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एक्सक्लूसिव: इस बार फीका रहेगा महाकुंभ, घटाए जा सकते हैं मेले के दिन

महाकुंभ मेला 2021 की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. केंद्र सरकार द्वारा महाकुंभ मेला की गाइडलाइन जारी की जा चुकी है. अब राज्य सरकार की चुनौतियां बढ़ गई हैं. ऐसे में शासन, केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही राज्य स्तर की गाइडलाइन तैयार करने में जुट गया है.

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महाकुंभ 2021
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Published : Jan 28, 2021, 2:24 PM IST

Updated : Jan 28, 2021, 5:10 PM IST

देहरादून: केंद्र सरकार द्वारा जो एसओपी जारी की गई है, उस एसओपी में राज्य सरकार कोई संशोधन नहीं कर सकती है. ऐसे में अब केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप ही राज्य सरकार को कुंभ मेला की व्यवस्थाओं को मुकम्मल करना होगा. ईटीवी भारत की उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत.

महाकुंभ के लिये नहीं चलेगी कोई स्पेशल ट्रेन

सभी राज्यों के मुख्य सचिव को भेजा जा रहा है पत्र

उत्तराखंड शासन सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजने जा रहा है. पत्र में केंद्र सरकार की गाइडलाइन का हवाला देते हुए महाकुंभ में उन राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित रखने की बात कही गई है. वहीं मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप ही महाकुंभ मेला की व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इसी सिलसिले में सभी राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र भेजा जा रहा है.

घटाए जाएंगे महाकुंभ मेले के दिन

अभी तक तय किया गया था कि महाकुंभ कुल 48 दिनों का होगा. ऐसे में अब राज्य सरकार महाकुंभ के दिनों को कम करने का मन बना रही है. इसके लिए केंद्र सरकार ने जो एसओपी जारी की है उसका ध्यान रखते हुए अब महाकुंभ मेला के दिनों का निर्धारण किया जाएगा कि आखिर कितने दिन का यह महाकुंभ होगा. आपको बता दें कि इससे पहले वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को देखते हुए महाकुंभ मेला के दिन को घटाकर 48 दिन किया गया था. जबकि सामान्य दिनों में हरिद्वार में होने वाला महाकुंभ मेला करीब 4 महीने का होता है. मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि अगले कुछ दिनों में ही यह तय कर दिया जाएगा कि महाकुंभ मेला कितने दिनों का होगा.

ये भी पढ़ें: कुंभनगरी के बाहरी इलाकों को भी दिया जाएगा धार्मिक स्वरूप- सीएम त्रिवेंद्र

महाकुंभ मेला के लिए नहीं चलेगी कोई स्पेशल ट्रेन

सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने के लिए उत्तराखंड शासन जल्द ही रेल मंत्रालय को पत्र लिखने जा रहा है. इसमें इस बात का जिक्र किया जाएगा कि महाकुंभ के दृष्टिगत कोई भी स्पेशल ट्रेन नहीं चलाई जाएगी. यही नहीं, कुंभ के मुख्य स्नान के दिन और उससे एक दिन पहले किसी भी ट्रेन का आगमन हरिद्वार में नहीं होगा. लेकिन यात्रियों को हरिद्वार से बाहर निकालने के लिए ट्रेन की व्यवस्था कर सकते हैं. इसके साथ ही उत्तराखंड शासन ने डीआरडीओ से बात की है कि वह 2000 बेड का हॉस्पिटल सेटअप करेंगे, जिसके लिए होम मिनिस्ट्री से भी बात की गई है कि आईटीबीपी के माध्यम से वह हॉस्पिटल बनाएं. हालांकि, हॉस्पिटल बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण और अन्य खर्चे को राज्य सरकार वहन करेगी.

फरवरी के पहले सप्ताह में सीएम नजदीकी राज्यों के मुख्यमंत्री से करेंगे बात

वहीं, मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि केंद्र सरकार ने जो एसओपी जारी की है वो बहुत सख्त है क्योंकि केंद्र की गाइडलाइन में इस बात का जिक्र किया गया है कि महाकुंभ में आने वाले यात्रियों की संख्या को सीमित किया जाए. ऐसे में गाइडलाइन के अनुरूप यह तो तय कर लिया गया है कि यात्रियों की संख्या को सीमित किया जाएगा. इसी सिलसिले में देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजा जा रहा है. यही नहीं, जो उत्तराखंड राज्य के नजदीकी राज्य हैं उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बातचीत करेंगे. यह वार्ता फरवरी के पहले सप्ताह में ही कर ली जाएगी.

ये भी पढ़ें: कुंभ मेले को लेकर केंद्र सरकार ने जारी की SOP, इन नियमों का करना होगा पालन

आगामी दो दिनों में तय होगा महाकुंभ का स्वरूप

यही नहीं, मुख्य सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार ने जो महाकुंभ मेला के लिए गाइडलाइन जारी की है उसे और सख्त किया जा सकता है. लेकिन उसे कम नहीं किया जा सकता. महाकुंभ के स्वरूप को लेकर शासन स्तर पर चर्चाएं चल रही हैं. आगामी एक-दो दिनों में ही महाकुंभ का स्वरूप तय कर लिया जाएगा. लेकिन यह निर्णय ले लिया गया है कि जितनी भी पहले महाकुंभ में होती थी उतनी भीड़ केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप नहीं की जा सकती.

