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ऊर्जा विभाग ने शुरू किया ये अभियान, बिजली चोरी करने वाले हो जाएं सावधान!

प्रदेश में हर साल बिजली चोरी के चलते राज्य सरकार को 200 से 300 करोड़ के राजस्व का नुकसान होता है. बिजली चोरी के मामले सबसे ज्यादा देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिलों से सामने आते हैं. इसी को देखते हुए ऊर्जा विभाग ने ऊर्जागिरी नाम से एक विशेष अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान का मकसद प्रदेश में बिजली चोरी पर लगाम और पावर लीकेज पर नियंत्रण करना भी है.

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Published : Oct 2, 2019, 11:41 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में बिजली चोरी और लीकेज पर नियंत्रण करने के लिए ऊर्जागिरी अभियान की शुरुआत हो चुकी है. इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता को जागरूक करने के लिए यह अभियान एक अहम भूमिका निभाएगा. जिससे बिजली चोरी पर लगाम लगेगी.

बता दें कि, प्रदेश में हर साल बिजली चोरी के चलते राज्य सरकार को 200 से 300 करोड़ के राजस्व का नुकसान होता है. बिजली चोरी के मामले सबसे ज्यादा देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिलों से सामने आते हैं. इसी को देखते हुए ऊर्जा विभाग ने ऊर्जागिरी नाम से एक विशेष अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान का मकसद प्रदेश में बिजली चोरी पर लगाम और पावर लीकेज पर नियंत्रण करना भी है.

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गांधी जयंती के मौके पर गांधीगिरी की तर्ज पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऊर्जागिरी अभियान की शुरुआत की. इस दौरान ऊर्जा सचिव राधिका झा समेत यूपीसीएल के तमाम वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे. कार्यक्रम में लोगों को बिजली चोरी न करने की शपथ भी दिलाई जाएगी. वहीं, इसके बावजूद भी शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

देहरादूनः उत्तराखंड में बिजली चोरी और लीकेज पर नियंत्रण करने के लिए ऊर्जागिरी अभियान की शुरुआत हो चुकी है. इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता को जागरूक करने के लिए यह अभियान एक अहम भूमिका निभाएगा. जिससे बिजली चोरी पर लगाम लगेगी.

बता दें कि, प्रदेश में हर साल बिजली चोरी के चलते राज्य सरकार को 200 से 300 करोड़ के राजस्व का नुकसान होता है. बिजली चोरी के मामले सबसे ज्यादा देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिलों से सामने आते हैं. इसी को देखते हुए ऊर्जा विभाग ने ऊर्जागिरी नाम से एक विशेष अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान का मकसद प्रदेश में बिजली चोरी पर लगाम और पावर लीकेज पर नियंत्रण करना भी है.

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गांधी जयंती के मौके पर गांधीगिरी की तर्ज पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऊर्जागिरी अभियान की शुरुआत की. इस दौरान ऊर्जा सचिव राधिका झा समेत यूपीसीएल के तमाम वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे. कार्यक्रम में लोगों को बिजली चोरी न करने की शपथ भी दिलाई जाएगी. वहीं, इसके बावजूद भी शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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देहरादून- प्रदेश में बिजली चोरी और लीकेज पर नियंत्रण करने के लिए आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऊर्जागिरी अभियान की शुरुआत की । इस दौरान ऊर्जा सचिव राधिका झा के साथ ही यूपीसीएल के तमाम वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे ।

बता दें कि आज गांधी जयंती के मौके पर गांधीगिरी की तर्ज पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऊर्जागिरी अभियान की शुरुआत की। इस विशेष अभियान का मकसद प्रदेश में बिजली चोरी पर लगाम लगाना है। इसके साथ ही पावर लीकेज पर नियंत्रण करना भी इसका मुख्य उद्देश्य है।


Body:वही इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऊर्जा विभाग के इस खास अभियान की जमकर तारीफ की उनका कहना था कि जनता को जागरूक करने के लिए यह अभियान एक अहम भूमिका निभाएगा । इस अभियान के तहत पहले जहां लोगों को गांधीगिरी की तर्ज पर बिजली चोरी न करने की शपथ दिलाई जाएगी । वहीं इसके बावजूद भी शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


Conclusion:बहरहाल आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश में हर साल बिजली चोरी के चलते राज्य सरकार को 200 से 300 करोड़ के राजस्व का बड़ा नुकसान होता है । इसमें बिजली चोरी के सबसे अधिक मामले देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जनपद से सामने आते हैं । ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में ऊर्जागिरी नाम के इस विशेष अभियान से प्रदेश में बिजली चोरी पर कितनी लगाम लग पाती है।
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