देहरादूनः उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. साथ ही इस मूसलाधार बारिश की मार प्रदेश की आर्थिकी के साथ-साथ प्रदेश के किसानों पर भी पड़ी है. पिछले 24 घंटों से हो रही बारिश के चलते प्रदेश के किसानों का कई क्विंटल अनाज बर्बाद हो गया है. किसान नेताओं का कहना है कि सरकार ने कोर्ट के फैसले का पालन नहीं किया.
उत्तराखंड में मौसम के हाई अलर्ट के बीच पिछले 24 घंटों से हो रही भारी बारिश से न केवल जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है. बल्कि, इसका असर हम सबके पेट भरने वाले अनाज पर भी देखने को मिल रहा है. किसान नेता गणेश उपाध्याय ने इस ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान की आय दोगुना करने के दावे के विपरीत आज किसान की आय चौपट कर दी है. उन्होंने बताया कि यह वक्त किसानों की धान तुलाई और कटाई का था. लेकिन पिछले कई घंटों से लगातार हो रही इस बे-मौसम बारिश की वजह से किसानों का भारी नुकसान हो चुका है.
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सरकार पर आरोपः किसान नेता गणेश उपाध्याय ने इसकी कुछ तस्वीरें भी साझा करते हुए कहा कि किसान की मेहनत इस बरसात में पानी-पानी हो रही है. वह भी तब जब सरकार के पास मौसम खराब होने की जानकारी पहले से थी. लेकिन सरकार ने न तो किसानों के लिए कुछ व्यवस्था की और न किसानों की इस परेशानी का कोई समाधान निकाला. किसान नेता गणेश उपाध्याय ने बताया कि आज किसानों का हजारों क्विंटल अनाज मंडी में खुला पड़ा है, जिसे ढकने तक की व्यवस्था भी नहीं की गई है.
HC की फटकार के बाद भी नहीं जागी सरकारः किसान नेता गणेश उपाध्याय ने बताया कि उत्तराखंड हाईकोर्ट की डबल बेंच ने एक ऐतिहासिक फैसला किसानों की हित में दिया था, जिसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि किसानों की फसलों के रखरखाव के लिए सरकार को अधिक से अधिक गोदाम बनाने हैं. लेकिन आज इस फैसले को 4 साल होने के बाद भी सरकार किसान और अनाज दोनों के प्रति अपना उदासीन रवैया रखे हुए है. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद भी सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी.
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₹5000 प्रति एकड़ मुआवजा की मांगः किसान नेताओं का कहना है कि आज प्रकृति की मार किसानों पर जबरदस्त पड़ी है. सरकार द्वारा किसानों को प्रति एकड़ 5 हजार रुपये मुआवजा देना चाहिए, जिससे इस महंगाई के दौर पर किसान अपनी रोजी-रोटी चला सके, नहीं तो किसान और भी कर्ज में डूबा जाएगा
बारिश से अनाज को नुकसान: किसान नेता गणेश उपाध्याय ने बताया कि पूरे प्रदेश भर के मंडियों में भारी बारिश के चलते अनाज को नुकसान हुआ है. उन्होंने केवल किच्छा अनाज मंडी का उदाहरण देते हुए बताया कि किच्छा अनाज मंडी पर तकरीबन 7000 क्विंटल अनाज बाहर खुले में पड़ा है. अचानक हुई बारिश के बाद यह अनाज बेतरतीब तरीके से भीग रहा है. हालांकि लोगों द्वारा तिरपाल और अन्य माध्यमों से इसे बचाने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन यह इंतजाम नाकाफी है. इसी तरह से प्रदेश की अन्य मंडियों में भी इसी तरह के हालात हैं.