देहरादून: केंद्र सरकार द्वारा जो एसओपी जारी की गई है, उस एसओपी में राज्य सरकार कोई संशोधन नहीं कर सकती है. ऐसे में अब केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप ही राज्य सरकार को कुंभ मेला की व्यवस्थाओं को मुकम्मल करना होगा. ईटीवी भारत की उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत.

महाकुंभ के लिये नहीं चलेगी कोई स्पेशल ट्रेन

सभी राज्यों के मुख्य सचिव को भेजा जा रहा है पत्र

उत्तराखंड शासन सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजने जा रहा है. पत्र में केंद्र सरकार की गाइडलाइन का हवाला देते हुए महाकुंभ में उन राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित रखने की बात कही गई है. वहीं मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप ही महाकुंभ मेला की व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इसी सिलसिले में सभी राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र भेजा जा रहा है.

घटाए जाएंगे महाकुंभ मेले के दिन

अभी तक तय किया गया था कि महाकुंभ कुल 48 दिनों का होगा. ऐसे में अब राज्य सरकार महाकुंभ के दिनों को कम करने का मन बना रही है. इसके लिए केंद्र सरकार ने जो एसओपी जारी की है उसका ध्यान रखते हुए अब महाकुंभ मेला के दिनों का निर्धारण किया जाएगा कि आखिर कितने दिन का यह महाकुंभ होगा. आपको बता दें कि इससे पहले वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को देखते हुए महाकुंभ मेला के दिन को घटाकर 48 दिन किया गया था. जबकि सामान्य दिनों में हरिद्वार में होने वाला महाकुंभ मेला करीब 4 महीने का होता है. मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि अगले कुछ दिनों में ही यह तय कर दिया जाएगा कि महाकुंभ मेला कितने दिनों का होगा.

ये भी पढ़ें: कुंभनगरी के बाहरी इलाकों को भी दिया जाएगा धार्मिक स्वरूप- सीएम त्रिवेंद्र

महाकुंभ मेला के लिए नहीं चलेगी कोई स्पेशल ट्रेन

सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने के लिए उत्तराखंड शासन जल्द ही रेल मंत्रालय को पत्र लिखने जा रहा है. इसमें इस बात का जिक्र किया जाएगा कि महाकुंभ के दृष्टिगत कोई भी स्पेशल ट्रेन नहीं चलाई जाएगी. यही नहीं, कुंभ के मुख्य स्नान के दिन और उससे एक दिन पहले किसी भी ट्रेन का आगमन हरिद्वार में नहीं होगा. लेकिन यात्रियों को हरिद्वार से बाहर निकालने के लिए ट्रेन की व्यवस्था कर सकते हैं. इसके साथ ही उत्तराखंड शासन ने डीआरडीओ से बात की है कि वह 2000 बेड का हॉस्पिटल सेटअप करेंगे, जिसके लिए होम मिनिस्ट्री से भी बात की गई है कि आईटीबीपी के माध्यम से वह हॉस्पिटल बनाएं. हालांकि, हॉस्पिटल बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण और अन्य खर्चे को राज्य सरकार वहन करेगी.

फरवरी के पहले सप्ताह में सीएम नजदीकी राज्यों के मुख्यमंत्री से करेंगे बात

वहीं, मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि केंद्र सरकार ने जो एसओपी जारी की है वो बहुत सख्त है क्योंकि केंद्र की गाइडलाइन में इस बात का जिक्र किया गया है कि महाकुंभ में आने वाले यात्रियों की संख्या को सीमित किया जाए. ऐसे में गाइडलाइन के अनुरूप यह तो तय कर लिया गया है कि यात्रियों की संख्या को सीमित किया जाएगा. इसी सिलसिले में देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजा जा रहा है. यही नहीं, जो उत्तराखंड राज्य के नजदीकी राज्य हैं उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बातचीत करेंगे. यह वार्ता फरवरी के पहले सप्ताह में ही कर ली जाएगी.

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आगामी दो दिनों में तय होगा महाकुंभ का स्वरूप

यही नहीं, मुख्य सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार ने जो महाकुंभ मेला के लिए गाइडलाइन जारी की है उसे और सख्त किया जा सकता है. लेकिन उसे कम नहीं किया जा सकता. महाकुंभ के स्वरूप को लेकर शासन स्तर पर चर्चाएं चल रही हैं. आगामी एक-दो दिनों में ही महाकुंभ का स्वरूप तय कर लिया जाएगा. लेकिन यह निर्णय ले लिया गया है कि जितनी भी पहले महाकुंभ में होती थी उतनी भीड़ केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप नहीं की जा सकती.

Last Updated : Jan 28, 2021, 5:10 PM IST
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