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EXCLUSIVE: पांच दिनों बाद टनल के अंदर से मिली 'जिंदगी' की उम्मीद, भाई ने फोन पर कहा हैलो, फिर... - Uttarakhand Chamoli News

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए जितेंद्र धनाई की बहन सीमा ने बताया कि वह लगातार पांच दिनों से अपने भाई को कॉल कर रही हैं. 5 दिनों से लगातार उनके मोबाइल फोन पर घंटी जा रही थी. आज अचानक उनका फोन उठा. उन्होंने हैलो कहा और फिर उनका फोन बंद हो गया

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पांच दिनों बाद टनल के अंदर से मिली 'जिंदगी' की उम्मीद
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Published : Feb 12, 2021, 10:54 PM IST

Updated : Feb 13, 2021, 1:14 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ में आई आपदा में अपनों की तलाश में जुटी बेबस परिजनों की आंखें घर की चौखट पर टकटकी लगाई हुई हैं. उन्हें एक ही उम्मीद रहती है कि कोई अपनों की कुशलता की खबर तो लेकर नहीं आ रहा है. ये लाचारी और बेबसी हादसे में लापता लोगों के परिजनों के आंखों में साफ देखी जा सकती है. ईटीवी भारत आज ऐसा खुलासा करने जा रहा है जिसको सुनकर आपको यह उम्मीद जग जाएगी कि टनल के अंदर फंसे लोग अभी भी सुरक्षित हो सकते हैं.

पांच दिनों बाद टनल के अंदर से मिली 'जिंदगी' की उम्मीद

इस खबर के बाद हो सकता है प्रशासन शासन और तमाम एजेंसियां जो टनल को खाली करवाने में लगी हुई हैं. वह अपना काम और तेजी से करने का प्रयास करें. आप यकीन कर सकते हैं कि 5 दिनों से टनल में फंसे एक व्यक्ति ने अपनी बहन को फोन पर हैलो कह कर जवाब दिया है. टिहरी गढ़वाल के रहने वाले जितेंद्र धनाई 2017 से तपोवन स्थित पावर प्लांट में काम कर रहे थे. आपदा आने के बाद से ही वो टनल के अंदर फंसे हुए हैं. तब से परिवार के सदस्य लगातार उनसे फोन पर संपर्क कर रहे थे.

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जितेंद्र धनाई.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए जितेंद्र धनाई की बहन सीमा ने बताया कि वह लगातार पांच दिनों से अपने भाई को कॉल कर रही हैं. 5 दिनों से लगातार उनके फोन पर घंटी जा रही थी. आज अचानक उनका फोन उठा. उन्होंने हैलो कहा और फिर उनका फोन बंद हो गया. इसके बाद जितेंद्र के परिजन काफी परेशान हैं. जितेंद्र पिछले 5 दिनों से टनल में फंसे हुए हैं. जितेंद्र की बहन सीमा इस समय बेहद परेशान हैं.

पढ़ें- आपदा रेस्क्यू LIVE: ऋषिगंगा के जलस्तर पर ITBP की नजर, ड्रोन से हो रही निगरानी

उन्होंने ईटीवी के ब्यूरो चीफ किरणकांत शर्मा से बातचीत करते हुए इतना ही कहा कि वह लगातार पांच दिनों से कॉल कर रहीं हैं. उनके भाई के फोन पर लगातार घंटी जा रही है. आज उनका फोन उठा. उन्होंने हैलो कहा और उसके बाद उनका फोन बंद हो गया. सीमा कहती है कि आवाज सुन कर के उन्हें यह लगता है कि उनका भाई अभी भी टनल के अंदर जीवित हैं.

पढ़ें-उत्तराखंड: शुक्रवार को मिले 49 नए मरीज, 24 घंटे में दो मरीजों की मौत

अगर जितेंद्र की बहन सही बोल रही हैं तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि टनल के अंदर 5 दिनों से फंसे तमाम लोग अभी भी जीवित हो सकते हैं. बहरहाल, अगर वह जीवित निकलते हैं तो यह भगवान का कोई चमत्कार ही होगा. फिलहाल परिजनों को अपनों के सकुशल घर आने की उम्मीद है.

देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ में आई आपदा में अपनों की तलाश में जुटी बेबस परिजनों की आंखें घर की चौखट पर टकटकी लगाई हुई हैं. उन्हें एक ही उम्मीद रहती है कि कोई अपनों की कुशलता की खबर तो लेकर नहीं आ रहा है. ये लाचारी और बेबसी हादसे में लापता लोगों के परिजनों के आंखों में साफ देखी जा सकती है. ईटीवी भारत आज ऐसा खुलासा करने जा रहा है जिसको सुनकर आपको यह उम्मीद जग जाएगी कि टनल के अंदर फंसे लोग अभी भी सुरक्षित हो सकते हैं.

पांच दिनों बाद टनल के अंदर से मिली 'जिंदगी' की उम्मीद

इस खबर के बाद हो सकता है प्रशासन शासन और तमाम एजेंसियां जो टनल को खाली करवाने में लगी हुई हैं. वह अपना काम और तेजी से करने का प्रयास करें. आप यकीन कर सकते हैं कि 5 दिनों से टनल में फंसे एक व्यक्ति ने अपनी बहन को फोन पर हैलो कह कर जवाब दिया है. टिहरी गढ़वाल के रहने वाले जितेंद्र धनाई 2017 से तपोवन स्थित पावर प्लांट में काम कर रहे थे. आपदा आने के बाद से ही वो टनल के अंदर फंसे हुए हैं. तब से परिवार के सदस्य लगातार उनसे फोन पर संपर्क कर रहे थे.

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जितेंद्र धनाई.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए जितेंद्र धनाई की बहन सीमा ने बताया कि वह लगातार पांच दिनों से अपने भाई को कॉल कर रही हैं. 5 दिनों से लगातार उनके फोन पर घंटी जा रही थी. आज अचानक उनका फोन उठा. उन्होंने हैलो कहा और फिर उनका फोन बंद हो गया. इसके बाद जितेंद्र के परिजन काफी परेशान हैं. जितेंद्र पिछले 5 दिनों से टनल में फंसे हुए हैं. जितेंद्र की बहन सीमा इस समय बेहद परेशान हैं.

पढ़ें- आपदा रेस्क्यू LIVE: ऋषिगंगा के जलस्तर पर ITBP की नजर, ड्रोन से हो रही निगरानी

उन्होंने ईटीवी के ब्यूरो चीफ किरणकांत शर्मा से बातचीत करते हुए इतना ही कहा कि वह लगातार पांच दिनों से कॉल कर रहीं हैं. उनके भाई के फोन पर लगातार घंटी जा रही है. आज उनका फोन उठा. उन्होंने हैलो कहा और उसके बाद उनका फोन बंद हो गया. सीमा कहती है कि आवाज सुन कर के उन्हें यह लगता है कि उनका भाई अभी भी टनल के अंदर जीवित हैं.

पढ़ें-उत्तराखंड: शुक्रवार को मिले 49 नए मरीज, 24 घंटे में दो मरीजों की मौत

अगर जितेंद्र की बहन सही बोल रही हैं तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि टनल के अंदर 5 दिनों से फंसे तमाम लोग अभी भी जीवित हो सकते हैं. बहरहाल, अगर वह जीवित निकलते हैं तो यह भगवान का कोई चमत्कार ही होगा. फिलहाल परिजनों को अपनों के सकुशल घर आने की उम्मीद है.

Last Updated : Feb 13, 2021, 1:14 PM IST
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