देहरादूनः चमोली जिले के दशोली विकासखंड के छोटे से गांव मजोठी से निकली एक बेटी आज फलक पर छाई है. यह बेटी है, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता एथलीट मानसी नेगी. वॉक रेस में माहिर मानसी नेगी ने हाल ही में चीन में हुए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में 20 किमी वॉक रेस में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. जिसमें उन्होंने कांस्य पदक जीता था. अब गोवा में होने जा रहे 37 वें नेशनल गेम्स में उत्तराखंड की तरफ से प्लेयर अनाउंसमेंट का इंतजार कर रही है. इसी को लेकर मानसी नेगी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान मानसी ने अब तक के संघर्ष भरे सफर से जुड़ी बातें साझा की.
पिता का हो गया था निधन, फिर भी नहीं हारी हिम्मतः ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान मानसी नेगी ने अपने संघर्षों को साझा किया. एथलीट मानसी नेगी ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा चमोली की अलग-अलग स्कूलों में हुई है. स्कूल में पढ़ाई और खेल में आगे रहने के चलते मानसी ने देहरादून में रहकर इंटरमीडिएट की पढ़ाई की. साथ ही खेलों की तैयारी भी की. इसी बीच मानसी के पिता का निधन हो गया.
आर्थिक हालातों की वजह से करना पड़ा एडजस्टमेंटः पिता के निधन के चलते मानसी जिस रफ्तार से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही थी, वो रफ्तार धीमी पड़ गई, लेकिन मानसी ने अपना खेल नहीं रोका और लगातार अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रही. तमाम परेशानियों के बावजूद मानसी ने कभी हिम्मत नहीं हारी. मानसी ने बताया कि उसके घर में उसकी मां और उसके भाई उसे काफी सपोर्ट करते हैं, लेकिन आर्थिक हालातों के चलते कभी उन्हें एडजस्टमेंट भी करना पड़ता है.
अब तक जीत चुकी हैं 17 मेडलः मानसी नेगी ने बताया कि हाल ही में उन्होंने चीन में हुए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम में ब्रॉन्ज मेडल जीता था तो वहीं इससे पहले उन्होंने कई नेशनल और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया. अब तक मानसी 17 मेडल हासिल कर चुकी हैं. इसके अलावा मानसी नेगी इसी साल एक नेशनल रिकॉर्ड भी बनाया है. मानसी ने बताया कि उसका अभी तक सबसे बेस्ट व्यक्तिगत रूप से 20 किमी वॉक रेस का एक घंटा 36 मिनट रहा है. जिसे वो लगातार और ज्यादा सुधारने का प्रयास कर रही हैं.
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उत्तराखंड सरकार ने मानसी नेगी को दिया तीलू रौतेली पुरस्कारः एथलीट मानसी नेगी ने बताया कि वो लगातार अपने गेम्स को सुधारने का काम कर रही हैं और उन्हें उम्मीद है कि वो आने वाले सालों में और भी बड़े मुकाम हासिल करेंगी. बता दें कि मानसी नेगी वॉक रेसर है, जो अब तक कई मेडल जीत चुकी हैं. इस बार उत्तराखंड सरकार ने तीलू रौतेली पुरस्कार 2022-2023 से भी सम्मानित किया.
मानसी नेगी के एक फेसबुक पोस्ट से मचा था बवालः हाल के दिनों में मानसी नेगी के एक फेसबुक पोस्ट से बवाल हो गया था. दरअसल, मानसी नेगी ने जब नेशनल रिकॉर्ड ब्रेक किया था, तब उस समय प्रदेश के कई नामचीन लोगों ने मानसी नेगी को शुभकामनाएं और बधाइयां दी. सोशल मीडिया पर उत्तराखंड की बेटी मानसी नेगी और तमाम तरह के बड़े बड़े शुभकामनाओं के पोस्ट देखने को मिले. तमाम नेताओं और प्रबुद्ध लोगों ने मानसी नेगी को बधाइयां दी. इन बधाइयों के बीच मानसी नेगी ने ऐसा पोस्ट लिख दिया, जिससे सूबे में हलचल मच गई.
मानसी नेगी ने फेसबुक पर पोस्ट किया था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि 'जो लोग भी बधाई दे रहे हैं, उनका वो शुक्रिया करती हैं. उसे इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत उत्तराखंड में एक नौकरी की है.' उनकी इस मांग के बाद सड़क से लेकर सदन तक यह बहस का मुद्दा बन गया था. इतना ही नहीं खानपुर विधायक उमेश कुमार ने मामले को सदन में भी उठाया. जिस पर खेल मंत्री रेखा आर्य ने मानसी पर हुए खर्च का ब्यौरे ही सार्वजनिक कर दिया और खिलाड़ियों के लिए काम करने की बात कह दी.
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गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं 'गोल्डन गर्ल' मानसी नेगीः मानसी नेगी ने बताया वो एक गरीब परिवार से आती हैं और आर्थिक स्थिति की वजह से कई बार उन्हें दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है. ऐसे में मानसी पिछले लंबे समय से इस बात को कहती आ रही हैं कि वो खेल में तभी बेहतर कुछ कर सकती हैं, यदि प्रदेश सरकार की ओर से खिलाड़ियों के लिए उनके आर्थिक या फिर उनकी नौकरी को लेकर के कुछ स्पष्ट नीति बनाई जाए.
खिलाड़ियों को नौकरी मिलेगी तो करेंगे बेहतर प्रदर्शनः उत्तराखंड सरकार की ओर से खेल और खिलाड़ियों के लिए लाई गई-नई पॉलिसीयों को लेकर भी मानसी नेगी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम का वो स्वागत करती हैं. सरकार की पॉलिसी के तहत खिलाड़ियों की नौकरी लगती है तो निश्चित तौर से उत्तराखंड के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा.
मानसी नेगी ने कहा कि उन्हें सरकार की तरफ से प्रोत्साहन मिलेगा तो निश्चित तौर से वो फील्ड पर बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे. साथ ही मानसी ने बताया कि उन्होंने अभी पंजाब की लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कंप्लीट कर लिया है, अब वो उत्तराखंड में रहकर ही कुछ आगे करना चाहती हैं.
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