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गन्ने का भुगतान न होने से  'धरतीपुत्रों'  का चढ़ा पारा, कोर्ट जाने की कर रहे तैयारी - किसान परेशान

डोइवाला कृषक विकास समिति के अध्यक्ष उमेद बोरा ने बताया कि शासनादेश के अनुसार गन्ना तोल के 15 दिन के अंदर किसानों को गन्ने का भुगतान हो जाना चाहिए अगर भुगतान नहीं होता है तो किसानों को उसका ब्याज सहित भुगतान किया जाने का प्रावधान है.

भुगतान न होने से किसान परेशान.
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Published : Mar 23, 2019, 6:04 PM IST

डोइवाला: जहां एक तरफ चुनावी माहौल में पूरा राज्य रंगा हुआ है, वहीं चुनावी शोरगुल में किसानों की आवाज सुनने को कोई तैयार नहीं है. जिससे धरतीपुत्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शुगर मिल में गन्ना देने के 3 महीने बाद भी किसानों को भुगतान नहीं मिला है. जिससे किसानों का शुगर मिल पर 51 करोड़ का बकाया चल रहा है. वहीं अब किसान शासनादेश का हवाला देकर कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं.

भुगतान न होने से किसान परेशान.


डोइवाला कृषक विकास समिति के अध्यक्ष उमेद बोरा ने बताया कि शासनादेश के अनुसार गन्ना तोल के 15 दिन के अंदर किसानों को गन्ने का भुगतान हो जाना चाहिए अगर भुगतान नहीं होता है तो किसानों को उसका ब्याज सहित भुगतान किया जाने का प्रावधान है. लेकिन किसानों को शासनादेश का लाभ नहीं दिया जा रहा है और डोइवाला शुगर मिल पर किसानों का 51 करोड़ रुपया बकाया चल रहा है. वहीं पिछले 31 दिसंबर तक का भुगतान ही किसानों को किया गया है.
जिसके बाद से किसानों को भुगतान नहीं किया गया है.

भुगतान न होने से किसानों की माली हालत खराब होती जा रही है, जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. किसानों का कहना है कि अगर ब्याज सहित भुगतान नहीं किया गया तो वे कानूनी लड़ाई लड़ने को मजबूर होंगे. वहीं शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत ने बताया कि किसानों के भुगतान में कैश क्रेडिट लिमिट में देरी होने के चलते गन्ने का भुगतान नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि सीसी लिमिट बनाने से गन्ने का शीघ्र भुगतान कर दिया जाएगा.

डोइवाला: जहां एक तरफ चुनावी माहौल में पूरा राज्य रंगा हुआ है, वहीं चुनावी शोरगुल में किसानों की आवाज सुनने को कोई तैयार नहीं है. जिससे धरतीपुत्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शुगर मिल में गन्ना देने के 3 महीने बाद भी किसानों को भुगतान नहीं मिला है. जिससे किसानों का शुगर मिल पर 51 करोड़ का बकाया चल रहा है. वहीं अब किसान शासनादेश का हवाला देकर कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं.

भुगतान न होने से किसान परेशान.


डोइवाला कृषक विकास समिति के अध्यक्ष उमेद बोरा ने बताया कि शासनादेश के अनुसार गन्ना तोल के 15 दिन के अंदर किसानों को गन्ने का भुगतान हो जाना चाहिए अगर भुगतान नहीं होता है तो किसानों को उसका ब्याज सहित भुगतान किया जाने का प्रावधान है. लेकिन किसानों को शासनादेश का लाभ नहीं दिया जा रहा है और डोइवाला शुगर मिल पर किसानों का 51 करोड़ रुपया बकाया चल रहा है. वहीं पिछले 31 दिसंबर तक का भुगतान ही किसानों को किया गया है.
जिसके बाद से किसानों को भुगतान नहीं किया गया है.

भुगतान न होने से किसानों की माली हालत खराब होती जा रही है, जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. किसानों का कहना है कि अगर ब्याज सहित भुगतान नहीं किया गया तो वे कानूनी लड़ाई लड़ने को मजबूर होंगे. वहीं शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत ने बताया कि किसानों के भुगतान में कैश क्रेडिट लिमिट में देरी होने के चलते गन्ने का भुगतान नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि सीसी लिमिट बनाने से गन्ने का शीघ्र भुगतान कर दिया जाएगा.

Intro:डोईवाला
कोर्ट जाने को मजबूर किसान
आर्थिक स्थिति से जूझ रहे किसान
किसानों का 51 करोड़ रुपया बकाया

जहां एक तरफ चुनावी माहौल में पूरा राज्य रंगा हुआ है तो वही चुनावी शोरगुल में किसानों की आवाज सुनने को कोई तैयार नहीं है जिसके चलते किसानों को अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है शुगर मिल में गन्ना देने के बाद 3 महीने बीत जाने पर भी किसानों को अपना पैसा नहीं मिल पा रहा है ओर डोईवाला शुगर मिल पर किसानों का 51 करोड़ रुपया बकाया चल रहा है जिसके चलते अब किसान शासनादेश का हवाला देकर कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं ।


Body:डोईवाला कृषक विकास समिति के अध्यक्ष उम्मेद बोरा ने बताया कि शासनादेश के अनुसार गन्ना तोल के 15 दिन के अंदर किसानों को गन्ने का भुगतान हो जाना चाहिए अगर भुगतान नहीं होता है तो किसानों को उसका ब्याज सहित भुगतान किया जाने का पर प्रावधान है लेकिन किसानों को शासनादेश का लाभ नहीं दिया जा रहा है और डोईवाला शुगर मिल पर किसानों का 51 करोड रुपया बकाया चल रहा है और पिछले 31 दिसंबर तक का भुगतान ही किसानों को किया गया है उसके बाद कोई पैसा किसानों को नहीं दिया गया है जिसके चलते किसानों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है किसानों का कहना है कि अगर किसानों को ब्याज सहित भुगतान नहीं किया गया तो किसान कानूनी लड़ाई लड़ने को मजबूर हो जाएंगे ।


Conclusion:वहीं शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत ने बताया कि किसानों के भुगतान में कैश क्रेडिट लिमिट में देरी होने के चलते किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं हो पाया है और जल्द ही सीसी लिमिट हो जाएगी और किसानों को बकाया गन्ने का भुगतान शीघ्र ही कर दिया जाएगा।

बाइट उम्मेद बोरा डोईवाला कृषक विकास समिति

बाइट एमएस रावत अधिशासी निदेशक डोईवाला शुगर मिल

पीटीसी
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