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डोईवाला की गौशाला में गहराया चारे का संकट, भुखमरी की कगार पर पहुंचे 600 से ज्यादा गौवंश

डोईवाला के भानियावाला स्थित गौशाला में चारे का संकट गहराने से गौवंश अपनी जान गंवा रहे हैं. गौशाला संचालक ने ऋषिकेश नगर निगम और मुनि की रेती नगर पालिका पर भुगतान न करने का आरोप लगाया है. उधर, सामाजिक संगठन ने सरकार, नगर पालिका और नगर निगम पर सवाल खड़े किए हैं.

Krishna Dham Gaushala in Bhaniyawala
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Published : Apr 14, 2023, 4:37 PM IST

Updated : Apr 14, 2023, 6:01 PM IST

डोईवाला की गौशाला में गहराया चारे का संकट.

डोईवालाः भानियावाला स्थित एक गौशाला में चारे का संकट गहराने लगा है. जिसके चलते गौवंश मरने की कगार पर पहुंच गए हैं. वर्तमान में गौशाला में 650 गौवंश मौजूद हैं, जो ऋषिकेश नगर निगम और मुनि की रेती नगर पालिका से भेजे गए हैं. गौशाला संचालक का कहना है कि पालिका से अनुबंध खत्म हो गया तो नगर निगम से पैसे नहीं दिए जा रहे हैं. ऐसे में मामला हाईकोर्ट में लंबित है, जिसके चलते यह समस्या आई है. उधर, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने गौवंश की दुर्दशा पर कार्रवाई करने की मांग की है.

भानियावाला स्थित कृष्ण धाम गौशाला के केयर टेकर आशु अरोड़ा का कहना है कि जो गौवंश यहां हैं, वो 2021 और 2022 में ऋषिकेश नगर निगम और मुनि की रेती नगर पालिका से यहां भेजे गए थे. नगर पालिका ने नवंबर 2023 में अनुबंध खत्म कर दिया था. जबकि, ऋषिकेश नगर निगम ने पैसे देने से इनकार कर दिया. वहीं, नगर निगम के पैसों के लेनदेन का मामला हाईकोर्ट में चल रहा है. जिसके चलते चारे का संकट खड़ा हो गया है.

वहीं, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी गौशाला पहुंचे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता सतवीर मखलोगा ने बताया कि गौवंश के मरने के जिम्मेदार ऋषिकेश नगर निगम और मुनि की रेती नगर पालिका हैं. उन्होंने सैकड़ों मवेशियों को यहां छोड़ दिया है और उसके बाद कोई सुध नहीं ली है. उन्होंने कहा कि इन दोनों संस्थाओं के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई होनी चाहिए.
ये भी पढ़ेंः Uttarakhand Organic village: ऑर्गेनिक विलेज है उत्तराखंड का ये गांव, यहां मिलता है देश का सबसे महंगा घी

उधर, पशु क्रूरता निवारण समिति की उपाध्यक्ष पूजा बहुखंडी ने बताया कि गायों की सेवा करना सबसे बड़ा काम माना जाता है, लेकिन ऋषिकेश नगर निगम और मुनि की रेती नगर पालिका ने शहरों से गौवंश को उठाकर इस गौशाला में भेज दिया है. जो अनुबंध संस्था के साथ हुआ था, वो पूरा नहीं किया गया है. उन्होंने गौवंश को मरने के लिए छोड़ दिया है. कई महीनों से चारे की व्यवस्था नहीं की गई है. अगर आने वाले दिनों में इन गौवंश को चारा नहीं मिला तो ये सभी गौवंश मरने को विवश हो जाएंगे.

वहीं, मुनि की रेती के अधिशासी अधिकारी तनवीर ने बताया कि कुछ मामलों को लेकर संस्था हाईकोर्ट चली गई थी. ऐसे में कोर्ट का आदेश आने तक भुगतान नहीं किया जा सकता है, लेकिन नगर पालिका पशुओं के चारे की व्यवस्था कर रही है. पशुओं की देखभाल के लिए दूसरी संस्था को देने के लिए नियुक्ति के टेंडर भी निकाल दिए गए हैं. अप्रैल तक टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और उनकी ओर से भेजे गए सभी पशु दूसरी गौशाला में भेज दिए जाएंगे.

डोईवाला की गौशाला में गहराया चारे का संकट.

डोईवालाः भानियावाला स्थित एक गौशाला में चारे का संकट गहराने लगा है. जिसके चलते गौवंश मरने की कगार पर पहुंच गए हैं. वर्तमान में गौशाला में 650 गौवंश मौजूद हैं, जो ऋषिकेश नगर निगम और मुनि की रेती नगर पालिका से भेजे गए हैं. गौशाला संचालक का कहना है कि पालिका से अनुबंध खत्म हो गया तो नगर निगम से पैसे नहीं दिए जा रहे हैं. ऐसे में मामला हाईकोर्ट में लंबित है, जिसके चलते यह समस्या आई है. उधर, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने गौवंश की दुर्दशा पर कार्रवाई करने की मांग की है.

भानियावाला स्थित कृष्ण धाम गौशाला के केयर टेकर आशु अरोड़ा का कहना है कि जो गौवंश यहां हैं, वो 2021 और 2022 में ऋषिकेश नगर निगम और मुनि की रेती नगर पालिका से यहां भेजे गए थे. नगर पालिका ने नवंबर 2023 में अनुबंध खत्म कर दिया था. जबकि, ऋषिकेश नगर निगम ने पैसे देने से इनकार कर दिया. वहीं, नगर निगम के पैसों के लेनदेन का मामला हाईकोर्ट में चल रहा है. जिसके चलते चारे का संकट खड़ा हो गया है.

वहीं, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी गौशाला पहुंचे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता सतवीर मखलोगा ने बताया कि गौवंश के मरने के जिम्मेदार ऋषिकेश नगर निगम और मुनि की रेती नगर पालिका हैं. उन्होंने सैकड़ों मवेशियों को यहां छोड़ दिया है और उसके बाद कोई सुध नहीं ली है. उन्होंने कहा कि इन दोनों संस्थाओं के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई होनी चाहिए.
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उधर, पशु क्रूरता निवारण समिति की उपाध्यक्ष पूजा बहुखंडी ने बताया कि गायों की सेवा करना सबसे बड़ा काम माना जाता है, लेकिन ऋषिकेश नगर निगम और मुनि की रेती नगर पालिका ने शहरों से गौवंश को उठाकर इस गौशाला में भेज दिया है. जो अनुबंध संस्था के साथ हुआ था, वो पूरा नहीं किया गया है. उन्होंने गौवंश को मरने के लिए छोड़ दिया है. कई महीनों से चारे की व्यवस्था नहीं की गई है. अगर आने वाले दिनों में इन गौवंश को चारा नहीं मिला तो ये सभी गौवंश मरने को विवश हो जाएंगे.

वहीं, मुनि की रेती के अधिशासी अधिकारी तनवीर ने बताया कि कुछ मामलों को लेकर संस्था हाईकोर्ट चली गई थी. ऐसे में कोर्ट का आदेश आने तक भुगतान नहीं किया जा सकता है, लेकिन नगर पालिका पशुओं के चारे की व्यवस्था कर रही है. पशुओं की देखभाल के लिए दूसरी संस्था को देने के लिए नियुक्ति के टेंडर भी निकाल दिए गए हैं. अप्रैल तक टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और उनकी ओर से भेजे गए सभी पशु दूसरी गौशाला में भेज दिए जाएंगे.

Last Updated : Apr 14, 2023, 6:01 PM IST
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