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'प्रभारियों' के भरोसे ऊर्जा निगम, दीपक रावत की कुर्सी पर टिकीं कई अधिकारियों की निगाहें

आईएएस दीपक रावत की कुर्सी पर ऊर्जा निगम के कई अधिकारियों की नजर टिकी है. माना जा रहा है कि जल्द ही विभाग के ही किसी अधिकारी को इस पद पर प्रभारी के तौर पर तैनाती दी जा सकती है.

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प्रभारियों अधिकारियों के भरोसे ऊर्जा निगम
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Published : Aug 19, 2021, 9:18 PM IST

Updated : Aug 19, 2021, 9:29 PM IST

देहरादून: आईएएस अधिकारी दीपक रावत के ऊर्जा निगम में प्रबंध निदेशक बनने के बाद से ही एमडी पद पर सियासत दिखने लगी है. कई अधिकारी हैं, जो दीपक रावत की कुर्सी पर निगाहें बनाए हुए हैं. इंजीनियर एसोसिएशन भी इस पर अपने हक का दावा लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक पहुंच गई है. इस बीच खबर आ रही है कि उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में सरकार प्रभारी एमडी लाने की तैयारी कर रही है.

राज्य में भारी घाटे से जूझ रहे उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को स्थाई अधिकारियों की बेहद ज्यादा दरकार रही है. पिछले कई सालों से कॉरपोरेशन स्थाई अधिकारियों की नियुक्ति का इंतजार कर रहा है. लेकिन इसे विडंबना ही कहेंगे कि किसी पद पर व्यवस्था के तहत काम चलाया जा रहा है तो ज्यादातर बड़े पदों पर कॉरपोरेशन को प्रभारी अधिकारियों के भरोसे छोड़ दिया गया है. पहले जान लीजिए कि वह कौन से महत्वपूर्ण पद हैं, जिसमें उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में व्यवस्था के तहत या प्रभारी अधिकारी के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई है.

प्रभारियों अधिकारियों के भरोसे ऊर्जा निगम

पढ़ें-वादा तेरा वादा...IAS दीपक रावत भूले तो 91 वर्षीय संतोषी देवी ने दिलाया याद

वैसे तो तीनों ही ऊर्जा निगमों में तमाम पदों पर प्रभारी अधिकारी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की बात करें तो यहां निदेशक वित्त को छोड़ दें तो बाकी पदों पर प्रभारी अधिकारी ही पदों पर तैनात हैं. ऊर्जा निगम में बड़े पदों की बात करें तो प्रबंध निदेशक के साथ चार निदेशक मंडल का पैनल महत्वपूर्ण माना जाता है. नीतिगत और प्रबंधन के तौर पर यही अधिकारी कॉरपोरेशन को चलाते हैं. इनमें प्रबंध निदेशक के साथ निदेशक वित्त, डायरेक्टर प्रोजेक्ट, डायरेक्टर ऑपरेशन और डायरेक्टर ह्यूमन रिसोर्स के पद शामिल हैं.

पढ़ें- अफगानिस्तान से फंसे सभी उत्तराखंडी जल्द आएंगे वापस, CM धामी ने रक्षा मंत्री और NSA को सौंपी लिस्ट

कॉरपोरेशन में डायरेक्टर फाइनेंस के तौर पर एमके गुप्ता स्थाई तौर पर तैनाती पाए हुए हैं, लेकिन डायरेक्टर प्रोजेक्ट सतीश शाह, डायरेक्टर ऑपरेशन एमसी प्रसाद और डायरेक्टर ह्यूमन रिसोर्स एके सिंह ये सभी प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उधर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक के तौर पर भी व्यवस्था के तहत आईएएस दीपक रावत को तैनाती दी गई थी, जबकि इस पद पर किसी इंजीनियर की स्थाई नियुक्ति होनी है.

