देहरादून: ईएमई कोर वेटर्नस सैनिक परिवार संस्था ने वन रैंक वन पेंशन की मांग उठाई है. संस्था के पदाधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय कि ओरओपी-2 के आदेश और उसकी विसंगतियों को लेकर पूर्व सैनिक लगातार आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रही है.
गौरतलब है कि पूर्व सैनिकों के बीच वन रैंक वन पेंशन की मांग तूल पकड़ने लग गई है. इसी कड़ी में रविवार को ईएमई कोर सेवानिवृत्त गैर राजनीतिक सैनिक संस्था में केंद्र सरकार पर पूर्व सैनिकों की मांगों की अनदेखी का आरोप लगाया. संस्था के संस्थापक आरएन असवाल का कहना है कि वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर उनके कुछ लोग दिल्ली गये हैं, इसलिए उन्होंने होली के पर्व को सादगी से मनाने का निर्णय लिया है.
संस्था के संगठन सचिव और सेवानिवृत्त सैनिक केएस गाड़िया ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर सरकार ओआरओपी की विसंगतियों को दूर नहीं करती है तो ऐसे में उत्तराखंड की तमाम पूर्व सैनिक संस्थाएं इसका विरोध करेंगी. उन्होंने कहा उत्तराखंड में लगातार भर्ती घोटाले सामने आ रहे हैं, जिससे युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकार में जा रहा है. उन्होंने कहा यदि इसी प्रकार से परीक्षाओं में नकल चलती रहेगी, तो सैनिक बाहुल्य प्रदेश कहे जाने वाले उत्तराखंड प्रदेश में सैनिक परिवारों से जुड़े युवाओं का भविष्य अंधकार में चला जाएगा. इस दौरान पूर्व सैनिकों ने भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच की मांग उठाई, ताकि भविष्य में भर्ती परीक्षाओं में इस प्रकार धांधली की पुनरावृत्ति ना हो पाए.
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दरअसल होली से पहले पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन की मांग उठाई है. सेवानिवृत्त सैनिकों का कहना है कि केंद्र की सरकार और रक्षा मंत्रालय के ओआरओपी-2 के आदेश और उसकी विसंगतियों को लेकर व प्रदेश में युवाओं के भविष्य के साथ हो रहे अन्याय जैसे नकल परीक्षाओं का आंकड़ा बढ़ने और परीक्षाएं निरस्त होने से पूर्व सैनिक आहत है. ऐसे में पूर्व सैनिकों ने सरकार से वन रैंक वन पेंशन की मांग उठाते हुए भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच की मांग उठाई है.