देहरादूनः उत्तराखंड में बिजली चोरी और लीकेज पर नियंत्रण करने के लिए ऊर्जागिरी अभियान की शुरुआत हो चुकी है. इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता को जागरूक करने के लिए यह अभियान एक अहम भूमिका निभाएगा. जिससे बिजली चोरी पर लगाम लगेगी.
बता दें कि, प्रदेश में हर साल बिजली चोरी के चलते राज्य सरकार को 200 से 300 करोड़ के राजस्व का नुकसान होता है. बिजली चोरी के मामले सबसे ज्यादा देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिलों से सामने आते हैं. इसी को देखते हुए ऊर्जा विभाग ने ऊर्जागिरी नाम से एक विशेष अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान का मकसद प्रदेश में बिजली चोरी पर लगाम और पावर लीकेज पर नियंत्रण करना भी है.
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गांधी जयंती के मौके पर गांधीगिरी की तर्ज पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऊर्जागिरी अभियान की शुरुआत की. इस दौरान ऊर्जा सचिव राधिका झा समेत यूपीसीएल के तमाम वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे. कार्यक्रम में लोगों को बिजली चोरी न करने की शपथ भी दिलाई जाएगी. वहीं, इसके बावजूद भी शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.