देहरादून: देश में लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व के रूप में लोकसभा चुनाव एक बार फिर से सामने है. किसी भी देश की दिशा और दशा तय करने के लिए वहां के युवा सबसे महत्वपूर्ण होते हैं. लेकिन चुनाव के इस दौर में आम लोगों और युवाओं से जुड़े मुद्दे गायब दिख रहे हैं. इस चुनावी माहौल में रोजगार को लेकर युवाओं और नेताओं की जानिए क्या है राय.
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कुछ युवाओं का कहना है कि देश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार के कारण बेरोजगारी का संकट उभर रहा है. वहीं, कुछ युवा सरकार की नीतियों को दोषी ठहरा रहे हैं. जानकारी के अनुसार प्रदेश में लगभग 9 लाख लोगों के नाम रोजगार कार्यालय में दर्ज हैं. उधर, उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष रोजगार लेने नहीं, देने की बात करते हैं. बीजेपी के अनुसार युवाओं ने कई बिजनेस शुरू किए हैं. कई फैक्ट्रियां खुली हैं लेकिन कितने युवाओं को रोजगार मिला है, इसका आंकड़ा सरकार के पास भी नहीं है.
दूसरी तरफ विपक्ष लगातार न्यूनतम आय देने की बात कर रहा है. उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बेरोजगारी के लिए मोदी सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने 2014 में 2 करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा किया था, वह पूरा नहीं किया है.