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आपात स्थिति से निपटने की तैयारी, देहरादून की बड़ी इमारतों में किया जाएगा फायर सेफ्टी ऑडिट - फायर सेफ्टी ऑडिट

आपदा के समय कम से कम नुकसान के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में आपदा प्रबंधन विभाग ने फायर सेफ्टी पर काम करने वाली कंपनी एमपी संस्था के माध्यम से एक कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें आपदा की स्थिति में कम नुकसान को लेकर गाइडलाइन और मानक तैयार किए.

हिल्टी संस्था करेगी देहरादून में फायर सेफ्टी ऑडिट
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Published : Jul 3, 2019, 10:51 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड हर वक्त आपदा के मुहाने पर खड़ा रहता है, ऐसे में सिर्फ तैयारियां ही काम आ सकती हैं. यही वजह है कि उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग लगातार आपदा की स्थिति में हर चुनौती से निपटने के लिए प्रयासरत है. इसी कड़ी में आपदा प्रबंधन विभाग ने फायर सेफ्टी पर काम करने वाली कंपनी एमपी संस्था के माध्यम से एक कार्यशाला का आयोजन किया. जिसमें ज्यादा जन सामान्य की आवाजाही वाली इमारतों की सुरक्षा और आपदा की स्थिति में कम से कम नुकसान को लेकर गाइडलाइन और मानक तैयार किए गए.

हिल्टी संस्था करेगी देहरादून में फायर सेफ्टी ऑडिट

कार्यशाला में मौजूद आपदा प्रबंधन विभाग के डिजास्टर रिकवरी प्रोग्राम मैनेजर गिरीश जोशी ने बताया कि हाल ही में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के निर्देश पर पूरे प्रदेश में तकरीबन 20 हजार से ज्यादा आवाजाही वाली इमारतों का सर्वे किया गया. जिसमें कई इमारतें ऐसी हैं जो आपदा की दृष्टि से बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं.

पढ़ें- उत्तराखंडः 3 जुलाई को मिलेगी सी-प्लेन की सौगात, विभागों को बांटे जाएंगे दायित्व

गिरीश जोशी ने बताया कि इस कार्यशाला में मानकों और कारणों को पुलिस, स्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से साझा किया गया. साथ ही निर्णय लिया गया कि हिल्टी संस्था देहरादून की सभी बड़ी इमारतों में जाकर फ्री फायर सेफ्टी ऑडिट करेगी और एक टेक्निकल रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे आपदा प्रबंधन और सरकार के साथ साझा कर इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

देहरादून: उत्तराखंड हर वक्त आपदा के मुहाने पर खड़ा रहता है, ऐसे में सिर्फ तैयारियां ही काम आ सकती हैं. यही वजह है कि उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग लगातार आपदा की स्थिति में हर चुनौती से निपटने के लिए प्रयासरत है. इसी कड़ी में आपदा प्रबंधन विभाग ने फायर सेफ्टी पर काम करने वाली कंपनी एमपी संस्था के माध्यम से एक कार्यशाला का आयोजन किया. जिसमें ज्यादा जन सामान्य की आवाजाही वाली इमारतों की सुरक्षा और आपदा की स्थिति में कम से कम नुकसान को लेकर गाइडलाइन और मानक तैयार किए गए.

हिल्टी संस्था करेगी देहरादून में फायर सेफ्टी ऑडिट

कार्यशाला में मौजूद आपदा प्रबंधन विभाग के डिजास्टर रिकवरी प्रोग्राम मैनेजर गिरीश जोशी ने बताया कि हाल ही में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के निर्देश पर पूरे प्रदेश में तकरीबन 20 हजार से ज्यादा आवाजाही वाली इमारतों का सर्वे किया गया. जिसमें कई इमारतें ऐसी हैं जो आपदा की दृष्टि से बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं.

