देहरादून: धामी सरकार में ऊर्जा मंत्री बने हरक सिंह रावत (Energy Minister Harak Singh Rawat) ने बुधवार को विभागीय अधिकारियों के साथ पहली बैठक की. बैठक में ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने प्रदेश के लोगों को मुफ्त बिजली (free electricity) देने की दिशा में कदम बढ़ाया है. मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में 100 यूनिट तक मुफ्त में बिजली दी जाए और 200 यूनिट तक बिल में 50 प्रतिशत की छूट देने की दिशा में प्रस्ताव बनाकर देने के निर्देश दिए हैं.
हरक सिंह रावत का कहना है कि जल्द ही कैबिनेट में इसको लेकर प्रस्ताव लाया जाएगा, जिसके बाद फ्री बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी. वहीं, मंत्री ने बताया कि बिजली बिलों पर सरचार्ज माफी की अवधि 15 मई को समाप्त हो गई थी. कोरोना से उपजी परिस्थितियों को देखते हुए 31 अक्टूबर तक बिजली बिलों पर सरचार्ज माफ रहेगा. इसके लिए भी कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा.
ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने पहली बैठक में जनता को बड़ी सौगात दी है. उन्होंने प्रदेश की जनता को 100 यूनिट मुफ्त (free electricity in Uttarakhand) बिजली देने का ऐलान किया है. ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि परिवार महीने में 100 यूनिट तक बिजली खर्च करता है, तो उसे बिजली का बिल नहीं भरना होगा. 100 से 200 यूनिट के बीच यदि कोई परिवार बिजली खर्च करता है तो उसे 50% बिजली के दाम अदा करने होंगे.
इस घोषणा के लागू होने से 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले 8 लाख उपभोक्ताओं को इससे सीधा फायदा होगा. वहीं, करीब 13 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं, जो 100 से 200 यूनिट प्रतिमाह बिजली खर्च के दायरे में आते हैं. 100 यूनिट खर्च तक उन्हें पूरी बिजली फ्री दी जाएगी और 101 से 200 यूनिट प्रतिमाह तक 50 फीसदी पैसा देना होगा. बता दें कि उत्तराखंड में बिजली का बिल दो महीने का आता है, ऐसे में इस योजना का लाभ हर महीने के यूनिट के आधार पर दिया जाएगा. अगर दो महीने में किसी का 200 यूनिट का बिल आएगा, तो उसके लिए फ्री होगा.
ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के गरीब परिवारों को इससे बड़ी राहत मिलेगी. इसके अलावा कृषि और पशुपालन से जुड़े लोगों को भी बिजली बिल में राहत देने की योजना बनाई जा रही है. कृषि और पशुपालन से जुड़े लोगों से भी घरेलू दरों पर बिजली का बिल लिया जाएगा ताकि उन्हें कोविड काल में कुछ राहत मिल सके.
इसके साथ ही विभाग में खाली पड़े करीब 4500 पदों पर तेजी से भर्ती की जाने की बात भी हरक सिंह ने कही. उन्होंने बताया कि ऊर्जा निगमों जैसे यूपीसीएल में आज भी पुराना ही ढांचा चल रहा है. आज चौगुने उपभोक्ता बढ़ गए हैं. ऐसे में पेट्रोलमैन, लाइनमैन, जेई के तमाम पद खाली हैं. बैठक में ये फैसला किया गया है कि अभी तक पीआरडी और उपनल के संविदाकर्मियों को छोड़कर रिक्त करीब 4500 पदों पर तेजी से भर्ती की जाएगी. साथ ही ढांचा भी फिर से गठित किया जाएगा. और युवाओं को तरजीह दी जाएगी. इसके साथ ही पहले चरण में देहरादून, रुद्रपुर और हल्द्वानी की विद्युत लाइनों को भूमिगत करने का काम किया जाएगा. साथ ही हरिद्वार व अन्य जगहों पर पिटकुल के सब स्टेशन बनने हैं, उनका काम तेजी से कराया जाएगा.
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बता दें कि उत्तराखंड राज्य गठन के समय आठ लाख बिजली उपभोक्ता थे जो वर्तमान में करीब 26 लाख हो गए हैं. इनमें से करीब 23 लाख उपभोक्ता घरेलू हैं. तीन लाख उपभोक्ता कॉमर्शियल व इंडस्ट्री से जुड़े हैं. कुल कमाई देखें तो करीब 1500 करोड़ रुपये घरेलू कनेक्शन से मिलते हैं, करीब 820 करोड़ कॉमर्शियल और करीब चार हजार करोड़ इंडस्ट्री से मिलता है. वहीं, करीब 500 करोड़ सरकारी दफ्तरों से मिलता है. करीब 6800 करोड़ रुपये की कुल कमाई होती है. इसके बाद भी यूपीसीएल करीब 150 करोड़ के घाटे में है जबकि यूजेवीएनएल और पिटकुल 100 करोड़ प्रतिवर्ष से ऊपर के मुनाफे में है.
वहीं, ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत के इस निर्णय ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से उनका वो चुनाव मुद्दा छीन लिया है, जिसमें दोनों पार्टियां प्रदेश के लोगों को सत्ता में आने के बाद मुफ्ती में बिजली देने का वादा करते थे. बता दें कि आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस ने कई बार कहा है कि सत्ता में आने के बाद वे प्रदेश की जनता को बिजली और पानी मुफ्त में देंगे.