दिल्ली/देहरादून: दिल्ली विधानसभा परिसर में मशहूर पर्यावरणविद और पद्म विभूषित सुंदरलाल बहुगुणा का शिलापट्ट लगाया गया है. जिसका अनावरण दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न (Bharat Ratna) देने की भी मांग की. वहीं, सीएम केजरीवाल ने सुंदरलाल बहुगुणा को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके परिजनों को सम्मान राशि का चेक भी भेंट की.
दरअसल, पद्म विभूषण से सम्मानित मशहूर पर्यावरणविद और चिपको आंदोलन के प्रणेता सुंदरलाल बहुगुणा (Environmentalist Sunderlal Bahuguna) की स्मृति को संजोने के लिए दिल्ली विधानसभा परिसर में शिलापट्ट (पोर्ट्रेट) लगाई गई है. अनावरण मौके पर सुंदरलाल बहुगुणा के दोनों पुत्र, पुत्रवधू और अन्य परिजन मौजूद रहे. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सुंदरलाल बहुगुणा के परिजनों का स्वागत कर सम्मान स्वरूप एक लाख रुपए की राशि का चेक प्रदान किया. वहीं, सुंदरलाल बहुगुणा के पुत्र राजीव बहुगुणा ने अपने पिता को मिले सम्मान के लिए दिल्ली विधानसभा और मुख्यमंत्री केजरीवाल का आभार जताया.
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राजीव नयन बहुगुणा ने अरविंद केजरीवाल के आंदोलन के दिनों का जिक्र करते हुए कहा कि एक आंदोलनकारी ने आंदोलनकारी को पहचाना है और उन्हें सम्मान मिल रहा है. साथ ही कहा कि अरविंद केजरीवाल उनके आंदोलनकारियों के कैडर के हैं और अभी वे राजनीति में डेपुटेशन पर हैं. इतना ही नहीं उन्होंने ये तक कहा कि आम आदमी पार्टी भ्रष्ट राजनीति को ठीक करने वाली वैक्सीन है.
वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज दिल्ली विधानसभा खुद को सम्मानित महसूस कर रही है. एक ऐसे व्यक्ति का सम्मान करके जिन्होंने पूरे जीवन काल में देश को राह दिखाई है. केंद्र सरकार से मांग है कि सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न से सम्मानित करें. इसे लेकर वो प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी भी लिखेंगे. उन्होंने कहा कि सुंदरलाल बहुगुणा देश के लिए एक बड़ी विभूति थे और उन पर केवल देश को ही नहीं पूरी दुनिया को गर्व है, ऐसे में उनका यह सम्मान जरूरी है.
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दिल्ली विधानसभा में आयोजित इस कार्यक्रम में उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के चेहरा कर्नल अजय कोठियाल और प्रभारी दिनेश मोहनिया भी मौजूद रहे. दिनेश मोहनिया को मुख्य मंच पर जगह मिली थी और उन्होंने ही कार्यक्रम की शुरुआत में सुंदर लाल बहुगुणा के जीवन पर्यंत कार्यों पर प्रकाश डाला. इन नेताओं की मौजूदगी और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से ऐन पहले सुंदरलाल बहुगुणा का सम्मान, कहीं न कहीं चुनावी नजरिए से भी महत्वपूर्ण है.
सुंदरलाल बहुगुणा ने चिपको आंदोलन से गांव-गांव में जागरूकता लाने के लिए 1981 से 1983 तक 5,000 किमी लंबी ट्रांस-हिमालय पदयात्रा की थी. 'चिपको आंदोलन' का ही परिणाम था कि 1980 में वन संरक्षण अधिनियम बना और केंद्र सरकार को पर्यावरण मंत्रालय का गठन करना पड़ा. सुंदरलाल बहुगुणा को 14 अप्रैल, 2009 को पद्मविभूषण से नवाजा गया था. सुंदरलाल बहुगुणा की जन्म स्थली सिरांई मरोड़ा गांव टिहरी बांध बनने से जलमग्न हो गया था. झील का जल स्तर घटने से मकान दिखने लगने लगाता है. बहुगुणा ने अपने पैतृक गांव के स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा ली थी.
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उत्तराखंड के वनों को बचाने के लिए सबसे पहले उत्तराखंड से 'चिपको आंदोलन' शुरू करते हुए राष्ट्रीय एवं विश्व स्तर तक पहुंचाया. बहुगुणा का मानना था कि धीरे-धीरे जंगल कम हो रहे हैं. पहाड़ों में जंगलों का कट जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. बहुगुणा कहते थे कि पहाड़ों में वृक्षारोपण का काम स्थानीय लोगों को रोजगार के तौर किया जाए, जिससे पहाड़ में बेरोजगार युवकों को रोजगार मिलेगा और इससे हिमालय सुरक्षित रहेगा.
बता दें कि आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में जुटी है. सुंदरलाल बहुगुणा पूरे प्रदेश में एक सम्मानित शख्सियत रहे हैं. ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि मशहूर पर्यावरणविद का सम्मान, आम आदमी पार्टी के लिए चुनावी नजरिए से कितना लाभदायक होता है.