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देहरादून में डेंगू का पहला केस आया सामने, निजी स्कूल के शिक्षक में मिला संक्रमण

देहरादून में डेंगू का पहला केस सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ गई है. इंदिरा नगर स्थित एक निजी स्कूल के 51 वर्षीय शिक्षक में डेंगू संक्रमण की पुष्टि हुई. वहीं, नगर निगम की टीम ने स्कूल के आसपास कीटनाशक रसायनों का छिड़काव किया है.

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Published : Jul 29, 2022, 7:31 AM IST

देहरादून: राजधानी देहरादून में डेंगू का पहला केस सामने आया है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के सामने कोरोना के साथ ही डेंगू की रोकथाम की चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. इंदिरा नगर स्थित एक निजी स्कूल के 51 वर्षीय शिक्षक में डेंगू संक्रमण की पुष्टि हुई. शिक्षक को कुछ दिनों पहले बुखार आया था. उन्होंने एक निजी लैब से डेंगू की जांच कराई तो जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है.

निजी स्कूल प्रबंधन ने शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और आशा वर्कर की टीम ने स्कूल व आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण किया. स्कूल में किसी और शिक्षक स्टाफ या छात्र में बुखार की शिकायत नहीं मिली है. वहीं, नगर निगम की टीम ने स्कूल के आसपास कीटनाशक रसायनों का छिड़काव किया है.
पढ़ें- उत्तराखंड में फिर डराने लगा कोरोना, आज मिले 334 नए केस, दो मरीजों की मौत

जिले के वेक्टर जनित रोग अधिकारी सुभाष जोशी के अनुसार स्कूल में मच्छर का लार्वा नहीं मिला है. मरीज की स्थिति सामान्य है और शिक्षक स्कूल परिसर में ही उपचार ले रहे हैं.

डेंगू के लक्षण: बता दें कि डेंगू और मलेरिया दोनों ही मादा मच्छर के काटने से होते हैं. डेंगू एक तरह का वायरस है, जो एडीस नाम के मादा मच्छर के काटने से शरीर में फैलता है. यदि किसी व्यक्ति को डेंगू हो जाए तो उसे तेज बुखार आने के साथ ही उल्टी, शरीर में दर्द और अकड़न की शिकायत होती है. इसके साथ ही डेंगू के शिकार व्यक्ति के खून में मौजूद प्लेटलेट्स भी तेजी से कम होने लगते हैं.

देहरादून: राजधानी देहरादून में डेंगू का पहला केस सामने आया है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के सामने कोरोना के साथ ही डेंगू की रोकथाम की चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. इंदिरा नगर स्थित एक निजी स्कूल के 51 वर्षीय शिक्षक में डेंगू संक्रमण की पुष्टि हुई. शिक्षक को कुछ दिनों पहले बुखार आया था. उन्होंने एक निजी लैब से डेंगू की जांच कराई तो जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है.

निजी स्कूल प्रबंधन ने शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और आशा वर्कर की टीम ने स्कूल व आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण किया. स्कूल में किसी और शिक्षक स्टाफ या छात्र में बुखार की शिकायत नहीं मिली है. वहीं, नगर निगम की टीम ने स्कूल के आसपास कीटनाशक रसायनों का छिड़काव किया है.
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जिले के वेक्टर जनित रोग अधिकारी सुभाष जोशी के अनुसार स्कूल में मच्छर का लार्वा नहीं मिला है. मरीज की स्थिति सामान्य है और शिक्षक स्कूल परिसर में ही उपचार ले रहे हैं.

डेंगू के लक्षण: बता दें कि डेंगू और मलेरिया दोनों ही मादा मच्छर के काटने से होते हैं. डेंगू एक तरह का वायरस है, जो एडीस नाम के मादा मच्छर के काटने से शरीर में फैलता है. यदि किसी व्यक्ति को डेंगू हो जाए तो उसे तेज बुखार आने के साथ ही उल्टी, शरीर में दर्द और अकड़न की शिकायत होती है. इसके साथ ही डेंगू के शिकार व्यक्ति के खून में मौजूद प्लेटलेट्स भी तेजी से कम होने लगते हैं.

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