देहरादून: कोरोना काल के कारण परिवहन निगम गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. जिसके कारण पिछले 4 महीने से परिवहन निगम के कर्मचारियों को वेतन भत्ते नहीं दिये हैं. लिहाजा अब परिवहन निगम अपनी माली हालत को लेकर सरकार से वेतन भत्ते के लिए गुहार लगाने जा रहा है.
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण प्रदेश के तमाम विभाग और निगम आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड परिवहन निगम भी शामिल है. इस कोरोना काल में परिवहन विभाग को लगभग 174 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. हालांकि, परिवहन निगम की वर्तमान में 350 बसें संचालित हो रही हैं. जिससे परिवहन निगम की आमदनी भी शुरू हो गई है. मौजूदा समय में चल रही परिवहन निगम की 350 बसों से करीब 25 लाख रुपए की आय रोजाना हो रही है. इसी आय में डीजल का खर्च और बसों का मेंटेनेंस भी शामिल है.
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यानी कुल मिलाकर देखा जाए तो परिवहन निगम को एक महीने में करीब साढ़े 7 करोड़ रुपए की आमदनी हो रही है. वही, अभी परिवहन निगम में करीब 7 हजार कर्मचारी हैं, जिनके वेतन पर हर महीने करीब 20 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. लिहाजा कुल मिलाकर देखा जाए तो अभी परिवहन निगम की आमदनी इतनी नहीं है कि कर्मचारियों को एक महीने की भी वेतन दिया जा सके.
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ऐसे में अब परिवहन निगम राज्य सरकार से गुहार लगाने की तैयारी कर रहा है. निगम अभी तक सरकार से अपने देयकों का तकाजा कर कर्मचारियों के वेतन के लिए पैसे ले रहा था. अब देयक भी बहुत अधिक नहीं बचे हैं. ऐसे में निगम अब अपनी खस्ता हालत का हवाला देते हुए सरकार से वेतन के लिए गुहार लगाने की तैयारी कर रहा है. परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन ने कहा जल्द ही परिवहन निगम राज्य सरकार से इसके लिए बात करने जा रहा है.