देहरादून: प्रदेश के पर्यावरणविदों ने अब गंगोत्री नेशनल हाईवे (Gangotri national highway) पर ऑल वेदर रोड (All weather road) के तहत चौड़ीकरण के लिए उत्तरकाशी जनपद के झाला से लेकर गंगोत्री धाम तक देवदार पेड़ों के कटान के लिए हुई छपान के बाद इसका विरोध शुरू कर दिया है. रक्षा सूत्र आंदोलन और हिमालय बचाओ अभियान से जुड़े पर्यावरणविदों ने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर इस एलाइमेन्ट को परिवर्तन करने और हाईवे के चौड़ीकरण के विकल्प के लिए पत्र लिखा है.
पर्यावरणविदों ने सरकार को चेताया है कि अगर इस घाटी में देवदार के पेड़ काटे जाते हैं तो भागीरथी नदी और इस घाटी की जैव विविधता के लिए भविष्य में यह बड़ा खतरा साबित हो सकता है. रक्षा सूत्र आंदोलन और हिमालय बचाओ अभियान से जुड़े पर्यावरणविद् सुरेश भाई सहित संजय राणा और प्रवीण कुमार भट्ट ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) को पत्र लिखकर ऑल वेदर रोड के तहत हर्षिल घाटी में झाला से लेकर गंगोत्री धाम तक के 30 किमी की परिधि में आने वाले देवदार के पेड़ों के कटान की स्वीकृति को निरस्त करने की मांग की है.
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पर्यावरणविद् सुरेश भाई का कहना है कि इस 30 किमी के क्षेत्र में करीब 2 लाख देवदार और बहुमूल्य वन्य संपदा है. साथ ही अभी ऑल वेदर रोड के तहत करीब 10 हजार देवदार के पेड़ों का छपान हुआ है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि ऑल वेदर रोड के तहत इस एलाइमेन्ट को बदला जाए और दूसरे विकल्प पर कार्य किया जाए.
सुरेश भाई ने कहा कि उनके पत्र के बाद मुख्यमंत्री ने जल्द ही संबंध में मुलाकात का आश्वासन दिया है और अगर उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है तो रक्षा सूत्र के माध्यम से इन देवदार के पेड़ों को बचाने के लिए आंदोलन किया जाएगा. इस सड़क को जसपुर से बगोरी सहित मुखबा से जांगला तक भी बनाया जा सकता है क्योंकि उस और देवदार के पेड़ नहीं हैं.
पर्यावरणविद् सुरेश भाई ने कहा कि यह देवदार के वृक्ष गंगोत्री ग्लेशियर को भी संजीवनी देते हैं और इसके साथ ही यह जंगल कई दुर्लभ वन्य जीवों का घर है. साथ ही अगर इन बहुमूल्य संपदा को विकास के नाम पर विकल्प रहते हुए भी काटा गया, तो भविष्य में यह बड़ी आपदा का सबब बन सकता है.