देहरादून: वैश्विक महामारी कोराना वायरस को देखते हुए उत्तराखंड में शिक्षा व्यवस्था को लेकर शुक्रवार को शिक्षा मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों से बातचीत की. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा अभिभावकों से अवैध फीस वसूली पर गहरी नाराजगी भी जाहिर की.
कोरोना महामारी के दौरान भी निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से अवैध वसूली की घटनाएं सामने आने पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने गहरी नाराजगी जाहिर की. यही नहीं ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द करने तक के निर्देश दिए. शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस समय देश कोरोना वायरस से संघर्ष कर रहा है. ऐसे मे सरकार की मंशा आम आदमी को राहत देने की है. उन्होंने कहा कि कुछ प्राइवेट विद्यालयों द्वारा अभिभावको से अवैध फीस लेने का दबाव बना रहे है. इस दौरान उन्होने कहा कि अवैध फीस लेने वाले विद्यालयों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई अमल में लायी जायेगी.
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उन्होने कहा कि ट्यूशन फीस के अतिरिक्त कोई भी शुल्क न लिया जाय. विद्यालय खुलने के बाद फीस एक साथ जमा न कर किश्तों में फीस ली जाय. उन्होने कहा जो अभिभावक फीस देने में सक्षम है वे फीस जमा कर सकते है. उन्होने कहा कि इस समय सभी विद्यालय बंद है. इसके बावजूद कुछ विद्यालयों द्वारा स्कूल बस, कम्प्यूटर आदि की भी फीस ली जा रही है. उन्होने कहा कि ऐसे विद्यालयों पर कार्रवाई करते हुए उनकी मान्यता भी रद्द की जाए.
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शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस भ्रष्टाचार को रोकने में जो खण्ड शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी व मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्य नही कर पा रहे है. उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने की आवश्यकता है.