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बच्चों को घर पर पढ़ाएं अभिभावक, शिक्षा मंत्री ने नौनिहालों की पढ़ाई को लेकर खड़े किए हाथ

शिक्षा विभाग ने यदि जल्द ही इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया तो हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक जाएगा.

शिक्षा विभाग
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Published : Jun 14, 2020, 5:59 PM IST

Updated : Jun 14, 2020, 7:26 PM IST

देहरादून: कोरोना काल में भले ही स्कूल बंद हों, लेकिन ऑनलाइन क्लास के जरिये कुछ जगहों पर बच्चों की पढ़ाई जारी है. हालांकि ऐसे सैकड़ों छात्र हैं जो ऑनलाइन क्लास से भी महरूम हैं. इनके लिए शिक्षा विभाग के पास भी कोई प्लान नहीं है. तभी तो सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने अब ऐसे बच्चों को घर पर ही पढ़ने की सलाह दी है.

स्कूलों के बंद होने के चलते नई कक्षा में प्रवेश पूरी तरह बंद है. खासकर सरकारी स्कूलों में तो प्रवेश प्रक्रिया को रोक दिया गया है. लेकिन चिंता की बात उन छात्रों के लिए है जो प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा पांच में अध्ययनरत थे. दरअसल, सरकारी स्कूलों में कक्षा 5 के छात्रों को नए स्कूलों में एडमिशन नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में उनके ऑनलाइन पढ़ने की कोई संभावना नहीं है, न ही वे नए स्कूल में एडमिशन होने तक कक्षा 6 के किसी ग्रुप में जुड़कर शिक्षक द्वारा सिलेबस तैयारी का फायदा ले सकते हैं.

शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों को दी नसीहत.

पढ़ें- कंटेनमेंट जोन नियमों का उल्लंघन करने पर महिला समेत पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज

ये परेशानी केवल पांचवीं के छात्र के लिए ही नहीं है, बल्कि दूसरे राज्यों से आये प्रवासियों के बच्चे भी शिक्षा से महरूम हैं. न तो उन्हें सरकारी स्कूल में एडमिशन मिल सकता है और न ही वो ऑनलाइन क्लास का हिस्सा बन सकते हैं. ऐसे हालात में अब शिक्षा मंत्री घर पर ही बच्चों को पढ़ाने की सलाह अभिभावकों को दे रहे हैं.

कोरोना के चलते यदि कुछ प्रभवित हुआ है तो वो स्कूली शिक्षा है. बावजूद इसके शिक्षा विभाग कोई गंभीर प्रयास नहीं कर रहा है. जिसका सबसे ज्यादा असर प्रवासियों के बच्चों और दूसरे ऑनलाइन क्लास का हिस्सा न बन पाने वाले छात्रों पर पड़ रहा है.

देहरादून: कोरोना काल में भले ही स्कूल बंद हों, लेकिन ऑनलाइन क्लास के जरिये कुछ जगहों पर बच्चों की पढ़ाई जारी है. हालांकि ऐसे सैकड़ों छात्र हैं जो ऑनलाइन क्लास से भी महरूम हैं. इनके लिए शिक्षा विभाग के पास भी कोई प्लान नहीं है. तभी तो सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने अब ऐसे बच्चों को घर पर ही पढ़ने की सलाह दी है.

स्कूलों के बंद होने के चलते नई कक्षा में प्रवेश पूरी तरह बंद है. खासकर सरकारी स्कूलों में तो प्रवेश प्रक्रिया को रोक दिया गया है. लेकिन चिंता की बात उन छात्रों के लिए है जो प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा पांच में अध्ययनरत थे. दरअसल, सरकारी स्कूलों में कक्षा 5 के छात्रों को नए स्कूलों में एडमिशन नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में उनके ऑनलाइन पढ़ने की कोई संभावना नहीं है, न ही वे नए स्कूल में एडमिशन होने तक कक्षा 6 के किसी ग्रुप में जुड़कर शिक्षक द्वारा सिलेबस तैयारी का फायदा ले सकते हैं.

शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों को दी नसीहत.

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ये परेशानी केवल पांचवीं के छात्र के लिए ही नहीं है, बल्कि दूसरे राज्यों से आये प्रवासियों के बच्चे भी शिक्षा से महरूम हैं. न तो उन्हें सरकारी स्कूल में एडमिशन मिल सकता है और न ही वो ऑनलाइन क्लास का हिस्सा बन सकते हैं. ऐसे हालात में अब शिक्षा मंत्री घर पर ही बच्चों को पढ़ाने की सलाह अभिभावकों को दे रहे हैं.

कोरोना के चलते यदि कुछ प्रभवित हुआ है तो वो स्कूली शिक्षा है. बावजूद इसके शिक्षा विभाग कोई गंभीर प्रयास नहीं कर रहा है. जिसका सबसे ज्यादा असर प्रवासियों के बच्चों और दूसरे ऑनलाइन क्लास का हिस्सा न बन पाने वाले छात्रों पर पड़ रहा है.

Last Updated : Jun 14, 2020, 7:26 PM IST
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