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कॉर्पोरेशन में प्रबंध निदेशक की कुर्सी पर जब जब से आईएएस दीपक रावत बैठे हैं, तभी से ही इस कुर्सी पर विवाद दिखाई दे रहे हैं. पहले आईएएस अधिकारी दीपक रावत का कई दिनों तक प्रबंध निदेशक के पद पर ज्वॉइनिंग न लेना विवादों में रहा, अब दीपक रावत को हटाकर प्रभारी प्रबंध निदेशक लाने की चर्चाएं ऊर्जा निगम में काफी ज्यादा सुनाई दे रही हैं.

7 दिन बाद ली ज्वॉइनिंग: हाल ही में दीपक रावत ने ऊर्जा निगमों में बतौर प्रबंध निदेशक ज्वाइनिंग ली है. बता दें, इससे पहले दीपक रावत कुंभ मेला अधिकारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. हाल ही में ऊर्जा निगम में मिली जिम्मेदारी से वे खुश नहीं बताए जा रहे थे. खबर थी कि दीपक रावत ऊर्जा निगम में प्रबंध निदेशक के तौर पर जिम्मेदारी नहीं संभालना चाहते थे. कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी इस पद पर निगम स्तर के अधिकारी को ही बैठाने के पक्ष में थे. जिस कारण ये मामला काफी सुर्खियों में रहा

एक आदेश ने मचाई खलबली: ऊर्जा निगमों में प्रबंध निदेशक पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद आईएएस दीपक रावत ने एक ऐसा आदेश जारी किया, जिससे कर्मचारियों में खलबली मच गई. इस आदेश में दीपक रावत ने कर्मचारियों को बेवजह मुख्यालय से बाहर न जाने का सख्त संदेश दिया था. आदेश में साफ लिखा गया था कि जब भी दीपक रावत पिटकुल मुख्यालय में मौजूद होंगे, इस दौरान कोई भी अधिकारी और कर्मचारी मुख्यालय छोड़कर बाहर नहीं जाएगा.

पढ़ें- बहनों ने 'भैया धामी' को बांधा रक्षा सूत्र, मिला फ्री बस सेवा का तोहफा

अब चर्चाएं हैं कि किसी गैर इंजीनियर को यूपीसीएल मे प्रभारी प्रबंध निदेशक के तौर पर तैनाती दी जा रही है. इन चर्चाओं से एक तरफ आईएएस दीपक रावत को हटाए जाने पर कई सवाल उठ रहे हैं, तो दूसरी तरफ गैर इंजीनियर को प्रभारी प्रबंध निदेशक बनाए जाने पर कर्मचारियों में अंदर खाने काफी रोष भी दिखाई दे रहा है. हालांकि, यह फिलहाल अभी चर्चाएं ही हैं. लेकिन अगर ऐसा होता है तो पहले से ही तीन प्रभारी निदेशक वाले यूपीसीएल में प्रबंध निदेशक भी प्रभारी ही रह जाएग. ऐसे में यूपीसीएल में स्थाई प्रबंध निदेशक का सपना सिर्फ सपना बनकर रह जाएगा.

प्रबंध निदेशक पद के लिए जारी है प्रक्रिया: प्रबंध निदेशक के तौर पर अधिकारी की स्थाई नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया भी चलाई गई है. इसमें यूपीसीएल समेत बाकी निगमों के लिए भी प्रबंध निदेशक का चयन होना है. इसके लिए बकायदा विज्ञापन जारी कर प्रबंध निदेशक पद के लिए आवेदन मांगे गए थे. उसके बाद इसके लिए इंटरव्यू होने थे. इसके लिए 28 जुलाई लास्ट डेट रखी गई. जिस पर इंटरव्यू नहीं हो पाए. ऐसे में गैर इंजीनियर को प्रभारी प्रबंध निदेशक बनाने की चर्चाओं के बीच उत्तराखंड पावर इंजीनियर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ही पत्र लिखकर किसी इंजीनियर को ही प्रबंध निदेशक बनाए जाने और जल्द इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की मांग की है.

