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सुलगते मुद्दों पर त्रिवेंद्र के बेबाक जवाब, देवस्थानम बोर्ड और भू-कानून पर खोले पत्ते

गढ़वाल दौरे से वापस लौटे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत देहरादून पहुंचे चुके हैं. इस दौरे को लेकर ईटीवी भारत ने उनसे खास बात की.

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गढ़वाल दौरे से वापस लौटे पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह रावत
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Published : Jul 23, 2021, 10:45 PM IST

Updated : Jul 24, 2021, 6:16 AM IST

देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गढ़वाल के कई जिलों का दौरा पूरा कर आज देहरादून लौट आये हैं. उनके इस दौरे को लेकर ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की. जिसमें त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दौरे के साथ ही देवस्थानम बोर्ड, भू-कानून, कांग्रेस की कलह, मुफ्त बिजली जैसे मुद्दों पर खुलकर ईटीवी भारत से बात की.

पहाड़ पर तकरीबन एक हफ्ता छोटी-छोटी जनसभाएं करने के बाद देहरादून लौटे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि लंबे समय से वह पार्टी के जिम्मेदारी वाले पदों पर रहे हैं. अब तक उनको इस तरह से स्वतंत्र भ्रमण का मौका नहीं मिल पाया था. उनके मन में काफी समय से गढ़वाल के अलग-अलग जगहों पर जाने की इच्छा थी. इसी के चलते उन्होंने गढ़वाल के कई स्थानों पर जाकर पौधारोपण किया. इस दौरान उन्होंने कई जगहों पर लोगों से बातचीत भी की.

सुलगते मुद्दों पर त्रिवेंद्र के बेबाक जवाब.

पढ़ें- नेताओं की सिफारिश नहीं चलेगी, CM धामी की IAS अधिकारियों को दो टूक

भाजपा की योजनाओं का फायदा ग्राउंड लेवल पर: पहाड़ी जनपदों में लोगों के फीडबैक को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा भाजपा सरकार की पिछले साढ़े 4 साल के कामों को लेकर लोगों में एक सकारात्मक माहौल बना है. भाजपा सरकार की कई योजनाओं का लाभ ग्राउंड लेवल पर पहुंचा है.

चारधाम के लिए देवस्थानम बोर्ड जरूरी: देवस्थानम बोर्ड देवस्थानम बोर्ड पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा देवस्थानम बोर्ड उत्तराखंड के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा. साथ ही उन्होंने देश के अन्य कई मठ मंदिरों का उदाहरण देते हुए बताया कि आज वहां पर करोड़ों-अरबों का चढ़ावा आता है. उसका उपयोग जनहित में किया जाता है. साथ ही उन्होंने उत्तराखंड के चारों धाम को लेकर बनाए गए देवस्थानम बोर्ड को लेकर कहा अगर बोर्ड में कुछ कमी है तो उसमें सुधार जरूर होना चाहिए, लेकिन उत्तराखंड के इन चारों धामों को एक रेगुलेटरी के अंदर आना बेहद जरूरी है.

पढ़ें- PCC चीफ बनने के बाद राहुल गांधी से पहली बार मिले गणेश गोदियाल, भेंट किया पौधा

भू-कानून के तकनीकी पहलू को समझना जरूरी: इसके अलावा उत्तराखंड के युवाओं द्वारा भू कानून को लेकर चलाए जा रहे कैंपेन पर त्रिवेंद्र रावत ने कहा वह कानून को लेकर जो बात कर रहे हैं उन्हें इसके तकनीकी पहलू को समझना जरूरी है. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा हम प्रदेश में विकास की बात करते हैं, इन्फ्राट्रक्चर, डेवलपमेंट की बात करते हैं. इन्वेस्टर समिट के लिए विदेशों से लोगों को आमंत्रित करते हैं, तो ऐसे में जो इन्वेस्टर आएगा वह हवा में तो इन्वेस्ट करेगा नहीं. उसके लिए जमीन चाहिए होगी. साथ ही उन्होंने कई तकनीकी पहलुओं पर जोर देते हुए कहा उत्तराखंड में भू कानून के कई अलग-अलग पहलू हैं. सभी को ध्यान में रखते हुए इस पर मंथन करने की जरूरत है.

पढ़ें- कांग्रेस में शुरू हुआ गणेश 'राज', बनाये गये प्रदेश अध्यक्ष

आपसी द्वंद्व में फंसी कांग्रेस: वहीं, इसके अलावा राजनीतिक विषयों पर बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कांग्रेस द्वारा गठित की गई उत्तराखंड की टीम को लेकर कहा अब तक कांग्रेस में दो लोग आपस में लड़ा करते थे, अब कांग्रेस इस लड़ाई को अगले स्तर पर आ गई है. अब यहां 5 लोगों को अध्यक्ष बना दिया है. अब लोग इन पांचों लोगों की लड़ाई को देखेंगे. उन्होंने कहा कांग्रेस अपने इस आपसी द्वंद्व से बाहर निकलेगी तो प्रदेश में चुनाव पर फोकस कर पाएगी. उन्होंने कहा इस बार भी बीजेपी सरकार बनाएगी.

पढ़ें- हरदा ने चुनाव से पहले दिखाया 'पावर गेम', कांग्रेस के बनेंगे तारणहार!

