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CBSE के ऐतिहासिक फैसले का धन सिंह रावत ने किया स्वागत, केंद्रीय शिक्षा मंत्री का जताया आभार - Dhan Singh Rawat on CBSE decision

CBSE Schools can now teach in regional languages भारतीय भाषाओं में शिक्षा का विकल्प उपलब्ध कराने के फैसले का उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने स्वागत किया है. धन सिंह रावत ने इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का अभार जताया है.

CBSE decision to study in regional language
CBSE के ऐतिहासिक फैसले का धन सिंह रावत ने किया स्वागत
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Published : Jul 22, 2023, 3:31 PM IST

देहरादून: सीबीएसई ने अपने सभी विद्यालयों में भारतीय भाषाओं में शिक्षा का विकल्प उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. सीबीएसई ने ये फैसला बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लिया है. इस फैसले के बाद स्कूलों में क्षेत्रीय भाषा में 12वीं तक की पढ़ाई की जा सकेगी. सीबीएसई के इस फैसले का उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने स्वागत किया है.

  • आदरणीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री @dpradhanbjp जी के नेतृत्व में यह निश्चित ही "शिक्षा क्षेत्र में एक नए युग" की शुरुआत है।

    — Dr.Dhan Singh Rawat (@drdhansinghuk) July 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने ट्वीट कर लिखा 'केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के नेतृत्व में यह निश्चित ही 'शिक्षा क्षेत्र में एक नए युग' की शुरुआत है. धन सिंह रावत ने लिखा 'इस सराहनीय कदम के लिए सीबीएसई को बधाई देता हूं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति की परिकल्पना के अनुरूप, इससे बच्चों को भारतीय भाषा आधारित शिक्षा ग्रहण करने का अवसर प्राप्त होगा.
ये भी पढ़ें-CBSE Supplementary Exam: 10वीं-12वीं के छात्र आज से करें आवेदन, इतना लगेगा शुल्क

बता दें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपने स्कूलों से बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा के वैकल्पिक माध्यम के रूप में भारतीय भाषाओं का उपयोग करने पर विचार करने को कहा है. यह देखते हुए कि शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत कई भाषाओं में शिक्षा शुरू करने के लिए उपाय किए हैं. बोर्ड ने अपने स्कूलों को उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने और बहुभाषी शिक्षा से सर्वोत्तम बनाने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करने के लिए कहा है.
पढ़ें- CBSE का बड़ा फैसला: सभी भारतीय भाषाओं में हो 12वीं तक की पढ़ाई

सीबीएसई के निदेशक (शैक्षणिक) जोसेफ इमैनुएल ने स्कूलों को लिखे एक पत्र में कहा, 'भारतीय भाषाओं के माध्यम से शिक्षा की सुविधा के लिए की गई पहल के मद्देनजर, सीबीएसई से संबद्ध स्कूल अन्य मौजूदा विकल्पों के अलावा एक वैकल्पिक माध्यम के रूप में भारतीय संविधान की अनुसूची 8 में उल्लिखित भारतीय भाषाओं का उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं.

देहरादून: सीबीएसई ने अपने सभी विद्यालयों में भारतीय भाषाओं में शिक्षा का विकल्प उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. सीबीएसई ने ये फैसला बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लिया है. इस फैसले के बाद स्कूलों में क्षेत्रीय भाषा में 12वीं तक की पढ़ाई की जा सकेगी. सीबीएसई के इस फैसले का उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने स्वागत किया है.

  • आदरणीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री @dpradhanbjp जी के नेतृत्व में यह निश्चित ही "शिक्षा क्षेत्र में एक नए युग" की शुरुआत है।

    — Dr.Dhan Singh Rawat (@drdhansinghuk) July 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने ट्वीट कर लिखा 'केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के नेतृत्व में यह निश्चित ही 'शिक्षा क्षेत्र में एक नए युग' की शुरुआत है. धन सिंह रावत ने लिखा 'इस सराहनीय कदम के लिए सीबीएसई को बधाई देता हूं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति की परिकल्पना के अनुरूप, इससे बच्चों को भारतीय भाषा आधारित शिक्षा ग्रहण करने का अवसर प्राप्त होगा.
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बता दें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपने स्कूलों से बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा के वैकल्पिक माध्यम के रूप में भारतीय भाषाओं का उपयोग करने पर विचार करने को कहा है. यह देखते हुए कि शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत कई भाषाओं में शिक्षा शुरू करने के लिए उपाय किए हैं. बोर्ड ने अपने स्कूलों को उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने और बहुभाषी शिक्षा से सर्वोत्तम बनाने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करने के लिए कहा है.
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सीबीएसई के निदेशक (शैक्षणिक) जोसेफ इमैनुएल ने स्कूलों को लिखे एक पत्र में कहा, 'भारतीय भाषाओं के माध्यम से शिक्षा की सुविधा के लिए की गई पहल के मद्देनजर, सीबीएसई से संबद्ध स्कूल अन्य मौजूदा विकल्पों के अलावा एक वैकल्पिक माध्यम के रूप में भारतीय संविधान की अनुसूची 8 में उल्लिखित भारतीय भाषाओं का उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं.

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