पढ़ें- अटल आदर्श विद्यालय का शुभारंभ, स्मार्ट क्लास में शिक्षित होंगे बच्चे

बहरहाल जो भी हो, लेकिन इतना तय है कि अब आईएएस दीपक रावत की कुर्सी पर ऊर्जा निगम के कई अधिकारियों की नजर टिकी है. माना जा रहा है कि जल्द ही विभाग के ही किसी अधिकारी को इस पद पर प्रभारी के तौर पर तैनाती दी जाएगी.

देहरादून: आईएएस अधिकारी दीपक रावत के ऊर्जा निगम में प्रबंध निदेशक बनने के बाद से ही एमडी पद पर सियासत दिखने लगी है. कई अधिकारी हैं, जो दीपक रावत की कुर्सी पर निगाहें बनाए हुए हैं. इंजीनियर एसोसिएशन भी इस पर अपने हक का दावा लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक पहुंच गई है. इस बीच खबर आ रही है कि उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में सरकार प्रभारी एमडी लाने की तैयारी कर रही है.

राज्य में भारी घाटे से जूझ रहे उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को स्थाई अधिकारियों की बेहद ज्यादा दरकार रही है. पिछले कई सालों से कॉरपोरेशन स्थाई अधिकारियों की नियुक्ति का इंतजार कर रहा है. लेकिन इसे विडंबना ही कहेंगे कि किसी पद पर व्यवस्था के तहत काम चलाया जा रहा है तो ज्यादातर बड़े पदों पर कॉरपोरेशन को प्रभारी अधिकारियों के भरोसे छोड़ दिया गया है. पहले जान लीजिए कि वह कौन से महत्वपूर्ण पद हैं, जिसमें उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में व्यवस्था के तहत या प्रभारी अधिकारी के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई है.

प्रभारियों अधिकारियों के भरोसे ऊर्जा निगम

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वैसे तो तीनों ही ऊर्जा निगमों में तमाम पदों पर प्रभारी अधिकारी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की बात करें तो यहां निदेशक वित्त को छोड़ दें तो बाकी पदों पर प्रभारी अधिकारी ही पदों पर तैनात हैं. ऊर्जा निगम में बड़े पदों की बात करें तो प्रबंध निदेशक के साथ चार निदेशक मंडल का पैनल महत्वपूर्ण माना जाता है. नीतिगत और प्रबंधन के तौर पर यही अधिकारी कॉरपोरेशन को चलाते हैं. इनमें प्रबंध निदेशक के साथ निदेशक वित्त, डायरेक्टर प्रोजेक्ट, डायरेक्टर ऑपरेशन और डायरेक्टर ह्यूमन रिसोर्स के पद शामिल हैं.

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कॉरपोरेशन में डायरेक्टर फाइनेंस के तौर पर एमके गुप्ता स्थाई तौर पर तैनाती पाए हुए हैं, लेकिन डायरेक्टर प्रोजेक्ट सतीश शाह, डायरेक्टर ऑपरेशन एमसी प्रसाद और डायरेक्टर ह्यूमन रिसोर्स एके सिंह ये सभी प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उधर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक के तौर पर भी व्यवस्था के तहत आईएएस दीपक रावत को तैनाती दी गई थी, जबकि इस पद पर किसी इंजीनियर की स्थाई नियुक्ति होनी है.

पढ़ें- मॉनसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, स्पीकर ने की शांतिपूर्ण सदन चलाने की अपील

कॉर्पोरेशन में प्रबंध निदेशक की कुर्सी पर जब जब से आईएएस दीपक रावत बैठे हैं, तभी से ही इस कुर्सी पर विवाद दिखाई दे रहे हैं. पहले आईएएस अधिकारी दीपक रावत का कई दिनों तक प्रबंध निदेशक के पद पर ज्वॉइनिंग न लेना विवादों में रहा, अब दीपक रावत को हटाकर प्रभारी प्रबंध निदेशक लाने की चर्चाएं ऊर्जा निगम में काफी ज्यादा सुनाई दे रही हैं.

