रवाई भी प्रभावित हो जाती है.