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रियलिटी चेक: मित्र पुलिस के दावों की पड़ताल, कितने सुरक्षित फ्रंट फुट 'वॉरियर्स'

प्रदेश में हर दिन सैकड़ों प्रवासियों का पहुंचना लगातार जारी है. ऐसे में बॉर्डर पर प्रवासियों की जांच का पूरा जिम्मा चिह्नित स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस कर्मियों के कंधों पर है. ईटीवी भारत ने यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर पर प्रवासियों के आवागमन को लेकर तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

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पुलिस बिना मास्क कर रही ड्यूटी.
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Published : May 25, 2020, 10:58 AM IST

Updated : May 26, 2020, 7:15 PM IST

देहरादून: प्रदेश में हर दिन सैकड़ों प्रवासियों का पहुंचना लगातार जारी है. ऐसे में बॉर्डर पर प्रवासियों की जांच का पूरा जिम्मा चिन्हित स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस कर्मियों के कंधों पर है. ईटीवी भारत ने यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर पर प्रवासियों के आवागमन को लेकर तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया. हमने पाया कि बॉर्डर क्षेत्रों में किस तरह कोरोना वॉरियर्स खतरे में काम कर रहे हैं.

ईटीवी भारत का यूपी-उत्तराखंड रियलिटी चेक.

बीते कुछ दिनों में ही प्रदेश का कोरोना ग्राफ 400 को पार कर गया है. राज्य में 15 मार्च को पहला मामला आने के बाद संक्रमण का आंकड़ा 2 महीने में यानी 15 मई तक 100 भी नहीं पहुंच पाया था. वहीं अब प्रवासियों की वापसी के बाद से एक हफ्ते में ही मरीजों की संख्या 300 पार हो गई है. प्रवासियों में कोरोना पॉजिटिव के केस बेहद ज्यादा मिल रहे हैं. ऐसे में प्रवासियों के संपर्क में आना किसी के लिए भी खतरा बन सकता है. ईटीवी भारत ने बॉर्डर पर प्रवासियों की जांच कर रहे वॉरियर्स का हाल और व्यवस्थाओं को जानने की कोशिश की.

पढ़ें- CM त्रिवेंद्र ने कोरोना वॉरियर्स को सराहा, 50 लाख की धनराशि देने की घोषणा की

पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने कहा कि प्रवासियों में कोरोना संक्रमण के मिल रहे मामलों से सरकार भी वाकिफ है. कैबिनेट मंत्री भी स्थानीय लोगों से प्रवासियों के संपर्क से दूर रहने की बात कर रहे हैं. बता दें कि करीब 2 लाख 50 हजार प्रवासी राज्य में आने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. इसमें 1 लाख 50 हजार के करीब प्रवासी उत्तराखंड आ चुके हैं. जबकि 100 से ज्यादा प्रवासियों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है.

ये है सच्चाई

  • 'कोरोना वारियर्स' की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों के सभी दावे फेल.
  • DG लॉ एंड ऑर्डर का दावा, बॉर्डर पर पुलिस कर्मियों को दी गई फेस शील्ड.
  • यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर पर सिर्फ मास्क लगाकर काम करने को मजबूर पुलिसकर्मी.

अधिकारियों के सभी दावे फेल !

पुलिस विभाग के बड़े अधिकारी बॉर्डर पर पूरी व्यवस्था करने का दावा कर रहे हैं. इस दौरान महकमे के अधिकारी रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर पीपीई किट से लैस पुलिसकर्मियों को भेजने की भी बात कर रहे हैं. बॉर्डर पर भी मास्क और फेस शील्ड से पुलिस कर्मियों के सुरक्षित होने का दावा किया गया है, लेकिन बॉर्डर पर ईटीवी भारत की टीम ने पाया कि पुलिस कर्मी पीपीई किट तो दूर खाली मास्क के ही भरोसे हैं. हालांकि पुलिस विभाग की मानें तो संदिग्धों के संपर्क में आने वाले 339 पुलिस कर्मियों को अब तक 14 दिन के क्वारंटाइन में भेजा जा चुका है. इसमें से 271 अपना क्वारंटाइन का समय पूरा भी कर चुके हैं.

देहरादून: प्रदेश में हर दिन सैकड़ों प्रवासियों का पहुंचना लगातार जारी है. ऐसे में बॉर्डर पर प्रवासियों की जांच का पूरा जिम्मा चिन्हित स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस कर्मियों के कंधों पर है. ईटीवी भारत ने यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर पर प्रवासियों के आवागमन को लेकर तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया. हमने पाया कि बॉर्डर क्षेत्रों में किस तरह कोरोना वॉरियर्स खतरे में काम कर रहे हैं.

ईटीवी भारत का यूपी-उत्तराखंड रियलिटी चेक.

बीते कुछ दिनों में ही प्रदेश का कोरोना ग्राफ 400 को पार कर गया है. राज्य में 15 मार्च को पहला मामला आने के बाद संक्रमण का आंकड़ा 2 महीने में यानी 15 मई तक 100 भी नहीं पहुंच पाया था. वहीं अब प्रवासियों की वापसी के बाद से एक हफ्ते में ही मरीजों की संख्या 300 पार हो गई है. प्रवासियों में कोरोना पॉजिटिव के केस बेहद ज्यादा मिल रहे हैं. ऐसे में प्रवासियों के संपर्क में आना किसी के लिए भी खतरा बन सकता है. ईटीवी भारत ने बॉर्डर पर प्रवासियों की जांच कर रहे वॉरियर्स का हाल और व्यवस्थाओं को जानने की कोशिश की.

पढ़ें- CM त्रिवेंद्र ने कोरोना वॉरियर्स को सराहा, 50 लाख की धनराशि देने की घोषणा की

पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने कहा कि प्रवासियों में कोरोना संक्रमण के मिल रहे मामलों से सरकार भी वाकिफ है. कैबिनेट मंत्री भी स्थानीय लोगों से प्रवासियों के संपर्क से दूर रहने की बात कर रहे हैं. बता दें कि करीब 2 लाख 50 हजार प्रवासी राज्य में आने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. इसमें 1 लाख 50 हजार के करीब प्रवासी उत्तराखंड आ चुके हैं. जबकि 100 से ज्यादा प्रवासियों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है.

ये है सच्चाई

  • 'कोरोना वारियर्स' की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों के सभी दावे फेल.
  • DG लॉ एंड ऑर्डर का दावा, बॉर्डर पर पुलिस कर्मियों को दी गई फेस शील्ड.
  • यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर पर सिर्फ मास्क लगाकर काम करने को मजबूर पुलिसकर्मी.

अधिकारियों के सभी दावे फेल !

पुलिस विभाग के बड़े अधिकारी बॉर्डर पर पूरी व्यवस्था करने का दावा कर रहे हैं. इस दौरान महकमे के अधिकारी रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर पीपीई किट से लैस पुलिसकर्मियों को भेजने की भी बात कर रहे हैं. बॉर्डर पर भी मास्क और फेस शील्ड से पुलिस कर्मियों के सुरक्षित होने का दावा किया गया है, लेकिन बॉर्डर पर ईटीवी भारत की टीम ने पाया कि पुलिस कर्मी पीपीई किट तो दूर खाली मास्क के ही भरोसे हैं. हालांकि पुलिस विभाग की मानें तो संदिग्धों के संपर्क में आने वाले 339 पुलिस कर्मियों को अब तक 14 दिन के क्वारंटाइन में भेजा जा चुका है. इसमें से 271 अपना क्वारंटाइन का समय पूरा भी कर चुके हैं.

Last Updated : May 26, 2020, 7:15 PM IST
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