देहरादून: भारत निर्वाचन आयोग ने देशभर में मतदाता सूची और वोटर कार्ड की त्रुटियों को सही करने के लिए एक सितंबर से चलाये जा रहे निर्वाचक सत्यापन कार्यक्रम को 18 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है. जिससे बचे हुए निर्वाचक भी अपने वोटर आईडी की त्रुटियों को दूर करा सकें. अबतक राज्य में करीब 36.34 फीसदी निर्वाचकों ने अपने वोटर आईडी के त्रुटियों को सही कर लिया है. वहीं निर्वाचन आयोग ने 18 नवंबर 2019 तक सौ फीसदी मतदाताओं के सत्यापन का लक्ष्य रखा है.
उत्तराखंड में चलाये जा रहे वोटर आईडी और मतदाता सूची को ठीक करने के लिए इवीपी (इलेक्टर वेरिफिकेशन प्रोग्राम) चलाया जा रहा है. जिसके लिए लिए बीएलओ घर-घर जाकर वोटर लिस्ट में नाम, पिता का नाम और घर का पता ठीक कर रहे हैं. इसके साथ ही अगर किसी मतदाता के वोटर कार्ड में कोई गलती है, तो उसके लिए आवेदन करवाया जा रहा है.
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वहीं मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि इलेक्टर वेरिफिकेशन प्रोग्राम को 15 अक्टूबर से बढ़ाकर 18 नवंबर तक कर दिया है. जिससे प्रदेश के सभी मतदाता अपने वोटर आईडी की गलतियों को दूर करा सकें. हालांकि, अभीतक प्रदेश में 36.34 फीसदी मतदाताओं ने अपने वोटर आईडी में गलतियों को ठीक करवा लिया है. वहीं उन्होंने कहा कि बाकी बचे मतदाताओं के सत्यापन और वोटर आईडी की गलतियों को दूर करने के लिए प्रदेश के सभी बीएलओ को निर्देश दिए गए हैं.
इसके साथ ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 18 नवंबर को निर्वाचक सत्यापन कार्यक्रम समाप्त होने के बाद 25 नवंबर को इंटेग्रेटेड रोल को पब्लिश किया जाएगा. उसके बाद 25 नवंबर से 24 दिसंबर तक नई आपत्तियां दर्ज की जाएंगी, जिनको डिस्पोजल कर 10 जनवरी 2020 तक मतदाता सूची को फाइनल कर लिया जाएगा. जिसके बाद 20 जनवरी 2020 को अंतिम मतदाता सूची को पब्लिश कर दिया जाएगा.