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मलबे के कारण जाखन नदी में बनी कृत्रिम झील, राजधानी दून पर मंडरा रहा बड़ा खतरा!

प्रशासन की एक लापरवाही के कारण राजधानी देहरादून के कई इलाकों और दर्जनों गांवों पर खतरा मंडरा रहा है. दरअसल, डोईवाला विधानसभा क्षेत्र में सूर्यधार झील से थोड़ा से आगे जाखन नदी में कृत्रिम झील बन गई है. कृत्रिम झील 100 मीटर लंबी, 36 मीटर चौड़ाई, साढ़े 3 मीटर गहरी बताई जा रही है.

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कृत्रिम झील
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Published : Jul 5, 2022, 4:39 PM IST

Updated : Jul 16, 2022, 12:53 PM IST

डोईवाला: देहरादून जिले के डोईवाला विधानसभा क्षेत्र में सूर्यधार झील से थोड़ा से आगे एक कृत्रिम झील बन गई है, जिससे आसपास के ग्रामीण दहशत में हैं. वहीं जैसे ही ये सूचना अधिकारियों को मिली, उनमें भी हड़कंप मचा हुआ है. अधिकारियों के मौके पर पहुंचकर कृत्रिम झील का जायजा लिया.

बताया जा रहा है कि पहाड़ी से आए मलबे के कारण सूर्यधार झील से करीब दो किलोमीटर आगे एक कृत्रिम झील बन गई थी, जिसके वहां पर काफी पानी एकत्र हो गया है. इस झील के बनने से कई गांव के लोग डरे हुए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इठरना में सड़क निर्माण के लिए पहाड़ी कटिंग का कार्य चल रहा है. आरोप है कि उसी का मलबा नदी में डाला गया और जिसकी वजह से यहां पर झील बन गई.
पढ़ें- उत्तराखंड में बेतरतीब शहरीकरण बना जंजाल, ग्रामीण क्षेत्रों का सिकुड़ना जारी

ग्रामीणों को डर है कि बरसात में पानी की वेग बढ़ने के कारण झील टूट सकती है और इससे इलाके में बड़ी तबाही आ सकती है. कई गांव का अस्तिव खतरे में पड़ सकता है. स्थानीय ग्रामीण और सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर जोशी ने बताया कि इठरना में रोड कटिंग करके मलबे को जाखन नदी में डाला जा रहा है, जिसका उन्होंने विरोध किया था. इस बारे में उन्होंने अधिकारियों को भी अवगत कराया था, लेकिन किसी ने भी उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया है और इसका परिणाम ये है कि आज सूर्यधार झील आगे जाखन नदी में एक कृत्रिम झील बन गई. यदि झील टूटती है तो इससे रानीपोखरी पुल, जाखन पुल और नदी किनारे रहने वाले लोगों को कभी भी खतरा हो सकता है.

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मोटर मार्ग निर्माण कार्य से निकले मलबे से बनी झील
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दर्जनों गांव पर खतरा

वही, अब संबंधित अधिकारी अपनी नाकामी को छुपाने के लिए गोलमोल जवाब दे रहे हैं. पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि इठरना में पहाड़ के टूटने से जो मलबा आया था. वो सीधे नदी में गिरा, जिससे यहां पर कृत्रिम झील बनी है. इसी वजह से ये समस्या आई है. उच्चाधिकारियों के संज्ञान में मामले को ला दिया गया है और समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा.
पढ़ें- बदरीनाथ हाईवे पर महिला पुलिसकर्मी की कार अलकनंदा नदी में समाई, 2 की मौत

अधिशासी अभियंता का कहना है कि इस झील के बनने से किसानों के लिए सिंचाई की समस्या पैदा हो गई है, जिसे समस्या का जल्द ही समाधान निकाल लिया जाएगा. पहले सिंचाई की समस्या को दूर करने का कार्य किया जा रहा है. उसके बाद झील के बारे में सोचा जाएगा.

डोईवाला: देहरादून जिले के डोईवाला विधानसभा क्षेत्र में सूर्यधार झील से थोड़ा से आगे एक कृत्रिम झील बन गई है, जिससे आसपास के ग्रामीण दहशत में हैं. वहीं जैसे ही ये सूचना अधिकारियों को मिली, उनमें भी हड़कंप मचा हुआ है. अधिकारियों के मौके पर पहुंचकर कृत्रिम झील का जायजा लिया.

बताया जा रहा है कि पहाड़ी से आए मलबे के कारण सूर्यधार झील से करीब दो किलोमीटर आगे एक कृत्रिम झील बन गई थी, जिसके वहां पर काफी पानी एकत्र हो गया है. इस झील के बनने से कई गांव के लोग डरे हुए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इठरना में सड़क निर्माण के लिए पहाड़ी कटिंग का कार्य चल रहा है. आरोप है कि उसी का मलबा नदी में डाला गया और जिसकी वजह से यहां पर झील बन गई.
पढ़ें- उत्तराखंड में बेतरतीब शहरीकरण बना जंजाल, ग्रामीण क्षेत्रों का सिकुड़ना जारी

ग्रामीणों को डर है कि बरसात में पानी की वेग बढ़ने के कारण झील टूट सकती है और इससे इलाके में बड़ी तबाही आ सकती है. कई गांव का अस्तिव खतरे में पड़ सकता है. स्थानीय ग्रामीण और सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर जोशी ने बताया कि इठरना में रोड कटिंग करके मलबे को जाखन नदी में डाला जा रहा है, जिसका उन्होंने विरोध किया था. इस बारे में उन्होंने अधिकारियों को भी अवगत कराया था, लेकिन किसी ने भी उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया है और इसका परिणाम ये है कि आज सूर्यधार झील आगे जाखन नदी में एक कृत्रिम झील बन गई. यदि झील टूटती है तो इससे रानीपोखरी पुल, जाखन पुल और नदी किनारे रहने वाले लोगों को कभी भी खतरा हो सकता है.

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मोटर मार्ग निर्माण कार्य से निकले मलबे से बनी झील
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दर्जनों गांव पर खतरा

वही, अब संबंधित अधिकारी अपनी नाकामी को छुपाने के लिए गोलमोल जवाब दे रहे हैं. पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि इठरना में पहाड़ के टूटने से जो मलबा आया था. वो सीधे नदी में गिरा, जिससे यहां पर कृत्रिम झील बनी है. इसी वजह से ये समस्या आई है. उच्चाधिकारियों के संज्ञान में मामले को ला दिया गया है और समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा.
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अधिशासी अभियंता का कहना है कि इस झील के बनने से किसानों के लिए सिंचाई की समस्या पैदा हो गई है, जिसे समस्या का जल्द ही समाधान निकाल लिया जाएगा. पहले सिंचाई की समस्या को दूर करने का कार्य किया जा रहा है. उसके बाद झील के बारे में सोचा जाएगा.

Last Updated : Jul 16, 2022, 12:53 PM IST
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