गुरुग्राम/देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ट्वीट कर हरियाणा सरकार और गुरुग्राम जिला प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने गुरुग्राम के ईएसआई अस्पताल पर उत्तराखंड की कोरोना संक्रमित नर्सों का इलाज और देखभाल न करने के आरोप लगाए हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ट्वीट कर कहा कि मुझे, एक चिंताजनक समाचार गुरुग्राम से मिला है. हमारी उत्तराखंड की बेटियां, ईएसआई हॉस्पिटल में करीब 25 नर्सें, जो अपने ड्यूटी काल में कोरोना से संक्रमित हुई हैं भर्ती हैं. जिन प्रतिष्ठित संस्थाओं में वो काम करती थीं, वो संस्था उनकी कोई पूछताछ नहीं कर रही हैं. उनको संक्रमित बताकर सीधे हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया गया.
रावत ने एक और ट्वीट में लिखा कि आज, उनके पास कपड़े बदलने को भी हैं या नहीं हैं, कोई पूछने वाला नहीं है. 3-3, 4-4 नर्सें एक ही कमरे के अंदर रखी गई हैं. जो दूसरे की जिंदगी बचा रही थीं, आज अपनी जिंदगी के लिये संघर्ष करती प्रतीत हो रही हैं, भगवान उनकी मदद करें.
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हरीश रावत ने राज्य सरकार के वरिष्ठ पदाधिकारियों से निवेदन किया है कि ईएसआई हॉस्पिटल में जा कर स्थिति को देखकर उनकी मदद करें. उन्होंने कहा कि मैं राज्य सरकार के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों से निवेदन करूंगा कि, ईएसआई हॉस्पिटल में जाकर, उनकी स्थिति को जरा देखें. मेरी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से प्रार्थना है, दूसरों के लिये अपना जीवन अर्पित करने वाली, इन नर्सेज की ठीक से देखभाल की जाय.
कांग्रेस नेता के इस ट्वीट के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन हरकत में आया. जिला प्रशासन ने बताया कि गुरुग्राम के ईएसआई हॉस्पिटल में 56 कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हैं. इनमें से कल शाम को तीन नए मरीज जो कि गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के स्टाफ हैं, उनको भी भर्ती किया गया है.
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वहीं उनमें से सिर्फ एक नर्स उत्तराखंड से है, जिसका नाम सुगंधा है. साथ ही साथ जिला प्रशासन ने अपनी सफाई में यह भी बताया कि हर वॉर्ड में 4 बेड हैं और गाइडलाइंस के मुताबिक हर बेड 6 फीट की दूरी पर बनाया गया है. इसके अलावा स्टाफ 24x7 मरीजों का ध्यान रख रहे हैं. बीती 3 तारीख को सिविल सर्जन गुरुग्राम और नोडल ऑफिसर गुरुग्राम भी ईएसआई हॉस्पिटल में गए थे और साथ ही साथ कोविड-19 के मरीजों से भी उन्होंने बात करी थी. उन्होंने यह भी कहा कि सभी मरीज जिला स्वास्थ्य विभाग से संतुष्ट हैं.