देहरादूनः राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन देहरादून दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि आज देश में आपदा प्रबंधन को लेकर के पूरी तरह से मायने बदल गए हैं. आज आपदा प्रबंधन रिस्पांस बेस्ड नहीं बल्कि, मिटीगेशन और तैयारियों पर आधारित हो गई है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 बिंदुओं के एजेंडे की सबसे बड़ी भूमिका है.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य सैयद अता हुसनैन ने कहा कि देश में आपदा प्रबंधन को लेकर पिछले कुछ सालों में पूरे तंत्र की धारणा बदली है. कुछ सालों पहले तक हम लोग घटना होने के बाद उस पर रिस्पांस के बारे में सोचते थे. आज हम अपनी तैयारी को लेकर इतने एडवांस हो चुके हैं कि आने वाले जोखिम की परिस्थितियों को समझते हुए पहले ही खुद को तैयार करने की परिस्थिति में हैं. उत्तराखंड की बात करें तो यह पहाड़ी और विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है. ऐसे में यहां कई तरह की चुनौतियां हैं.
चारधाम यात्रा को लेकर खास तैयारीः उन्होंने बताया कि देश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि जब राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन किसी राज्य के बड़े इवेंट यानी चारधाम यात्रा से पहले इस तरह की तैयारियां कर रहा है. कैलाश मानसरोवर यात्रा से पहले भी इस तरह की तैयारियां की जाती हैं, लेकिन वहां पर यात्रियों की संख्या चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों की संख्या से काफी कम होती है. लिहाजा चारधाम यात्रा पर केंद्र का ज्यादा फोकस है.
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जोशीमठ के हालात पर पीएमओ की नजरः जोशीमठ को लेकर के सैयद अता हसनैन ने कहा कि यह उनकी कर्म भूमि है. उन्होंने काफी समय तक सेना में रहकर जोशीमठ में समय बिताया है. इसलिए उन्हें जोशीमठ से बेहद लगाव है. साथ ही बताया है कि जिस तरह से जोशीमठ के नाजुक हालात हैं, उसे लेकर राज्य और केंद्र सरकार पूरी तरह से गंभीर है. लिहाजा, तमाम केंद्रीय एजेंसियों के साथ-साथ राज्य और केंद्र सरकार हालात पर नजर बनाए हुए हैं. खास तौर से पीएमओ जोशीमठ के हालात की मॉनिटरिंग कर रहा है. लगातार जोशीमठ के भविष्य को मजबूत करने के लिए काम किया जा रहा है.
आपदा प्रबंधन को लेकर बदले पैरामीटरः एनडीएमए सदस्य सैयद अता हसनैन ने बताया कि पिछले कुछ सालों में देश में आपदा प्रबंधन को लेकर कई पैरामीटर बदले हैं. जिस तरह से दशकों पहले आपदा से निपटा जाता था, आज तस्वीर बिल्कुल बदल चुकी है. उन्होंने बताया कि साल 2016 से पहले आपदा प्रबंधन कृषि विभाग का एक कंप्लेंट हुआ करता था. साल 2018 में पीएम मोदी ने आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए 10 बिंदुओं का एक एजेंडा सामने रखा था. इसमें बताया था कि कैसे अपने देश के नागरिकों को सुरक्षित होने का भरोसा दिलाया जा सकता है.
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उन्होंने न केवल भारत को, बल्कि पूरे विश्व को इन 10 बिंदुओं के जरिए यह गुरु मंत्र दिया था कि कैसे अपने देश को मजबूत आपदा प्रबंधन तंत्र दिया जा सकता है. उनका कहना है कि पीएम मोदी के इस 10 बिंदुओं के एजेंडे को पूरे विश्व में एक SOP के तौर पर आत्मसात किया गया है. इसमें नॉलेज मैनेजमेंट, टेक्नोलॉजी को जोड़ना, रिस्पांस के तरीके, कैपेसिटी बिल्डिंग जैसे महत्वपूर्ण विषय जोड़े गए थे. आज जब किसी भी देश में आपदा प्रबंधन को मजबूत करने की बात की जाती है तो इन 10 बिंदुओं को ध्यान में रखा जाता है.