7 दिन बाद ली ज्वॉइनिंग: हाल ही में दीपक रावत ने ऊर्जा निगमों में बतौर प्रबंध निदेशक ज्वाइनिंग ली है. बता दें, इससे पहले दीपक रावत कुंभ मेला अधिकारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. हाल ही में ऊर्जा निगम में मिली जिम्मेदारी से वे खुश नहीं बताए जा रहे थे. खबर थी कि दीपक रावत ऊर्जा निगम में प्रबंध निदेशक के तौर पर जिम्मेदारी नहीं संभालना चाहते थे. कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी इस पद पर निगम स्तर के अधिकारी को ही बैठाने के पक्ष में थे. जिस कारण ये मामला काफी सुर्खियों में रहा

एक आदेश ने मचाई खलबली: ऊर्जा निगमों में प्रबंध निदेशक पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद आईएएस दीपक रावत ने एक ऐसा आदेश जारी किया, जिससे कर्मचारियों में खलबली मच गई. इस आदेश में दीपक रावत ने कर्मचारियों को बेवजह मुख्यालय से बाहर न जाने का सख्त संदेश दिया था. आदेश में साफ लिखा गया था कि जब भी दीपक रावत पिटकुल मुख्यालय में मौजूद होंगे, इस दौरान कोई भी अधिकारी और कर्मचारी मुख्यालय छोड़कर बाहर नहीं जाएगा.

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अब चर्चाएं हैं कि किसी गैर इंजीनियर को यूपीसीएल मे प्रभारी प्रबंध निदेशक के तौर पर तैनाती दी जा रही है. इन चर्चाओं से एक तरफ आईएएस दीपक रावत को हटाए जाने पर कई सवाल उठ रहे हैं, तो दूसरी तरफ गैर इंजीनियर को प्रभारी प्रबंध निदेशक बनाए जाने पर कर्मचारियों में अंदर खाने काफी रोष भी दिखाई दे रहा है. हालांकि, यह फिलहाल अभी चर्चाएं ही हैं. लेकिन अगर ऐसा होता है तो पहले से ही तीन प्रभारी निदेशक वाले यूपीसीएल में प्रबंध निदेशक भी प्रभारी ही रह जाएग. ऐसे में यूपीसीएल में स्थाई प्रबंध निदेशक का सपना सिर्फ सपना बनकर रह जाएगा.

प्रबंध निदेशक पद के लिए जारी है प्रक्रिया: प्रबंध निदेशक के तौर पर अधिकारी की स्थाई नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया भी चलाई गई है. इसमें यूपीसीएल समेत बाकी निगमों के लिए भी प्रबंध निदेशक का चयन होना है. इसके लिए बकायदा विज्ञापन जारी कर प्रबंध निदेशक पद के लिए आवेदन मांगे गए थे. उसके बाद इसके लिए इंटरव्यू होने थे. इसके लिए 28 जुलाई लास्ट डेट रखी गई. जिस पर इंटरव्यू नहीं हो पाए. ऐसे में गैर इंजीनियर को प्रभारी प्रबंध निदेशक बनाने की चर्चाओं के बीच उत्तराखंड पावर इंजीनियर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ही पत्र लिखकर किसी इंजीनियर को ही प्रबंध निदेशक बनाए जाने और जल्द इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की मांग की है.

पढ़ें- अटल आदर्श विद्यालय का शुभारंभ, स्मार्ट क्लास में शिक्षित होंगे बच्चे

बहरहाल जो भी हो, लेकिन इतना तय है कि अब आईएएस दीपक रावत की कुर्सी पर ऊर्जा निगम के कई अधिकारियों की नजर टिकी है. माना जा रहा है कि जल्द ही विभाग के ही किसी अधिकारी को इस पद पर प्रभारी के तौर पर तैनाती दी जाएगी.

Last Updated : Aug 19, 2021, 9:29 PM IST
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