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टारगेट राजस्व से एक हजार करोड़ रुपये पीछे है आबकारी विभाग, तीन महीने का बचा है वक्त - आबकारी विभाग का टारगेट

इस साल आबकारी विभाग ने राजस्व का लक्ष्य 3 हजार 47 करोड़ रुपए का निर्धारित किया था, जो पिछले साल के मुकाबले 2700 करोड़ रुपए ज्यादा था.

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आबकारी विभाग
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Published : Dec 25, 2019, 5:23 PM IST

देहरादून: प्रदेश के वित्तीय वर्ष 2019-20 में आबकारी विभाग ने तीन हजार 47 करोड़ रुपए के राजस्व को जमा करने का लक्ष्य रखा था. जिसमें से विभाग को अभीतक दो हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त हो चुका है. ऐसे में विभाग का प्रयास है कि आने वाले तीन महीने में शेष राजस्व को प्राप्त किया जाए.

तीन महीने में आबकारी विभाग को एक हजार करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त करना है, क्योंकि इस साल के शुरुआत में 131 शराब की दुकानें नहीं उठने के कारण आबकारी विभाग के पास अब तक बहुत ही कम राजस्व आया है, लेकिन आबकारी विभाग को उम्मीद है कि अगले तीन महीनों में वो लक्ष्य से ज्यादा राजस्व इकट्ठा कर लेंगे.

आबकारी विभाग की चिंता बढ़ी.

पढ़ें- चिंताजनकः उत्तराखंड में सिमट रही कृषि भूमि, चौंकाने वाले आंकड़े कर रही तस्दीक

टारगेट पूरा न होने का एक बड़ा कारण प्रदेश में लगातार बढ़ रही अवैध शराब की तस्करी भी है. जिसका नुकसान आबकारी विभाग को राजस्व के रूप में उठाना पड़ता है. आबकारी विभाग के टारगेट को लेकर जब आबकारी आयुक्त सुशील कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस साल राजस्व का लक्ष्य 3 हजार 47 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया था, जो पिछले साल के मुकाबले 2700 करोड़ रुपए ज्यादा था. इस साल विभाग 2 हजार करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त कर चुका है. अभी तीन महीने बचे हुए हैं. विभाग का प्रयास लक्ष्य को प्राप्त करना है. इस साल 131 शराब की दुकानें नहीं उठ पाई थीं. उसके कारण भी विभाग को कम ही राजस्व मिला था.

देहरादून: प्रदेश के वित्तीय वर्ष 2019-20 में आबकारी विभाग ने तीन हजार 47 करोड़ रुपए के राजस्व को जमा करने का लक्ष्य रखा था. जिसमें से विभाग को अभीतक दो हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त हो चुका है. ऐसे में विभाग का प्रयास है कि आने वाले तीन महीने में शेष राजस्व को प्राप्त किया जाए.

तीन महीने में आबकारी विभाग को एक हजार करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त करना है, क्योंकि इस साल के शुरुआत में 131 शराब की दुकानें नहीं उठने के कारण आबकारी विभाग के पास अब तक बहुत ही कम राजस्व आया है, लेकिन आबकारी विभाग को उम्मीद है कि अगले तीन महीनों में वो लक्ष्य से ज्यादा राजस्व इकट्ठा कर लेंगे.

आबकारी विभाग की चिंता बढ़ी.

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टारगेट पूरा न होने का एक बड़ा कारण प्रदेश में लगातार बढ़ रही अवैध शराब की तस्करी भी है. जिसका नुकसान आबकारी विभाग को राजस्व के रूप में उठाना पड़ता है. आबकारी विभाग के टारगेट को लेकर जब आबकारी आयुक्त सुशील कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस साल राजस्व का लक्ष्य 3 हजार 47 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया था, जो पिछले साल के मुकाबले 2700 करोड़ रुपए ज्यादा था. इस साल विभाग 2 हजार करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त कर चुका है. अभी तीन महीने बचे हुए हैं. विभाग का प्रयास लक्ष्य को प्राप्त करना है. इस साल 131 शराब की दुकानें नहीं उठ पाई थीं. उसके कारण भी विभाग को कम ही राजस्व मिला था.

Intro:प्रदेश के वित्त वर्ष 2019-20 में आबकारी विभाग ने  तीन हजार 47करोड़ रुपए का राजस्व जमा करने का लक्ष्य रखा है जिसमे की अभी तक विभाग को 2 हजार करोड़ का  राजस्व प्राप्त हो चूका है और ऐसे में विभाग का प्रयास है की आने वाले चार माह के दौरान शेष राजस्व को प्राप्त किया जाये।आबकारी विभाग प्रदेश में अवैध तरीके से चल रही शराब की बिक्री को लेकर गंभीर है जिसपर की कई बार विभाग द्वारा कारवाही की जाती है।  Body:इस साल शुरुआत में 131 आबकारी की दुकाने नहीं उठने के कारण आबकारी विभाग के पास अब तक बहुत ही कम राजस्व आया है लेकिन आबकारी विभाग को उम्मीद है की अगले चार महीनो में इनके लक्ष्य से ज़यादा राजस्व इकट्ठा हो जायेगा!वही प्रदेश में अवैध तरीके से चल रही शराब की बिक्री के कारण भी आबकारी विभाग को काफी नुकसान उठाना पड़ता है!हालाँकि आबकारी विभाग अन्य विभाग के साथ मिल कर ऐसे शराब तस्करो पर कार्रवाई तो करती है लेकिन फिर भी प्रदेश में अवैध शराब बिक्री रुकने का नाम ले रही है!Conclusion:आबकारी आयुक्त सुशील कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि आबकारी विभाग में इस साल जो राजस्व का लक्ष्य 3 हज़ार 47 करोड़ रुपए का निर्धारित किया गया था।और पिछले साल का देखे तो करीब 2700 करोड़ रुपए उपलब्धि हुई थी।तो इस साल अब तक 2 हज़ार करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हो चुकी है।हमारे पास चार महीने बचे है और हमारा प्रयास है कि लक्ष्य को प्राप्त कर सके।इस साल 131 आबकारी की दुकानें नही उठ पाई थी उससे भी साल के शुरू में राजस्व की कम प्राप्ति हुई थी लेकिन पिछले महीनों में कुछ प्रगति आई है और हमे उम्मीद है कि पिछले साल से अधिक राजस्व प्राप्त कर पाएंगे।



    बाइट-सुशील कुमार(आबकारी आयुक्त)
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