देहरादून: राजधानी देहरादून में स्मार्ट सिटी (smart City) 5 इलेक्ट्रिक बसें (electric buses) आईएसबीटी से राजपुर पर दौड़ रही हैं. इन बसों ने पिछले दो महीनो में लाखों रुपए का घाटा उठाया है. इलेक्ट्रिक बसों के नुकसान की जानकारी सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने एक आरटीआई के जरिये निकाली. जिसमें दो महीनों के भीतर 30 लाख रुपए के घाटे की बात सामने आई है.
सूचना के अधिकार के तहत खुलासा हुआ कि 1 इलेक्ट्रिक बस द्वारा 1 महीने में देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड को 3 लाख का नुकसान हुआ. यदि 10 साल के एग्रीमेंट पर 30 बसों द्वारा यही नुकसान हुआ तो नुकसान 100 करोड़ के पार हो जायेगा. 5 इलेक्ट्रिक बसों द्वारा 2 महीने में 55825 किलोमीटर का सफर तय किया गया. स्मार्ट सिटी लिमिटेड से एवेरी ट्रांस कंपनी ने 37 लाख 67 हजार 6 सौ 49 रुपये लेने हैं. यात्री किराया 2 महीने का 11 लाख 14 हजार 7 सौ 5 रुपये आया है. 2 महीने में कंडक्टर समेत करीब 30 लाख रुपए का नुकसान हुआ है.
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सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल (Vijay Vardhan Dandriyal) ने बताया कि हमारी सिटी बसों का किराया 10,15 और 20 रुपए है. वह 10 से 12 लाख रुपए की बसें हैं, लेकिन इलेक्ट्रिक बस करीब सवा करोड़ के आसपास की है. इसका किराया भी सिटी बस के बराबर ही है. वर्तमान समय में सिटी बस संचालक घाटे में चल रहे हैं. हम लोगों को भी इससे काफी नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा सवा करोड़ की बस, सिटी बस के बराबर किराए में किस तरह फायदे में जा रही है. इसके लिए आरटीई डाली गई.
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जिसमें जानकारी मिली कि 25 अप्रैल को सीएम ने इलेक्ट्रिक बसों का उद्घाटन किया, आईएसबीटी से राजपुर रूट पर चल रही थी. उसके बाद दो महीने के अंतराल में इस बस ने 55825 सफर तय किया. साथ ही स्मार्ट सिटी का कंपनी के साथ 30 बसों का एग्रीमेंट है. 66.78 प्रतिकिलो मीटर रुपए का एग्रीमेंट है. स्मार्ट सिटी द्वारा कंपनी को करीब 37 लाख रुपए देने हैं, लेकिन दो महीने के दौरान सिर्फ 11 लाख 14 हजार के करीब ही कमाई हुई है. इसमें साढ़े 26 लाख रुपए का नुकसान दो महीने के अंदर हुआ है.
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उसके बाद परिचालक रोडवेज का है. उसका वेतन भी स्मार्ट सिटी देगी. कुल मिलाकर दो महीने के अंदर पांच बसों द्वारा करीब 30 लाख रुपए का घाटा उठाया गया है.
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विजय वर्धन डंडरियाल ने बताया इसमें अभी और बसें आना बाकी है. अगर इस तरह से घाटा चलता रहा तो 10 साल के एग्रीमेंट में कम से कम 100 करोड़ रुपए से घाटा होगा. साथ ही जब इस बारे में हमने स्मार्ट सिटी से इन इलेक्ट्रिक बसों की जानकारी लेनी चाही तो उनसे जानकारी नहीं मिली.