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ऋषिकेश: करप्शन के खिलाफ आवाज उठाने पर गंवाई नौकरी, निगम में लाखों का घोटाला

पूर्व सफाई निरीक्षक अरविंद डिमरी ने निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि निगम में हो रहे भ्रष्टाचार की जानकारी मिलने पर उन्होंने अधिकारियों को एक पत्र लिखा था. जिसके बाद अधिकारियों ने ही मिलीभगत कर उसे नौकरी से निकाल दिया.

करप्शन के खिलाफ आवाज उठाने पर गई नौकरी.
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Published : Oct 18, 2019, 1:29 PM IST

ऋषिकेश: नगर निगम के पूर्व कर्मचारी ने निगम के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि निगम में 5 लाख की एलईडी लाइट का घोटाला किया जा रहा था. जिसका पता लगने पर पूर्व कर्मचारी ने जिलाधिकारी को शिकायत पत्र लिखा. जिसके बाद निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से उसे नौकरी से निकाल दिया गया, लेकिन मामले की अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में अब पीड़ित ने न्यायालय की शरण लेने की बात की है.

पूर्व सफाई निरीक्षक अरविंद डिमरी.

दरअसल, ऋषिकेश नगर निगम के पूर्व सफाई निरीक्षक अरविंद डिमरी ने निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि निगम में हो रहे भ्रष्टाचार की जानकारी मिलने पर उन्होंने अधिकारियों को एक पत्र लिखा था. जिसके बाद अधिकारियों ने ही मिलीभगत कर उसे नौकरी से निकाल दिया. अरविंद ने 10 साल तक नगर पालिका में अपनी सेवाएं दी हैं, नगर निगम बनने के बाद भी यह सेवाएं जारी रही.

अरविंद डिमरी ने मामले की पूरी जानकारी देते हुए बताया कि काम के दौरान एक दिन जब उन्होंने रिकॉर्ड बुक मिलान किया तो उसमें से लगभग 95 एलईडी लाइट गायब मिली. उन्होंने तत्कालीन इसकी शिकायत जिलाधिकारी से शिकायत की लेकिन इस मामले पर किसी भी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद उन्होंने 13 अगस्त 2019 सीएम हेल्पलाइन पर भी इसकी शिकायत की गई लेकिन बावजूद इसके इस मामले की जांच नहीं हुई और उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया.

ऋषिकेश: नगर निगम के पूर्व कर्मचारी ने निगम के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि निगम में 5 लाख की एलईडी लाइट का घोटाला किया जा रहा था. जिसका पता लगने पर पूर्व कर्मचारी ने जिलाधिकारी को शिकायत पत्र लिखा. जिसके बाद निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से उसे नौकरी से निकाल दिया गया, लेकिन मामले की अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में अब पीड़ित ने न्यायालय की शरण लेने की बात की है.

पूर्व सफाई निरीक्षक अरविंद डिमरी.

दरअसल, ऋषिकेश नगर निगम के पूर्व सफाई निरीक्षक अरविंद डिमरी ने निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि निगम में हो रहे भ्रष्टाचार की जानकारी मिलने पर उन्होंने अधिकारियों को एक पत्र लिखा था. जिसके बाद अधिकारियों ने ही मिलीभगत कर उसे नौकरी से निकाल दिया. अरविंद ने 10 साल तक नगर पालिका में अपनी सेवाएं दी हैं, नगर निगम बनने के बाद भी यह सेवाएं जारी रही.

अरविंद डिमरी ने मामले की पूरी जानकारी देते हुए बताया कि काम के दौरान एक दिन जब उन्होंने रिकॉर्ड बुक मिलान किया तो उसमें से लगभग 95 एलईडी लाइट गायब मिली. उन्होंने तत्कालीन इसकी शिकायत जिलाधिकारी से शिकायत की लेकिन इस मामले पर किसी भी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद उन्होंने 13 अगस्त 2019 सीएम हेल्पलाइन पर भी इसकी शिकायत की गई लेकिन बावजूद इसके इस मामले की जांच नहीं हुई और उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया.

Intro:ऋषिकेश-- ऋषिकेश नगर निगम के पूर्व में कार्य कर रहे सफाई निरीक्षक ने निगम के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर अधिकारियों ने मिलीभगत कर उसे नौकरी से निकाल दिया कर्मचारी का कहना था कि निगम में लगभग 5 लाख रुपये की एलईडी लाइट गायब होने के संबंध में शिकायत की गई थी वही इस मामले में उच्च अधिकारियों से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक शिकायत की गई है लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।


Body:वी/ओ-- ऋषिकेश नगर निगम में पूर्व में सफाई निरीक्षक पद पर तैनात अरविंद डिमरी ने नगर निगम ऋषिकेश के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ऋषिकेश नगर निगम के भीतर भ्रष्टाचार का बोलबाला था भ्रष्टाचार की शिकायत करने के लिए उसके द्वारा एक पत्र लिखा गया जिसके बाद अधिकारियों ने मिलीभगत कर उसे नौकरी से निकाल दिया अरविंद देवरी ने कहा कि मेरे द्वारा पिछले 10 वर्षों तक ऋषिकेश नगर पालिका में अपनी सेवाएं दी नगर निगम बनने के बाद भी यह सेवाएं जारी रही मेरा कार्य देखने के बाद मुझे सफाई निरीक्षक के साथ-साथ पथ प्रकाशन व्यवस्था की भी जिम्मेदारी दी गई लेकिन जब उसने या जिम्मेदारी संभाली तो उसमें एक बड़ा ही घोटाला दिखाई दिया अरविंद ने कहा कि रिकॉर्ड बुक का जब मिलान किया गया तो उसमें से लगभग 95 एलईडी लाइट गायब मिली इस मामले की शिकायत तत्कालीन सहायक नगर आयुक्त तत्कालीन नगर निगम प्रशासक के तौर पर जिलाधिकारी से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई जिसके बाद मेरे द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की गई लेकिन इसके बावजूद भी इस मामले की जांच नहीं हो पाई है


Conclusion:वी/ओ-- अरविंद डिमरी ने कहा कि 8 अगस्त को नगर निगम बोर्ड बंद होने के बाद तत्कालीन प्रशासक देहरादून जिलाधिकारी से शिकायत की गई थी शिकायत के बाद कार्रवाई तो हो नहीं पाई लेकिन मुझे नौकरी से जरूर निकाल दिया अरविंद ने बताया कि जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने 13 अगस्त 2019 को सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की गई लेकिन यहां भी शिकायत करने के बाद अभी तक कोई भी सुनवाई नहीं हुई है अरविंद ने कहा कि मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई लेकिन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जांच तो दूर मुझे ही नौकरी से निकाल दिया गया अब अरविंद न्यायालय की शरण लेने की बात कर रहे हैं।

बाईट--अरविंद डिमरी(पूर्व निगम कर्मचारी,शिकायतकर्ता)
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