देहरादून: उत्तराखंड में भाजपा प्रदेश सरकार गठन के लिए दिल्ली से देहरादून तक कसरतें कर रही है. नए मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर भागदौड़ जारी है. वहीं, दूसरी ओर नए सिरे से सरकार गठन होते ही स्वाभाविक रूप से हर बार की तरह प्रशासनिक फेरबदल को लेकर भी चर्चाएं जोरों पर हैं. वहीं, उत्तराखंड पुलिस विभाग में फेरबदल की बात करें तो यहां भी इस विषय को लेकर सुगबुगाहट हर दिन तेज होती जा रही है.
जनपद पुलिस से लेकर पुलिस मुख्यालय तक नई सरकार के गठन को देखते हुए नई जिम्मेदारियों वाली फेरबदल की संभावनाओं को आंका जा रहा है. यही वजह है कि इन दिनों पुलिस मुख्यालय में अलग-अलग जिलों के एसपी-एसएसपी की आवाजाही भी नजर आ रही है.
चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने के बाद नई सरकार गठन में सबसे पहले प्रशासनिक रूप में जनपदों के जिला अधिकारी, एसपी, एसएसपी में फेरबदल होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. ट्रांसफर पोस्टिंग की फेरबदल से पहले चुनी गई सरकार के राजनीतिक आकाओं से आपसी सामंजस्य जैसे रणनीति पर भी अंदरखाने कार्य चलने की भी खबरें हैं.
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राज्य में नई सरकार गठित होते ही हर बार की तरह सबसे पहले राजधानी देहरादून के अलावा मुख्य तौर पर हरिद्वार, उधमसिंह नगर व नैनीताल जैसे जनपदों के कार्यभार संभालने वाले एसपी, एसएसपी के फेरबदल पर सबकी नजर रहती है. राज्य के इन चार महत्वपूर्ण जिलों के बाद ही अन्य जिलों में सरकार ट्रांसफर पोस्टिंग पर ध्यान देती है.
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जानकार मानते हैं कि बैक टू बैक उत्तराखंड में भाजपा सरकार के आने से प्रशासनिक तंत्र में कोई खास फेरबदल की संभावना नहीं है. इसकी सबसे बड़ी वजह चुनाव से ठीक पहले भाजपा सरकार द्वारा किया गया प्रशासनिक फेरबदल है. फिलहाल जिस तरह की खबरें सामने आ रही हैं उसके मुताबिक होली के बाद ही उत्तराखंड में दूसरी बार भाजपा की सरकार का विधिवत रूप से गठन किया जाएगा.