देहरादून: लॉकडाउन के चौथे चरण में देश के अलग-अलग संक्रमित राज्यों से घर वापसी के चलते जहां एक तरफ एकाएक उत्तराखंड में प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. तो वहीं, दूसरी ओर अब क्वारंटाइन नियम को तोड़ने के मामलों में भी लगातार इजाफा हो रहा है. उत्तराखंड राज्य में लॉकडाउन उल्लंघन करने के चलते अभी तक प्रदेश भर में 334 व्यक्तियों के खिलाफ डिजास्टर एक्ट सहित अन्य धाराओं में 248 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं.
354 पुलिसकर्मियों में से 244 ड्यूटी पर लौटे
राज्य में कोरोना संक्रमित स्थानों में संवेदनशील ड्यूटी निभाने वाले 354 पुलिसकर्मियों को अभी तक एहतियातन क्वारंटाइन किया जा चुका है. हालांकि इसमें से क्वारंटाइन अवधि पूर्ण होने के बाद 244 पुलिस कर्मी वापस ड्यूटी पर लौट आए हैं. वहीं राहत की सबसे बड़ी बात यह है कि मेडिकल परीक्षण के दौरान अभी तक उत्तराखंड राज्य में कोई भी पुलिस कर्मी कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया है.
राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण बचाव को लेकर लॉकडाउन उल्लंघन मामलों के चलते मंगलवार 26 मई 2020 को प्रदेश भर में कुल 30 मुकदमे दर्ज किए गए. जिसके तहत 558 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. ऐसे में अभी तक प्रदेश भर में लॉकडाउन नियम तोड़ने के आरोप में कुल 3575 मुकदमे डिजास्टर व पुलिस एक्ट सहित अन्य धाराओं में पंजीकृत किए जा चुके हैं, जबकि 22391 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है.
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वहीं, अनावश्यक रूप से बेवजह सड़कों पर लॉकडाउन नियम तोड़ने की आरोप में अभी तक मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 47836 छोटे-बड़े वाहनों का चालान किया जा चुका है. इतना ही नहीं 7216 वाहन सीज करने के साथ 2.62 करोड रुपए संयोजन शुल्क के रूप में वसूला जा चुका है.
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि लॉकडाउन उल्लंघन मामलों से लेकर क्वारंटाइन नियम तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है. इसके साथ ही अब कई सूचनाएं पुलिस और जिला प्रशासन को गलत तरीके से दी जा रही है. ऐसे लोगों को भी चिन्हित कर उनके खिलाफ भी डिजास्टर व पुलिस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जा रहा है.