देहरादून: दहेज हत्या मामले में देहरादून की एडीजी तृतीय कोर्ट ने पिता पुत्र को 7-7 साल की सख्त सजा सुनाई है. अपर सत्र न्यायधीश शंकर राज की अदालत ने दोषी पिता-पुत्र पर 10-10 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया है. वहीं जुर्माने की राशि अदा न करने पर दोनों को 6 महीने की अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी.
दहेज हत्याकांड में दोषी करार दिए गए पति शौकीन हसन और उसके पिता अमीर हसन को कोर्ट ने धारा 304B और 498A आईपीसी के तहत सभी साक्ष्य, सबूतों और 9 गवाहों के आधार पर दोषी पाते हुए सजा सुनाई है.
मामला 2011 का है. दहेज के लालच में पिता-पुत्र ने बहू को जहर देकर मौत के घाट उतार दिया था. मामले को लेकर पटेल नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था. आपको बता दें कि नया गांव के मेहूंवाला माफी निवासी शौकिन हसन का निकाह अफसाना के साथ 26 जनवरी 2008 को हुआ था. निकाह के बाद से ही अफसाना को पति शौकीन और उसके पिता दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे. कई बार दहेज की मांग अफसाना के माता-पिता द्वारा पूरी भी की गई.
ये भी पढ़े: बिना अनुमति उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच ने निकाली रैली, केस दर्ज
26 जून 2011 को दहेज की मांग को लेकर अफसाना को उसके पति और ससूर द्वारा जबरन जहर खिलाया गया. जिससे उसकी मौत हो गई. घटना की जानकारी पड़ोसियों द्वारा मृतका के माता पिता को दी गई. जिसके बाद ससुरालियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया. इस दौरान कई बार शौकिन और उसके पिता द्वारा लड़की पक्ष वालों से लेन-देन कर मामला खत्म करने की बात भी कही गई.