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वनिता आश्रम के बच्चों के बीच मना शहीद चित्रेश का जन्मदिन, पिता बोले- बेटे पर है गर्व

16 फरवरी 2019 को शहीद मेजर चित्रेश का जन्मदिन वनिता आश्रम में रहने वाले बच्चों के बीच मनाया गया. इस दौरान शहीद चित्रेश के पिता रुंधे गले से याद करते हुए कहा कि बेटे ने देश के लिए प्राणों को न्योछावर किया है.

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परिवार ने बच्चों के साथ मनाया शहीद चित्रेश का जन्मदिन.
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Published : Dec 1, 2019, 9:05 PM IST

देहरादून: शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट का जन्मदिन उनके परिवार ने बाल वनिता आश्रम में मनाया. 16 फरवरी 2019 को शहीद हुए मेजर चित्रेश के जन्मदिन को मनाते हुए उनके परिवार के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. देश के लिए अपना जवान बेटा खो देने वाला ये परिवार इस सदमे को कभी नहीं भूल पाएगा.

दरअसल, पुलवामा अटैक ने कई घरों के चिराग बुझा दिए. किसी ने अपना बेटा खोया तो किसी की मांग का सिंदूर मिट गया. शहीद मेजर चित्रेश कुछ ही दिनों बाद अपने घर में खुद की शादी के लिए आने वाले थे, लेकिन जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में 16 फरवरी को बम डिफ्यूज करते समय शहीद हो गए थे. मेजर चित्रेश के पिता, मां, बहन और परिवार वालों ने आज उनका जन्मदिन बालिका आश्रम में जरूरतमंद बच्चों के बीच मनाया.

परिवार ने बच्चों के साथ मनाया शहीद चित्रेश का जन्मदिन.

ये भी पढ़ें: VIDEO: बेकाबू कार ने दो बाइक सवारों को मारी टक्कर, तीन लोग गंभीर रूप से घायल

शहीद मेजर चित्रेश के पिता एसएस बिष्ट ने रुंधे गले से बेटे को याद करते हुए कहा कि हमें अपने बहादुर बेटे पर गर्व है, क्योंकि जब चित्रेश फौज में थे तब भी उनका जन्मदिन बच्चों के बीच मनाते थे. इस बार फिर सोचा कि चित्रेश का जन्मदिन इन बच्चों के साथ मनाया जाए. उसने देश के लिए शहादत दी है, जिसका हमें गर्व है. ये ऐसा दुख है जिसको पूरी जिंदगी भुलाया नहीं जा सकता. वो सदैव हमारे दिलों में रहेगा.

देहरादून: शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट का जन्मदिन उनके परिवार ने बाल वनिता आश्रम में मनाया. 16 फरवरी 2019 को शहीद हुए मेजर चित्रेश के जन्मदिन को मनाते हुए उनके परिवार के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. देश के लिए अपना जवान बेटा खो देने वाला ये परिवार इस सदमे को कभी नहीं भूल पाएगा.

दरअसल, पुलवामा अटैक ने कई घरों के चिराग बुझा दिए. किसी ने अपना बेटा खोया तो किसी की मांग का सिंदूर मिट गया. शहीद मेजर चित्रेश कुछ ही दिनों बाद अपने घर में खुद की शादी के लिए आने वाले थे, लेकिन जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में 16 फरवरी को बम डिफ्यूज करते समय शहीद हो गए थे. मेजर चित्रेश के पिता, मां, बहन और परिवार वालों ने आज उनका जन्मदिन बालिका आश्रम में जरूरतमंद बच्चों के बीच मनाया.

परिवार ने बच्चों के साथ मनाया शहीद चित्रेश का जन्मदिन.

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शहीद मेजर चित्रेश के पिता एसएस बिष्ट ने रुंधे गले से बेटे को याद करते हुए कहा कि हमें अपने बहादुर बेटे पर गर्व है, क्योंकि जब चित्रेश फौज में थे तब भी उनका जन्मदिन बच्चों के बीच मनाते थे. इस बार फिर सोचा कि चित्रेश का जन्मदिन इन बच्चों के साथ मनाया जाए. उसने देश के लिए शहादत दी है, जिसका हमें गर्व है. ये ऐसा दुख है जिसको पूरी जिंदगी भुलाया नहीं जा सकता. वो सदैव हमारे दिलों में रहेगा.

Intro:शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट का जन्मदिन यूं तो प्रत्येक वर्ष उनका परिवार पहले से ही बाल वनिता आश्रम में जरूरतमंद बच्चों के बीच मनाते आए हैं लेकिन पुलवामा अटैक में 16 फरवरी 2019 को शहीद हुए मेजर चित्रेश का जन्मदिन आज पूरे परिवार ने भले ही बाल बनिता आश्रम में मनाया हो लेकिन आज उनके परिवार के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे क्योंकि उन्होंने अपना जवान बेटा देश के लिए खो दिया जिसका कमी उन्हें कभी भुलाए नहीं भूल रहा है।
नोट- कृपया इस स्टोरी में पर्याप्त विजुअल लगाने का कष्ट करें


Body:दरअसल पुलवामा अटैक ने कई घरों के चिराग बुझा दिए थे किसी ने अपना बेटा खोया तो किसी की मांग का सिंदूर मिट गया शहीद मेजर चित्रेश कुछ ही दिनों बाद अपने घर मे खुद की शादी के लिए आने वाले थे, लेकिन जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में 16 फरवरी को बम डिफ्यूज करते हुए चित्रेश शहीद हो गये। उनके परिवार का चित्र इसकी शादी का सपना अधूरा रह गया बस अब परिवार के पास बची है तो सिर्फ उसकी यादें मेजर चित्रेश के पिता मां बहन और परिवार वालों ने आज उनका जन्मदिन बालिका आश्रम में जरूरतमंद बच्चों के साथ मनाया और अपने बेटे को याद करते हुए खूब आंसू बहाए।
वही शहीद मेजर चित्रेश के पिता एसएस बिष्ट ने रुंधे गले से चित्रेश को याद करते हुए कहा कि हमें अपने बहादुर बेटे पर गर्व है। क्योंकि जब चित्रेश फ़ौज में थे तब भी उनका जन्मदिन बच्चों के बीच मनाते थे इस बार फिर सोचा कि चित्रेश का जन्मदिन इन बच्चों के साथ मनाया जाए। उसने देश के लिए शहादत दी है। जिसका हमें गर्व है लेकिन उसकी कमी कभी पूरी नहीं की जा सकती है यह ऐसा दुख है जिसको तमाम जिंदगी भुलाया नहीं जा सकता लेकिन गर्व भी है कि उनका बेटा देश के काम आया है आज पूरे देश में हमें चित्रेश बिष्ट के नाम से पहचाना जाता है हम कहीं भी जाते हैं तो लोग कहते हैं कि उस बहादुर बेटे के माता-पिता जा रहे हैं उसकी कमी कभी पूरी नहीं की जा सकती है वह सदैव हमारे दिलों में रहेगा।
बाइट एसएस बिष्ट चित्रेश बिष्ट के पिता


Conclusion:दरअसल शहीद चित्रेश बिष्ट 2010 में पास आउट हुए थे पुलवामा अटैक के बाद तीन बम डिफ्यूज करने के बाद चौथे बम को निष्क्रिय करते हुए उन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी आज न सिर्फ उनके माता-पिता बल्कि समूचा देश चित्रेश बिष्ट को याद कर रहा है
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