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दून अस्पताल में अग्नि सुरक्षा इंतजाम नाकाफी, निजी अस्पतालों में व्यवस्था बेहतर

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के अस्पतालों और नर्सिंग होम में उचित अग्नि सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. जिसके मद्देनजर फायर डिपार्टमेंट द्वारा सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में व्यवस्थाएं संतोषजनक नहीं है.

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Published : Dec 17, 2020, 4:19 PM IST

Updated : Dec 17, 2020, 4:48 PM IST

dehradun news
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देहरादूनः विभिन्न राज्यों में हुई आग की दुर्घटनाओं के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के अस्पतालों और नर्सिंग होम में उचित अग्नि सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में फायर डिपार्टमेंट की ओर से राजधानी देहरादून में संचालित निजी और सरकारी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था संतोषजनक बताई है, जबकि राजधानी के बीचों बीच स्थित सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय को फायर डिपार्टमेंट की ओर से समय-समय पर अग्नि सुरक्षा व्यवस्था सुचारू करने के सुझाव दिए जाते रहे हैं. यहां अग्नि सुरक्षा इंतजाम नाकाफी हैं.

सबसे बड़े सरकारी दून अस्पताल में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था संतोषजनक नहीं.

बता दें कि, उत्तराखंड फायर डिपार्टमेंट के अनुसार राजधानी देहरादून के निजी अस्पताल जिसमें श्री महंत इंद्रेश अस्पताल कैलाश, सिनर्जी मैक्स सहित सरकारी कोरोनेशन अस्पताल के अग्नि सुरक्षा मानक संतोषजनक हैं. वहीं दून अस्पताल को समय-समय पर फायर सेफ्टी नॉर्म्स पूरे करने के सुझाव दिए जाते रहे हैं.

हालांकि, फायर डिपार्टमेंट का कहना है कि अग्नि सुरक्षा मानकों को पूरा करवाने की दिशा में अस्पतालों के समय-समय पर निरीक्षण किए जाते हैं. लेकिन कोविड-19 की वजह से फिलहाल विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. कोविड-19 से जैसे ही छूट मिलेगी, विभाग के द्वारा नियम तोड़ने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, देहरादून के फायर ऑफिसर सुरेश चंद्र के मुताबिक, निजी और सरकारी अस्पतालों की बात की जाए तो राजधानी के बड़े अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा मानक संतोषजनक पाए गए हैं, लेकिन दून अस्पताल में अग्निशमन व्यवस्था तो मौजूद है, लेकिन सुचारू अवस्था में नहीं है. इसके लिए समय-समय पर दून अस्पताल प्रबंधन को फायर डिपार्टमेंट की ओर से सुझाव भी दिए जाते रहे हैं.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर विभाग की ओर से जो कार्रवाई होनी चाहिए वह नहीं हो पा रही है. लेकिन अस्पताल में अग्नि सुरक्षा मानकों को पूरा करने की दिशा में सुझाव दिए जा रहे हैं, ताकि आग से होने वाली किसी भी प्रकार की छोटी दुर्घटनाओं को फायर डिपार्टमेंट के पहुंचने से पूर्व आग पर काबू पाया जा सके. कोविड-19 संक्रमण से छूट मिलने के बाद नियम तोड़ने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी और इस संबंध में उच्चाधिकारियों को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी.

वहीं, सीएमओ कार्यालय ने अस्पतालों में आग से होने वाली संभावित दुर्घटनाओं को रोकने की दिशा में सरकारी अस्पतालों में अग्निशमन व्यवस्थाओं को संतोषजनक बताया है. सीएमओ कार्यालय के अनुसार सरकारी अस्पतालों में फायर सेफ्टी नॉर्म्स की स्थिति संतोषजनक है. इसके लिए विभाग की ओर से कायाकल्प के तहत प्रत्येक वर्ष निरीक्षण किया जाता है और अवार्ड्स के लिए मार्किंग भी की जाती है. इसके अलावा कायाकल्प के तहत अस्पतालों के स्टॉफ को फायर ट्रेनिंग कराने के भी निर्देश दिए जाते हैं.

इसके साथ ही अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन से पूर्व फायर सेफ्टी की एनओसी लेना अनिवार्य होता है. इसके अलावा विभाग की ओर से अस्पतालों में फायर एक्सटिंग्विशर की एक्सपायरी तिथि का भी निरीक्षण किया जाता रहा है.

किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में इन अग्नि सुरक्षा मानकों का होना जरूरी

नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ इंडिया के तहत किसी भी अस्पताल में स्मोक डिटेक्टर, हीट डिटेक्टर, फायर अलार्म ,फायर हाइडेंट, होज रील, स्प्रिंकलर्स इत्यादि का होना आवश्यक है. इसके साथ ही अस्पतालों में फायर एग्जिट के साइन एज होनी भी जरूरी है.

देहरादून में सरकारी अस्पतालों की संख्या

राजधानी देहरादून में चार मेडिकल कॉलेज हैं, जिसमें दो प्राइवेट और दो सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं. इसके अलावा एक जिला अस्पताल, चार उप जिला अस्पताल, पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 44 टाइप ए प्राइमरी हेल्थ सेंटर और 3 टाइप बी प्राइमरी हेल्थ सेंटर मौजूद हैं.

