देहरादूनः मसूरी सुनील हत्याकांड की गुत्थी (Sunil Murder Case) अभी तक पुलिस सुलझा नहीं सकी है. बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए बुजुर्ग पिता बीते 10 महीने से दर दर भटकने को मजबूर हैं. पीड़ित पिता का आरोप है कि उनके बेटे की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या हुई थी, लेकिन घटना के दिन से पुलिस ने इसे आत्महत्या करार देकर मामले को रफादफा करने में तुली है. उन्होंने मामले में एसटीएफ की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए. उन्होंने बहू और ससुराल पक्ष को आरोपी बनाया है. उधर, SSP एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि हत्याकांड में 12 संदिग्धों का आगामी 12 दिसंबर को पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाएगा.
मसूरी में मिला था सुनील का शवः मामला जौनसार बावर के लखवाड़ खत के जख्मनोग गांव के सुनील की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से जुड़ा है. पीड़ित पिता संतराम के मुताबिक, बीती 23 फरवरी की रात मसूरी के क्लावोडेंट स्थित एक रेस्टोरेंट के बाहर उनके बेटे सुनील की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई. इस घटना की जानकारी 24 फरवरी की सुबह उन्हें मिली. मसूरी में चकराता क्षेत्र के सुनील का शव जंगल से बरामद हुआ था. सुनील के गले पर धारदार हथियार का निशान था. पीड़ित पिता का आरोप है कि इस हत्या का संबंध उनकी बहू से जुड़ा है. क्योंकि, शादी के बाद से ही उनके बेटे और बहू की आपस में नहीं बनती थी.
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पिता ने जताया पत्नी पर शक: उन्होंने बताया कि उनके बहू और बेटे की दो बेटियां भी हैं, लेकिन बड़ी बेटी को लेकर उनके बेटे को सदा ही अपनी बहू पर शक रहता था कि यह उनकी बेटी नहीं है. इस कारण वो उस बड़ी संतान को लेकर बेटे सुनील का दबाव DNA टेस्ट को लेकर रहता था. पिता संतराम का आरोप है कि कहीं DNA से कोई पर्दाफाश न हो जाए, इसको लेकर सुनील की हत्या कराई गई. पिता के मुताबिक, पुलिस घटना के बाद से इसे आत्महत्या बताने में तुली है.
12 लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर होगी आगे की कार्रवाई: उधर, मामले में एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल (STF SSP Ayush Aggarwal) के मुताबिक कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद सुनील की मौत का रहस्य उजागर करने के मद्देनजर पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की कार्रवाई की जानी है. दरअसल, सितंबर महीने में एसटीएफ ने कुल 12 लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए न्यायालय में अर्जी दी थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था. इसके बाद केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) को कोर्ट का आदेश भेजा गया था, ताकि संबंधित एजेंसी की ओर से पीड़ित और आरोपी पक्ष के कुल 12 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जा सके. ऐसे में अब CSFL से अनुमति मिलने के बाद 12 दिसंबर को टेस्ट (Polygraph test in Sunil Murder Case) करवाया जाएगा.