देहरादून: उत्तराखंड हर वक्त आपदा के मुहाने पर खड़ा रहता है, ऐसे में सिर्फ तैयारियां ही काम आ सकती हैं. यही वजह है कि उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग लगातार आपदा की स्थिति में हर चुनौती से निपटने के लिए प्रयासरत है. इसी कड़ी में आपदा प्रबंधन विभाग ने फायर सेफ्टी पर काम करने वाली कंपनी एमपी संस्था के माध्यम से एक कार्यशाला का आयोजन किया. जिसमें ज्यादा जन सामान्य की आवाजाही वाली इमारतों की सुरक्षा और आपदा की स्थिति में कम से कम नुकसान को लेकर गाइडलाइन और मानक तैयार किए गए.
कार्यशाला में मौजूद आपदा प्रबंधन विभाग के डिजास्टर रिकवरी प्रोग्राम मैनेजर गिरीश जोशी ने बताया कि हाल ही में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के निर्देश पर पूरे प्रदेश में तकरीबन 20 हजार से ज्यादा आवाजाही वाली इमारतों का सर्वे किया गया. जिसमें कई इमारतें ऐसी हैं जो आपदा की दृष्टि से बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं.
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गिरीश जोशी ने बताया कि इस कार्यशाला में मानकों और कारणों को पुलिस, स्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से साझा किया गया. साथ ही निर्णय लिया गया कि हिल्टी संस्था देहरादून की सभी बड़ी इमारतों में जाकर फ्री फायर सेफ्टी ऑडिट करेगी और एक टेक्निकल रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे आपदा प्रबंधन और सरकार के साथ साझा कर इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.