आग से जुड़ी आपात परिस्थिति में इन नंबरों पर करें संपर्क

  • मेन कंट्रोल रूम- 112
  • फायर कंट्रोल रूम- 101
  • लैंडलाइन नंबर- 0135-2716242
  • फायर ऑफिसर- 9456597983

देहरादूनः विभिन्न राज्यों में हुई आग की दुर्घटनाओं के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के अस्पतालों और नर्सिंग होम में उचित अग्नि सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में फायर डिपार्टमेंट की ओर से राजधानी देहरादून में संचालित निजी और सरकारी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था संतोषजनक बताई है, जबकि राजधानी के बीचों बीच स्थित सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय को फायर डिपार्टमेंट की ओर से समय-समय पर अग्नि सुरक्षा व्यवस्था सुचारू करने के सुझाव दिए जाते रहे हैं. यहां अग्नि सुरक्षा इंतजाम नाकाफी हैं.

सबसे बड़े सरकारी दून अस्पताल में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था संतोषजनक नहीं.

बता दें कि, उत्तराखंड फायर डिपार्टमेंट के अनुसार राजधानी देहरादून के निजी अस्पताल जिसमें श्री महंत इंद्रेश अस्पताल कैलाश, सिनर्जी मैक्स सहित सरकारी कोरोनेशन अस्पताल के अग्नि सुरक्षा मानक संतोषजनक हैं. वहीं दून अस्पताल को समय-समय पर फायर सेफ्टी नॉर्म्स पूरे करने के सुझाव दिए जाते रहे हैं.

हालांकि, फायर डिपार्टमेंट का कहना है कि अग्नि सुरक्षा मानकों को पूरा करवाने की दिशा में अस्पतालों के समय-समय पर निरीक्षण किए जाते हैं. लेकिन कोविड-19 की वजह से फिलहाल विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. कोविड-19 से जैसे ही छूट मिलेगी, विभाग के द्वारा नियम तोड़ने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, देहरादून के फायर ऑफिसर सुरेश चंद्र के मुताबिक, निजी और सरकारी अस्पतालों की बात की जाए तो राजधानी के बड़े अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा मानक संतोषजनक पाए गए हैं, लेकिन दून अस्पताल में अग्निशमन व्यवस्था तो मौजूद है, लेकिन सुचारू अवस्था में नहीं है. इसके लिए समय-समय पर दून अस्पताल प्रबंधन को फायर डिपार्टमेंट की ओर से सुझाव भी दिए जाते रहे हैं.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर विभाग की ओर से जो कार्रवाई होनी चाहिए वह नहीं हो पा रही है. लेकिन अस्पताल में अग्नि सुरक्षा मानकों को पूरा करने की दिशा में सुझाव दिए जा रहे हैं, ताकि आग से होने वाली किसी भी प्रकार की छोटी दुर्घटनाओं को फायर डिपार्टमेंट के पहुंचने से पूर्व आग पर काबू पाया जा सके. कोविड-19 संक्रमण से छूट मिलने के बाद नियम तोड़ने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी और इस संबंध में उच्चाधिकारियों को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी.

वहीं, सीएमओ कार्यालय ने अस्पतालों में आग से होने वाली संभावित दुर्घटनाओं को रोकने की दिशा में सरकारी अस्पतालों में अग्निशमन व्यवस्थाओं को संतोषजनक बताया है. सीएमओ कार्यालय के अनुसार सरकारी अस्पतालों में फायर सेफ्टी नॉर्म्स की स्थिति संतोषजनक है. इसके लिए विभाग की ओर से कायाकल्प के तहत प्रत्येक वर्ष निरीक्षण किया जाता है और अवार्ड्स के लिए मार्किंग भी की जाती है. इसके अलावा कायाकल्प के तहत अस्पतालों के स्टॉफ को फायर ट्रेनिंग कराने के भी निर्देश दिए जाते हैं.

इसके साथ ही अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन से पूर्व फायर सेफ्टी की एनओसी लेना अनिवार्य होता है. इसके अलावा विभाग की ओर से अस्पतालों में फायर एक्सटिंग्विशर की एक्सपायरी तिथि का भी निरीक्षण किया जाता रहा है.

किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में इन अग्नि सुरक्षा मानकों का होना जरूरी

नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ इंडिया के तहत किसी भी अस्पताल में स्मोक डिटेक्टर, हीट डिटेक्टर, फायर अलार्म ,फायर हाइडेंट, होज रील, स्प्रिंकलर्स इत्यादि का होना आवश्यक है. इसके साथ ही अस्पतालों में फायर एग्जिट के साइन एज होनी भी जरूरी है.

देहरादून में सरकारी अस्पतालों की संख्या

राजधानी देहरादून में चार मेडिकल कॉलेज हैं, जिसमें दो प्राइवेट और दो सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं. इसके अलावा एक जिला अस्पताल, चार उप जिला अस्पताल, पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 44 टाइप ए प्राइमरी हेल्थ सेंटर और 3 टाइप बी प्राइमरी हेल्थ सेंटर मौजूद हैं.

आग से जुड़ी आपात परिस्थिति में इन नंबरों पर करें संपर्क

  • मेन कंट्रोल रूम- 112
  • फायर कंट्रोल रूम- 101
  • लैंडलाइन नंबर- 0135-2716242
  • फायर ऑफिसर- 9456597983
Last Updated : Dec 17, 2020, 4:48 PM IST
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