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उत्तराखंडः ठंडे बस्ते में फीस एक्ट, कांग्रेस ने BJP पर लगाए निजी स्कूलों से सांठगांठ के आरोप

उत्तराखंड में निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए बनाई गई फीस एक्ट में कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. ऐसे में कांग्रेस ने बीजेपी और शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे पर सवाल खड़े किए हैं.

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Published : Dec 29, 2019, 7:49 PM IST

fees act
फीस एक्ट

देहरादूनः उत्तराखंड में निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए अरविंद पांडे का फीस एक्ट ठंडे बस्ते में चला गया है. शिक्षा मंत्री बनते ही उन्होंने फीस एक्ट के जरिए निजी स्कूलों पर लगाम लगाने का दावा किया था, लेकिन मंत्री जी के दावे हवाई साबित हो रहे हैं. सरकार को बने 3 साल होने जा रहे हैं, बावजूद इसके अभी तक फीस एक्ट में कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. साथ ही मंत्री महोदय भी एक्ट में देरी की बात कबूल रहे हैं.

उत्तराखंड में फीस एक्ट पर नहीं हुआ अंतिम फैसला.

दरअसल, राज्य में फीस को लेकर निजी स्कूलों की मनमानी अभिभावकों के लिए परेशानी बनी हुई है. ऐसे में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने अभिभावकों की दिक्कतों को समझते हुए फीस एक्ट लाकर निजी स्कूलों पर नकेल कसने की कोशिश की, लेकिन निजी स्कूलों की पहुंच ने शिक्षा मंत्री के दावों की हवा निकाल दी.

ये भी पढ़ेंः स्टार्टअप इंडिया चैलेंज के तहत दें आइडिया, 50 हजार रुपये तक का इनाम जीतें

राज्य में फीस एक्ट को लेकर जिला स्तर पर कमेटियां गठित करने और जिलाधिकारियों को स्कूलों की कैटेगरी तैयार करने तक के निर्देश दिए जा चुके हैं, इतना ही नहीं लोगों से भी फीस एक्ट को लेकर सुझाव मांगे गए थे, लेकिन इतनी प्रक्रिया होने के बावजूद यह पूरा मामला अचानक शिक्षा विभाग के एजेंडे से ही गायब दिखने लगा है.

वहीं, अब मामले पर कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने निजी स्कूलों से सांठगांठ कर ली है और इसीलिए अब शिक्षा मंत्री भी इस मामले में चुप्पी साधे हैं. फीस एक्ट का जिक्र होते ही लोगों को मामले में समर्थन दिखाई देता है, लेकिन कांग्रेस के आरोपों के बाद अब फीस एक्ट पर सरकार और बीजेपी संगठन दोनों ही सवालों के घेरे में आ गए हैं.

देहरादूनः उत्तराखंड में निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए अरविंद पांडे का फीस एक्ट ठंडे बस्ते में चला गया है. शिक्षा मंत्री बनते ही उन्होंने फीस एक्ट के जरिए निजी स्कूलों पर लगाम लगाने का दावा किया था, लेकिन मंत्री जी के दावे हवाई साबित हो रहे हैं. सरकार को बने 3 साल होने जा रहे हैं, बावजूद इसके अभी तक फीस एक्ट में कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. साथ ही मंत्री महोदय भी एक्ट में देरी की बात कबूल रहे हैं.

उत्तराखंड में फीस एक्ट पर नहीं हुआ अंतिम फैसला.

दरअसल, राज्य में फीस को लेकर निजी स्कूलों की मनमानी अभिभावकों के लिए परेशानी बनी हुई है. ऐसे में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने अभिभावकों की दिक्कतों को समझते हुए फीस एक्ट लाकर निजी स्कूलों पर नकेल कसने की कोशिश की, लेकिन निजी स्कूलों की पहुंच ने शिक्षा मंत्री के दावों की हवा निकाल दी.

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राज्य में फीस एक्ट को लेकर जिला स्तर पर कमेटियां गठित करने और जिलाधिकारियों को स्कूलों की कैटेगरी तैयार करने तक के निर्देश दिए जा चुके हैं, इतना ही नहीं लोगों से भी फीस एक्ट को लेकर सुझाव मांगे गए थे, लेकिन इतनी प्रक्रिया होने के बावजूद यह पूरा मामला अचानक शिक्षा विभाग के एजेंडे से ही गायब दिखने लगा है.

वहीं, अब मामले पर कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने निजी स्कूलों से सांठगांठ कर ली है और इसीलिए अब शिक्षा मंत्री भी इस मामले में चुप्पी साधे हैं. फीस एक्ट का जिक्र होते ही लोगों को मामले में समर्थन दिखाई देता है, लेकिन कांग्रेस के आरोपों के बाद अब फीस एक्ट पर सरकार और बीजेपी संगठन दोनों ही सवालों के घेरे में आ गए हैं.

Intro:ready to air

Summary- उत्तराखंड में निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए अरविंद पांडे का फीस एक्ट ठंडे बस्ते में चला गया है.. शिक्षा मंत्री बनते ही फीस एक्ट के जरिए निजी स्कूलों पर लगाम लगाने का दावा करने वाले मंत्री जी स्कूलों की ऊंची पहुंच से धराशायी दिखाई दे रहे हैं..


Body:त्रिवेंद्र सरकार में शिक्षा मंत्री का पद संभालते ही निजी स्कूलों की मनमानी पर ताल ठोकने वाले अरविंद पांडे अब फीस एक्ट के मामले पर मजबूर से दिखाई देते हैं... दरअसल राज्य में फीस को लेकर निजी स्कूलों की मनमानी अभिभावकों के लिए परेशानी बनी हुई है.. ऐसे में शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों की दिक्कत को समझते हुए फीस एक्ट लाकर निजी स्कूलों पर नकेल कसने की कोशिश की.. लेकिन निजी स्कूलों की पहुंचने शिक्षा मंत्री के भी दांत खट्टे कर दिए.. हालत यह है कि सरकार को बने 3 साल होने जा रहे हैं लेकिन फीस एक्ट पर कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। अब सुनिए लाचार शिक्षा मंत्री कैसे फीस एक्ट में देरी की बात को कुबूल कर रहे हैं और इस दिशा में काम किए जाने की भी बात कह रहे हैं।


बाइट अरविंद पांडे शिक्षा मंत्री उत्तराखंड


राज्य में फीस एक्ट को लेकर जिला स्तर पर कमेटियां गठित करने और जिलाधिकारियों को स्कूलों की कैटेगरी तैयार करने तक के निर्देश दिए जा चुके हैं, इतना ही नहीं लोगों से भी फीस एक्ट को लेकर सुझाव मांगे गए थे.. लेकिन इतनी प्रक्रिया होने के बावजूद यह पूरा मामला अचानक शिक्षा विभाग के एजेंडे से ही गायब दिखाई देने लगा.. अब कांग्रेस कहती है कि भाजपा ने निजी स्कूलों से सांठगांठ कर ली है और इसीलिए अब शिक्षा मंत्री भी इस मामले पर चुप्पी साध बैठे हैं...


जोत सिंह बिष्ट कांग्रेस नेता




Conclusion:फीस एक्ट का जिक्र होते ही आप लोगों का इसको समर्थन दिखाई देता है.. लेकिन कांग्रेस के आरोपों के बाद अब फीस एक्ट पर सरकार और भाजपा संगठन दोनों सवालों के घेरे में आ गया है।।।
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