पढ़ें- उत्तराखंडः 3 जुलाई को मिलेगी सी-प्लेन की सौगात, विभागों को बांटे जाएंगे दायित्व

गिरीश जोशी ने बताया कि इस कार्यशाला में मानकों और कारणों को पुलिस, स्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से साझा किया गया. साथ ही निर्णय लिया गया कि हिल्टी संस्था देहरादून की सभी बड़ी इमारतों में जाकर फ्री फायर सेफ्टी ऑडिट करेगी और एक टेक्निकल रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे आपदा प्रबंधन और सरकार के साथ साझा कर इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

Intro:एंकर- उत्तराखंड आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण विभाग द्वारा अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में फायर सेफ्टी को लेकर काम करने वाली प्रतिष्ठित हिल्टि संस्था ने मिल कर भवनों में रिट्रोफिटिंग और फायर सेफ्टी को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस वर्कशॉप में शहर की व्यस्त रहने वाली इमारतों में न्यूनतम नुकसान के लिए निर्धारित ने सभी नियमों मानकों को लेकर विचार विमर्श करते हुए पुलिस स्वास्थ्य पीडब्ल्यूडी और अग्निशमन विभाग के साथ मिलकर आपदा के समय में न्यूनतम नुकसान के लिए रणनीति बनाई गई। तो वहीं देहरादून के सभी पॉपुलर बिल्डिंग जिसमे दून अस्पताल, प्रतिष्ठित स्कूल कॉलेज संस्थान, राजपुर रोड़ पर स्थित भीडभाड़ वाले मॉल्स, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में फायर सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा और इस ऑडिट की टेक्निकल रिपोर्ट के आधार पर सरकार कार्यवाही करेगी।




Body:वीओ- हर वक्त आपदा के मुहाने पर खड़े राज्य उत्तराखंड में नुकसान को कम रखने के लिए केवल और केवल तैयारियां ही काम आ सकती हैं और यही वजह है कि उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग लगातार प्रदेश को आपदा में कम से कम नुकसान के लिए तैयार करने के लिए प्रयासरत है इसी कड़ी में आपदा प्रबंधन विभाग ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में फायर सेफ्टी पर बेहतरीन काम करने वाली कंपनी एमपी संस्था के माध्यम से एक कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें उत्तराखंड के तमाम उन भवनों को लेकर विचार-विमर्श किया गया जिनमें जन सामान्य की आवाजाही ज्यादातर रहती है इन इमारतों में खासतौर से सरकारी अस्पताल बड़े स्कूल कॉलेज और शॉपिंग मॉल्स के अलावा व्यस्त रहने वाले बाजारों में किस तरह से सुरक्षा के इंतजाम और आपदा की स्थिति में कम से कम नुकसान को लेकर तमाम तरह की गाइडलाइन और मानक तैयार किए गए।

कार्यशाला में मौजूद आपदा प्रबंधन विभाग के डिजास्टर रिकवरी प्रोग्राम मैनेजर गिरीश जोशी ने बताया कि हाल ही में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के निर्देश पर पूरे प्रदेश में तकरीबन 20000 से ज्यादा अधिकांश आवाजाही वाली इमारतों का सर्वे किया गया जिसमें कई इमारतें ऐसी हैं जो आप दक विभाग से बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है गिरीश जोशी ने बताया कि उनकी संस्था द्वारा की गई इस कार्यशाला में उन तमाम मानकों और कारणों को संबंधित विभाग जो कि पुलिस स्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग के लोगों के साथ साझा किया गया साथ ही इस कार्यशाला में निर्णय लिया गया कि हिल्टी संस्था देहरादून के सभी मैक्सिमम फुटबॉल वाली इमारतों में जाकर फ्री फायर सेफ्टी ऑडिट करेगी और एक टेक्निकल रिपोर्ट तैयार की जाएगी जिसे आपदा प्रबंधन और सरकार के साथ साझा कर इसके बाद अनुचित कार्रवाई की जाएगी।

बाइट- गिरीश जोशी, प्रोग्राम मैनेजर, उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोग्राम


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