आम आदमी के पास खोने के लिए कुछ नहीं: इसके अलावा आम आदमी पार्टी के मुफ्त बिजली के वादे पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने चुटकी भी ली. उन्होंने कहा दिल्ली में अरविंद केजरीवाल का मॉडल फेल हो चुका है. मुफ्त बिजली देने की बात पूरी तरह से खोखली है. उन्होंने कहा उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के पास खोने के लिए कुछ नहीं है, इसीलिए वह इस तरह के वादे जनता से कर रही है. वहीं, सरकार के ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत द्वारा भी मुफ्त बिजली दिए जाने के वादे पर त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि यह मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र का मामला है. इस पर मुख्यमंत्री ही निर्णय लेंगे.

देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गढ़वाल के कई जिलों का दौरा पूरा कर आज देहरादून लौट आये हैं. उनके इस दौरे को लेकर ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की. जिसमें त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दौरे के साथ ही देवस्थानम बोर्ड, भू-कानून, कांग्रेस की कलह, मुफ्त बिजली जैसे मुद्दों पर खुलकर ईटीवी भारत से बात की.

पहाड़ पर तकरीबन एक हफ्ता छोटी-छोटी जनसभाएं करने के बाद देहरादून लौटे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि लंबे समय से वह पार्टी के जिम्मेदारी वाले पदों पर रहे हैं. अब तक उनको इस तरह से स्वतंत्र भ्रमण का मौका नहीं मिल पाया था. उनके मन में काफी समय से गढ़वाल के अलग-अलग जगहों पर जाने की इच्छा थी. इसी के चलते उन्होंने गढ़वाल के कई स्थानों पर जाकर पौधारोपण किया. इस दौरान उन्होंने कई जगहों पर लोगों से बातचीत भी की.

सुलगते मुद्दों पर त्रिवेंद्र के बेबाक जवाब.

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भाजपा की योजनाओं का फायदा ग्राउंड लेवल पर: पहाड़ी जनपदों में लोगों के फीडबैक को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा भाजपा सरकार की पिछले साढ़े 4 साल के कामों को लेकर लोगों में एक सकारात्मक माहौल बना है. भाजपा सरकार की कई योजनाओं का लाभ ग्राउंड लेवल पर पहुंचा है.

चारधाम के लिए देवस्थानम बोर्ड जरूरी: देवस्थानम बोर्ड देवस्थानम बोर्ड पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा देवस्थानम बोर्ड उत्तराखंड के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा. साथ ही उन्होंने देश के अन्य कई मठ मंदिरों का उदाहरण देते हुए बताया कि आज वहां पर करोड़ों-अरबों का चढ़ावा आता है. उसका उपयोग जनहित में किया जाता है. साथ ही उन्होंने उत्तराखंड के चारों धाम को लेकर बनाए गए देवस्थानम बोर्ड को लेकर कहा अगर बोर्ड में कुछ कमी है तो उसमें सुधार जरूर होना चाहिए, लेकिन उत्तराखंड के इन चारों धामों को एक रेगुलेटरी के अंदर आना बेहद जरूरी है.

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भू-कानून के तकनीकी पहलू को समझना जरूरी: इसके अलावा उत्तराखंड के युवाओं द्वारा भू कानून को लेकर चलाए जा रहे कैंपेन पर त्रिवेंद्र रावत ने कहा वह कानून को लेकर जो बात कर रहे हैं उन्हें इसके तकनीकी पहलू को समझना जरूरी है. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा हम प्रदेश में विकास की बात करते हैं, इन्फ्राट्रक्चर, डेवलपमेंट की बात करते हैं. इन्वेस्टर समिट के लिए विदेशों से लोगों को आमंत्रित करते हैं, तो ऐसे में जो इन्वेस्टर आएगा वह हवा में तो इन्वेस्ट करेगा नहीं. उसके लिए जमीन चाहिए होगी. साथ ही उन्होंने कई तकनीकी पहलुओं पर जोर देते हुए कहा उत्तराखंड में भू कानून के कई अलग-अलग पहलू हैं. सभी को ध्यान में रखते हुए इस पर मंथन करने की जरूरत है.

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आपसी द्वंद्व में फंसी कांग्रेस: वहीं, इसके अलावा राजनीतिक विषयों पर बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कांग्रेस द्वारा गठित की गई उत्तराखंड की टीम को लेकर कहा अब तक कांग्रेस में दो लोग आपस में लड़ा करते थे, अब कांग्रेस इस लड़ाई को अगले स्तर पर आ गई है. अब यहां 5 लोगों को अध्यक्ष बना दिया है. अब लोग इन पांचों लोगों की लड़ाई को देखेंगे. उन्होंने कहा कांग्रेस अपने इस आपसी द्वंद्व से बाहर निकलेगी तो प्रदेश में चुनाव पर फोकस कर पाएगी. उन्होंने कहा इस बार भी बीजेपी सरकार बनाएगी.

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आम आदमी के पास खोने के लिए कुछ नहीं: इसके अलावा आम आदमी पार्टी के मुफ्त बिजली के वादे पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने चुटकी भी ली. उन्होंने कहा दिल्ली में अरविंद केजरीवाल का मॉडल फेल हो चुका है. मुफ्त बिजली देने की बात पूरी तरह से खोखली है. उन्होंने कहा उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के पास खोने के लिए कुछ नहीं है, इसीलिए वह इस तरह के वादे जनता से कर रही है. वहीं, सरकार के ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत द्वारा भी मुफ्त बिजली दिए जाने के वादे पर त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि यह मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र का मामला है. इस पर मुख्यमंत्री ही निर्णय लेंगे.

Last Updated : Jul 24, 2021, 6:16 AM IST

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